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बाबरी विध्वंस केस: ओवैसी ने फैसले को बताया काला दिन

मुस्लिम समाज की राजनीति के अगुवाकार और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी विध्वंस के फैसले पर अपनी नाराजगी जताते हुए इसे अदालत की तारीख का काला दिन बताया है।

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Published on: 30 Sept 2020 3:04 PM IST
बाबरी विध्वंस केस: ओवैसी ने फैसले को बताया काला दिन
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बाबरी विध्वंस केस: ओवैसी ने फैसले को बताया काला दिन (social media)

नई दिल्ली: मुस्लिम समाज की राजनीति के अगुवाकार और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी विध्वंस के फैसले पर अपनी नाराजगी जताते हुए इसे अदालत की तारीख का काला दिन बताया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि 6 दिसंबर 1992 को क्या जादू से मस्जिद को गायब कर दिया था। यह भी कहा कि वहां पर जादू से मूर्तियां रखी गयीं थीं। ऐसा लगता सब कुछ जादू से हुआ यहां तक कि विवादित जगह का ताला भी जादू से खुल गया था। औवेसी ने कहा आज का फैसला सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के खिलाफ है। उन्होने कहा कि जरा गौर कीजिए उस दौरान आडवाणी की रथयात्रा जहां- जहां गयी वहां-वहां हुई हिंसा में सैकड़ों लोगों की जाने गयी।

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एक धक्का और दो, बाबरी मस्जिद तोड़ दो

असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि क्या यह सच नहीं है कि उस दौरान उमा भारती ने कहा था कि एक धक्का और दो, बाबरी मस्जिद तोड़ दो। उन्होंने आरोप लगाया कि जब बाबरी मस्जिद शहीद हुई उस समय उमा भारती, आडवाणी मिठाई खा रहे थे। उन्होंने कहा कि आज जब जयभान सिंह पवैया अदालत पहुंचे तो उन्होंने स्वीकार किया कि हां उन्होंने बाबरी मस्जिद विध्वंस की थी लेकिन कोर्ट के अंदर जाते ही उन्हें बरी कर दिया जाता है।

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उल्लेखनीय है कि आज विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.के. यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। बल्कि यह एक आकस्मिक घटना थी। फैसले में उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले। बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी। अदालत ने इस मामले में सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है।

श्रीधर अग्निहोत्री

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