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राम मंदिर की नींव का राजः इस लौह पुरुष ने रखी थी नीव, तैयार हो रहा भव्य मंदिर

लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम का आयोजन विधान भवन के पास स्थित सरदार बल्लभ भाई पटेल पार्क में उनकी प्रतिमा के समक्ष किया गया। समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ का भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सरदार की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

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Published on: 31 Oct 2020 7:30 AM GMT
राम मंदिर की नींव का राजः इस लौह पुरुष ने रखी थी नीव, तैयार हो रहा भव्य मंदिर
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राम मंदिर की नींव का राजः इस लौह पुरुष ने रखी थी नीव, तैयार हो रहा भव्य मंदिर Photo By Ashutosh Tripathi (newstrack.com)  

लखनऊ: भारत के प्रथम गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश आजाद होने पर राष्ट्रीय एकता और भारत के मान बिंदुओं की प्रतिष्ठापना का जो आधार तैयार किया था आज उसी दृढ़ आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर का प्रारंभ किया है।

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समारोह में सीएम के साथ ये लोग थे मौजूद

लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम का आयोजन विधान भवन के पास स्थित सरदार बल्लभ भाई पटेल पार्क में उनकी प्रतिमा के समक्ष किया गया। समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ का भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सरदार की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

lko-program lko-program Photo By Ashutosh Tripathi (newstrack.com)

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सब जानते हैं कि एक सामान्य परिवार किसान परिवार में जन्म लेने वाले भारत माता के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा व आस्था के कारणउन्होंने अपना पूरा जीवन भारत गणराज्य की एकता और अखंडता के लिए समर्पित किया एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने के साथ ही भारत के अंदर देश के स्वतंत्र होने के समय जो ब्रिटिशर्स की एक नीति थी कि वह भारत को अलग-अलग टुकड़ों में बांटकर के हजारों वर्षों से चले आ रहे एक सनातन राष्ट्र को छिन्न-भिन्न कर दें।

उस कुत्सित मंशा को समय रहते सरदार बल्लभ भाई पटेल ने भांपा और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर अपनी सूझबूझ के बल पर 562 देसी रियासतों को एकता के सूत्र में बांधकर के जहां पर जिस भाव के साथ भारत की एकता को सुदृढ़ रखा जा सकता था उसका पूरी तरह पालन करते हुए भारत की एकता और अखंडता के लिए अपनी पूरी ताकत लगाकर वर्तमान भारत गणराज्य की रूपरेखा स्वतंत्र भारत के अंदर प्रस्तुत की।

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पूरा देश सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मना रहा है

आज इसी के अवसर पर प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से पूरा देश सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मना रहा है। आज हम सब सरदार बल्लभ भाई पटेल की पावन जयंती के कार्यक्रम में राष्ट्र सेवा में उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए यहां एकत्र हुए हैं भारत और भारतीयता के प्रति उनके मन में क्या था यह देश के आजाद होने के तत्काल बाद भारत और भारतीय संस्कृति के प्रति उनके द्वारा किए गए योगदान से पता चलता है। उनके योगदान को को यह देश कभी विस्मरण नहीं करेगा चाहे वह 562 देसीरियासतों को एकजुट कर भारत गणराज्य को एकता के सूत्र में बांधना हो या फिर स्वतंत्र भारत में भारत के मान बिंदुओं की प्रति स्थापना का कार्य कैसे होना है।

सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार कार्य का शुभारंभ करके उन्होंने इन सभी कार्यक्रमों और स्वतंत्र भारत की नींव किस रूप में आगे बढ़ने चाहिए वह इस देश के और दुनिया के सामने प्रस्तुत किया । हम सब का सौभाग्य है कि सरदार वल्लभभाई पटेल के बाद आज अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के भव्य मंदिर का शुभारंभ प्रधानमंत्री के हाथों प्रारंभ होने के साथ स्वतंत्र भारत ने सरदार पटेल के सपनों को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए हैं आज के इस अवसर पर सरदार पटेल की पावन जयंती के अवसर पर भारत माता के सपूत के प्रति श्रद्धांजलि करते हुए कोटि-कोटि नमन करता हूं।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी राष्ट्रीय एकता दिवस की सभी को शुभकामना दी

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी राष्ट्रीय एकता दिवस की सभी को शुभकामना दी और कहा कि सरदार पटेल की कर्मठता राष्ट्रीयता और देश भक्ति का एक उत्तम उदाहरण हमारे समक्ष है । हम सब जानते हैं कि स्वतंत्र संग्राम में उन्होंने कैसा काम किया। खेड़ा सत्याग्रह हो या बारदोली सत्याग्रह हो देश भर में प्रवास करके राष्ट्रीयता की एक अलख जगाना यह सरदार पटेल ने किया था।

lko-program lko-program Photo By Ashutosh Tripathi (newstrack.com)

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इतना ही नहीं किसानों पर जब कर लागू किया गया, तब उसके सामने उन्होंने एक आंदोलन किया था और उसी समय महात्मा गांधी खेड़ा सत्याग्रह और बारडोली सत्याग्रह में बाद में आए थे और लौह पुरुष का उपनाम दिया था । मुझे तो खुशी है कि मैं गुजरात की हूं जहां सरदार का जन्म हुआ और बाद में पूरा देश उनका बन गया और आज भी हम सबको पता है कि महात्मा गांधी ने कहा था कि यदि मेरे साथ सरदार बल्लभ भाई पटेल न होते तो आजादी मिलने में और 10 साल चले जाते हैं।

अखिलेश तिवारी

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