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वक्फ की संपति पर हो रहा खुलेआम कब्जा, जानें क्या है माजरा?

बीजेपी के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विरेन्द्र पाल सिंह यादव का कहना है कि मेरा सिनेमा हॉल से कोई लेना देना नही है। अगर कोई मेरा नाम लेकर कोई गलत काम करता है तो क्या हम उसके जिम्मेदार होंगे। हालांकि उन्होंने सिनेमा हॉल पर कब्जे का समर्थन किया है। उनका कहना है कि सिनेमा हॉल वक्फ की सम्पत्ति नही है

Shivakant Shukla
Published on: 5 March 2019 1:14 PM GMT
वक्फ की संपति पर हो रहा खुलेआम कब्जा, जानें क्या है माजरा?
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शाहजहांपुर: यहां थाना सदर बाजार के मोहल्ला बाङूजई प्रथम में स्थित पुराने सिनेमा हाॅल पर खुलेआम कब्जा किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार इस कब्जे को शहर के बङे भू माफियाओं और बीजेपी के बङे नेता मिलकर करा रहे हैं।

बता दें कि शहर के घनी आबादी के बीच सिनेमा हाॅल है जो वक्फ की संपत्ति है। ये संपत्ति बेहद कीमती है। यहीं कारण है कि वक्फ की संपत्ति के कई बैनामे तक हो चुके है। अल्पसंख्यक विभाग भी इस अवैध कब्जे को तत्काल रूकवाने की बात कर रहे हैं। लेकिन बीजेपी के नेता का नाम सामने आने के बाद कार्यवाई करने से अल्पसंख्यक विभाग और पुलिस प्रशासन तक हिम्मत नहीं दिखा पा रहा है।

ये है पूरा मामला

दरअसल थाना सदर बाजार के मोहल्ला बाङूजई प्रथम मे स्थित पुराना सिनेमा हाॅल है। जिसको कई साल पहले बंद कर दिया गया था। मोहल्ला खलील गरवी निवासी हुमा मशकूर पत्नी आदिल जलील खान ने एडीएम को तहरीर देकर बताया कि शहर के बीच मे मेरी माता के नाम जमीन है। जो 1938 मे वक्फ है। उस जमीन का वक्फ नंबर 65ए है। ये वक्फ की सम्पत्ति है। उस जमीन का खसरा नंबर 819 व 823 है।

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इसी जमीन पर मल्हार नाम से सिनेमा हॉल बना है। लेकिन शहर बङे भू माफिया उस सिनेमा हॉल को तोड़ रहे हैं। उस जमीन पर कब्जा करके उसको बेचना चाहते है। सिनेमा हाॅल को एक माह से तोड़ा जा रहा है। भू माफियाओं का साथ यहां के बीजेपी नेता भी दे रहे हैं। इतना ही नही कई बार वह थाने गई लेकिन उसकी एक नही सुनी गई। उसके बाद आज वह एडीएम से सिनेमा हॉल को टूटने से बचाने की गुहार लगाई। जिसके बाद उन्होंने कार्यवाई का आश्वासन दिया है।

वही अल्पसंख्यक विभाग भी वक्फ की सम्पत्ति पर अवैध कब्जे की बात को माना है। लेकिन कैमरे पर तो उन्होंने तत्काल कब्जा रूकवाने और बेचने और खरीदने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कर रहे हैं। लेकिन जब सम्पत्ति पर कब्जे के मामले मे बीजेपी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विरेन्द्र पाल सिंह यादव का नाम सामने आया तो जिला प्रशासन मौन हो गया और अभी भी वक्फ की सम्पत्ति को खुलेआम कब्जा किया जा रहा है।

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अल्पसंख्यक अधिकारी मकरंत प्रसाद का कहना है कि कहना है कि वक्फ की सम्पत्ति अल्लाह तआला की होती है। उसका कोई बैनामा नही हो सकता है। इसलिए अभी एक शिकायत मिली है। जिसमे वक्फ की सम्पत्ति पर अवैध कब्जे की शिकायत की गई है। इस मामले मे अल्पसंख्यक विभाग थाने को भी कार्यवाई के लिए लिख रहा है। ऐसे मे अगर जो कब्जा कर रहा है। उसके खिलाफ कानूनी कारवाई भी की जाएगी।

क्या ​कहते हैं बीजेपी नेता

बीजेपी के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विरेन्द्र पाल सिंह यादव का कहना है कि मेरा सिनेमा हॉल से कोई लेना देना नही है। अगर कोई मेरा नाम लेकर कोई गलत काम करता है तो क्या हम उसके जिम्मेदार होंगे। हालांकि उन्होंने सिनेमा हॉल पर कब्जे का समर्थन किया है। उनका कहना है कि सिनेमा हॉल वक्फ की सम्पत्ति नही है। और न ही अल्पसंख्यक अधिकारी के आफिस मे दर्ज है। उसको दिल्ली की पार्टी ने खरीदा है। इसलिए उस पर काम चल रहा है। जब उनसे सवला पूछा कि अल्पसंख्यक अधिकारी ने सिनेमा हाॅल तोड़ने को अवैध बताया। तो उनका कहना है कि सिनेमा हॉल वक्फ की सम्पत्ति नही है। अल्पसंख्यक अधिकारी को अपने रिकार्ड देखना चहिए।

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गौरतलब है कि वक्फ सम्पत्ति पर कब्जे का सिलसिला पिछले एक महीने से चल रहा है। लेकिन इस ओर जिला प्रशासन कोई ध्यान नही दे रहा था। लेकिन जब इस मामले पर एडीएम के पास शिकायत पहुची तो अल्पसंख्यक विभाग कार्यवाई की बात तो कर रहा है। लेकिन जब बीजेपी के कद्दावर नेता व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और मौजूदा समय मे जिला पंचायत अध्यक्ष के पिता विरेंद्र पाल सिंह यादव का नाम सामने आया तो जिला प्रशासन ने आंखें बंद कर ली।

इतना ही नही जिला प्रशासन ने आंखे बंद इसलिए भी कर ली है। क्योंकि जिस बीजेपी नेता का नाम सामने आया है वह सीएम योगी के सबसे करीबी कैबिनेट मिनिस्टर के बेहद करीबी है। फिलहाल देखना होगा कि वक्फ सम्पत्ति भू माफियाओं से बच जाती है या फिर करोड़ों की वक्फ सम्पत्ति पर कब्जा हो जाएगा?

Shivakant Shukla

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