×

अब मण्डियों में भीड़ नहीं लगेगी, किसानों को नजदीक में उत्पाद बेचने की मिलेगी सुविधा

नोवेल कोरोना वायरस की आपदा को ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषक हित में मण्डी परिसर के बाहर विभिन्न क्रय संस्थाओं, भण्डारण व प्रसंस्करण इकाइयों के लिए छूट प्रदान की है।

Ashiki
Published on: 23 April 2020 3:13 PM GMT
अब मण्डियों में भीड़ नहीं लगेगी, किसानों को नजदीक में उत्पाद बेचने की मिलेगी सुविधा
X

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: नोवेल कोरोना वायरस की आपदा को ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषक हित में मण्डी परिसर के बाहर विभिन्न क्रय संस्थाओं, भण्डारण व प्रसंस्करण इकाइयों के लिए छूट प्रदान की है। इसके तहत मण्डी परिसर के बाहर कृषक समूह, कृषक उत्पादन संगठन, शीतगृह/साइलो एवं प्रसंस्करण इकाइयों आदि को सीधी खरीद हेतु मौजूदा मण्डी नियमों में छूट देने का निर्णय लिया गया है।

ये भी पढ़ें:कोरोना वायरस से बचाव के लिए नगर निगम कर्मचारियों ने फागिंग की, देखें तस्वीरें

इस निर्णय से कृषक हित में विकेन्द्रीकृत विपणन व्यवस्था लागू की जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेष कृषि उत्पादन मण्डी नियमावली, 2019 में मण्डी उपस्थल घोषित करने तथा सीधी खरीद का लाइसेन्स देने की व्यवस्था की गई थी।

मण्डी उपस्थल घोषित कराने के नियम 58-क में ऐसे सभी शीतगृह, साइलो जिनकी भण्डारण क्षमता अन्यून 5000 टन निर्धारित थी, को घटाकर अब न्यूनतम 4000 टन करते हुए मण्डी उपस्थल घोषित कराने की व्यवस्था की गई है। इससे लगभग सभी 1911 शीतगृह मण्डी उपस्थल बन सकेंगे।

ये भी पढ़ें:ये डाइट चार्ट कम कर सकता है कोरोना वायरस का खतरा, जानिए क्या कहता है रिसर्च

इसी प्रकार 10 टन प्रति दिन की प्रसंस्करण क्षमता की इकाइयों (दाल मिल, आटा मिल, आयल मिल आदि) को भी मण्डी उपस्थल घोषित करने की व्यवस्था की गयी है। इससे मण्डियों में क्रय एवं विक्रयके लिए भीड़ नहीं लगेगी तथा किसानों को अपने उत्पादन क्षेत्र के नजदीक, उत्पाद को बेचने की सुविधा मिल सकेगी।

मण्डी उपस्थल के निर्धारित लाइसेंस शुल्क 2000 रुपए प्रति वर्ष की वर्तमान वित्तीय वर्ष (2020-21) में छूट प्रदान की जा रही है। केन्द्र व राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन सरकारी, सार्वजनिक उपक्रम, निगम, सहकारिता के स्वामित्व के भण्डागार, साइलो को आवेदन के साथ शुल्क समाप्त कर दिया गया है। इसी प्रकार प्रदेष सरकार द्वारा 5 लाख रुपए बैंक प्रतिभूति के प्रविधान को भी समाप्त कर दिया गया है।

ये भी पढ़ें:महंगाई भत्ते को फ्रीज करना निराशाजनक, पुनर्विचार करे सरकार: कर्मचारी संयुक्त परिषद

इसी प्रकार, उद्यान विभाग से लाइसेंस प्राप्त निजी क्षेत्र के ऐसे कोल्ड स्टोरेजों/प्रसंस्करण इकाइयों को सरलीकृत फार्म में निदेषक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के माध्यम से आवेदन करने की अनुमति दी गई है तथा इनकी सत्यापन प्रक्रिया भी समाप्त कर दी गई है, क्योंकि यह पूर्व से ही लाइसेंसधारी हैं।

कृषक सहकारी व कृषक उत्पादन संगठन को प्रोत्साहित करने के लिए सीधी खरीद के निर्धारित आवेदन शुल्क 1000 रुपए प्रतिवर्ष तथा 01 लाख रुपए की बैंक गारण्टी की छूट वर्तमान वित्तीय वर्ष (2020-21) में प्रदान की गई है। इस व्यवस्था के अतिरिक्त मण्डी उप स्थल तथा सीधी खरीद की आवेदन प्रकिया तथा इसके प्रपत्रों को ऑनलाइन एक्सेस पोर्टल पर करने की व्यवस्था को भी शामिल किया गया है

ये भी पढ़ें:वैज्ञानिक ने बताया, कोरोना संक्रमण से बचना है तो ऐसे साफ करें सब्जियां व फल

Ashiki

Ashiki

Next Story