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शासनादेश पर अमल नहीं: बिना क्वारंटाइन हुए ड्यूटी कर रहे डॉक्टर व स्टॉफ

प्राविंशियल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन उप्र ने कोविड ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों की जान से खिलवाड़ पर एतराज जताया है।

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Newstrack Network NetworkPublished By Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 5 May 2021 5:49 PM IST (Updated on: 5 May 2021 5:51 PM IST)
शासनादेश पर अमल नहीं: बिना क्वारंटाइन हुए ड्यूटी कर रहे डॉक्टर व स्टॉफ
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लखनऊ। प्राविंशियल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन उप्र ने कोविड ड्यूटी कर रहे पीएमएस संवर्ग के डॉक्टरों की जान से खिलवाड़ पर सख्त एतराज जताते हुए महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को पत्र लिखकर 16 अप्रैल, 2021 को जारी शासनादेश क्रियान्वयन की मांग की है। यह शासनादेश कोविड डयूटी में चिकित्सालयों में कार्य कर रहे चिकित्सकों के रुकने एवं भोजन आदि के संबंध में निर्देश थे लेकिन इन पर अभी तक अमल नहीं हुआ है।

संघ के अध्यक्ष डॉ. सचिन वैश्य व महासचिव डॉ. अमित सिंह ने पत्र में बहुत ही मार्मिक शब्दों में पीड़ा बयान करते हुए कोविड संक्रमण के रोकथाम तथा उपचार में लगे संवर्ग के चिकित्सकों को आवासीय सुविधा (मय लॉन्ड्री एवं भोजन) हेतु अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश का आदेश (संलग्न) किया गया है। पत्र में लिखा है कि शासनादेश निर्गत किये जाने के उपरांत भी हमारे संवर्ग के चिकित्सकों को ये सुविधा प्राप्त नही हो रही है एवं इन सुविधाओं से वंचित होने की दशा में ये चिकित्सक अपने-अपने आवासों से ही चिकित्सालयों में आकर अपनी सेवाएं देने को तथा ड्यूटी के उपरांत अपने परिवार के साथ रहने को बाध्य हैं। पत्र में इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा गया है कि ये स्थिति संक्रमण फैलने के लिए अत्यंत ही अनुकूल स्थितियां उत्पन्न कर रही हैं।

पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में बहुत सारे चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ तथा उनके परिवार के बहुत सारे सदस्य संक्रमित हो चुके है तथा कई शहीद भी हो चुके हैं। निकट भविष्य के लिए ये स्थिति अत्यंत निराशाजनक एवं हतोस्साहित करने वाली है। इसका परिणाम कितना आत्मघाती होगा, स्वतः ही आकलन किया जा सकता है।

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डॉक्टर द्वय ने लिखा है कि बिना पर्याप्त संख्या एवं टूटे मनोबल से इस महामारी को नियंत्रित करना तथा अमूल्य मानव जीवन को बचाने का कार्य कैसे संभव होगा, इस पर विचार करना अति आवश्यक है। चिकित्सकों के हित में शासनादेश निर्गत होने के पश्चात तथा इस हेतु आवश्यक धनराशि के अवमुक्त होने के बाद भी चिकित्सकों हेतु प्रयाप्त व्यवस्था क्यों नही हो पा रही है,यह अत्यंत गंभीर लापरवाही तथा शासनादेश के विपरीत एवं किसी भी परिस्थिति में तर्कसंगत नहीं है।

प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ, उत्तर प्रदेश इस व्यवस्था के न होने पर अपना कड़ा रोष व्यक्त करता है और आपसे अनुरोध करता है, कि इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए संबंधित अधिकारियों को जिलावार समीक्षा करने हेतु आदेशित करने तथा दोषी अधिकारियों के लिए महामारी अधिनियम में उपस्थित आवश्यक प्राविधानों के अनुरूप आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु उच्च एवं उच्चतम स्तर पर अवगत कराने का कष्ट करें।




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Raghvendra Prasad Mishra

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