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यूपी: अब हर गांव में होंगे ट्री गार्जियन, जानिए क्या हैं इनके कार्य
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार पर्यावरण की बेहतरी और हरियाली के लिए शानदार और अभिनव प्रयास करने जा रही है। इस अभियान को वृक्षारोपण महाकुंभ का नाम दिया गया है।
लखनऊ: प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार पर्यावरण की बेहतरी और हरियाली के लिए शानदार और अभिनव प्रयास करने जा रही है। इस अभियान को वृक्षारोपण महाकुंभ का नाम दिया गया है।
वृक्षारोपण महाकुंभ अभियान से प्रदेश की सभी 58 हजार 924 ग्राम पंचायतों और 652 शहरी क्षेत्रों को जोड़ दिया गया है। इस महाअभियान के लिए हर गांव में वृक्ष अभिभावक यानी कि ट्री गार्जियन बना दिए गए हैं। ये वृक्ष अभिभावक पौधे लगाए जाने से लेकर उनकी देखरेख तक की जिम्मेदारी उठाएंगे।
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ग्राम प्रधानों को बनाया गया जवाबदेह
इसके लिए ग्राम प्रधान को भी जवाबदेह बनाया गया है। प्रदेश सरकार के 23 मंत्रालय इस महाअभियान का हिस्सा बनेंगे। वृक्षारोपण महाकुंभ के तहत सरकार इस वर्ष 15 अगस्त को प्रदेश के हर हिस्से में 22 करोड़ पौधे लगाएगी जो अपने आप में एक रिकार्ड होगा।
इस महाअभियान का आने वाले समय में दूरगामी परिणाम देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रयास है कि 2022 तक प्रदेश में हरियाली का स्तर 15 प्रतिशत तक पहुंचे जो कि अभी उनके प्रयासों के बाद 9.2 प्रतिशत के करीब है। प्रदेश की जनता और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए ये एक बड़ा तोहफा होगा।
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पिछले वर्ष एक ही दिन में 11 करोड़ पौधे लगाए गए थे
इसी के तहत पिछले वर्ष एक ही दिन में 11 करोड़ पौधे लगाए गए थे। इन कोशिशों के चलते ही आज प्रदेश में हरियाली का स्तर 9.2 प्रतिशत पहुंच गया है। 22 करोड़ पौधारोपण के बाद हरियाली का यह स्तर लगभग 12 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। मुख्यमंत्री जी की कोशिश है कि
2022 तक हरियाली के इस स्तर को 15 प्रतिशत तक पहुंचाया जाए। प्रदूषण के खात्मे से लेकर बीमारियों से बचाव और बेहतरीन पर्यावरण के तौर पर इसके शानदार नतीजे देखने को मिलेंगे।
इस साल 22 करोड़ पौधे लगाने के लिए मुख्यमंत्री ने पिछले वर्ष से ही तैयारियां शुरू कर दी थीं। इसके लिए किसानों से सर्वे कराकर उनकी पसंद के पौधे पौधशालाओं में तैयार कराए गए। अब इन पौधों को लगाने के लिए 15 अगस्त की तारीख चुनी गई है।
ये 22 करोड़ पौधे प्रदेश सरकार की तरफ से निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। 22 करोड़ पौधारोपण के इस महाअभियान को वृक्षारोपण महाकुंभ का नाम दिया गया है।