×

निजी लैब ने 35 लोगों को बताया कोरोना संक्रमित, मचा हड़कंप, जांच के आदेश

नोएडा की एक प्राइवेट लैबोरेट्री ने गौतमबुद्ध नगर के 35 स्वस्थ लोगों को कोरोना वायरस से पॉजिटिव घोषित कर दिया। इसके बाद हड़कंप मच गया। स्वास्थ विभाग ने सभी लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया और उनका दोबारा सरकारी प्रयोगशाला से टेस्ट करवाया गया।

Dharmendra kumar
Published on: 10 Jun 2020 8:16 PM GMT
निजी लैब ने 35 लोगों को बताया कोरोना संक्रमित, मचा हड़कंप, जांच के आदेश
X

नोएडा: नोएडा की एक प्राइवेट लैबोरेट्री ने गौतमबुद्ध नगर के 35 स्वस्थ लोगों को कोरोना वायरस से पॉजिटिव घोषित कर दिया। इसके बाद हड़कंप मच गया। स्वास्थ विभाग ने सभी लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया और उनका दोबारा सरकारी प्रयोगशाला से टेस्ट करवाया गया। अब सरकारी लैब की रिपोर्ट में उन्हें स्वस्थ घोषित किया गया है। इसके बाद जिला प्रशासन ने प्राइवेट लैब के खिलाफ जांच का आदेश दे दिया है।

जिला निगरानी अधिकारी सुनील दोहरे ने बताया कि 35 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई और इन फर्जी रिपोर्ट को लेकर निजी प्रयोगशालाओं को नोटिस भेजा गया है। यह लापरवाही बहुत बड़ी है। निगेटिव होने के बावजूद मरीजों को पॉजिटिव मरीजों वाले आइसोलेशन वॉर्ड में रहना पड़ा।

यह भी पढ़ें…कोरोना पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का बड़ा बयान, अन्य देशों के मुकाबले भारत में…

एक वरिष्ठ सरकारी डॉक्टर ने बताया कि निजी प्रयोगशालाओं से आने वाली रिपोर्ट्स के आधार पर मरीजों को कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कर लिया जाता है। मरीज को भर्ती करने के साथ उसी दिन स्वास्थ विभाग उसकी दोबारा जांच करता है। उसका सैंपल लेकर सरकारी प्रयोगशाला को भेज दिया जाता है। इन नमूनों की जांच नोएडा में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजी, सुपर स्पेशलिटी चाइल्ड हॉस्पिटल या ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान की प्रयोगशालाओं से करवाई जाती है।

यह भी पढ़ें…कोरोना टेस्टिंग पर CM सख्त, बोले- 15 जून तक ट्रूनेट मशीन का इस्तेमाल हो जाए शुरू

डॉक्टर ने बताया कि अगर इन तीनों सरकारी प्रयोगशालाओं से भी रोगी की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव बताई जाती है तो उसका इलाज बदस्तूर जारी रहता है। अगर रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है तो उसे अस्पताल से छुट्टी देकर घर भेज दिया जाता है। ऐसे मरीज को अगले 15 दिनों के लिए घर में क्वॉरेंटाइन रहना पड़ता है। डॉक्टरों ने बताया कि जांच के लिए मरीजों का चयन करते समय निजी चिकित्सा संस्थानों को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए। जांच केवल आईसीएमआर से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में ही की जानी है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।

यह भी पढ़ें…कोरोना के खिलाफ जंगः झांसी उत्तर मध्य रेलवे ने कर दिया ये बड़ा काम

अब इस मामले में गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई के आदेश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक ओहरी ने प्राइवेट लैबोरेट्री को नोटिस भेजा है। उनसे पूछा गया है कि उन्होंने किस आधार पर इन 35 रोगियों को कोरोना वायरस से पॉजिटिव घोषित किया था। क्यों न उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज करवाई जाए। यह न केवल महामारी अधिनियम का उल्लंघन है बल्कि भारतीय चिकित्सा विज्ञान परिषद के कायदों की भी अवहेलना है।

रिपोर्ट: दीपांकर जैन

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story