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वृक्षारोपण अभियान पर विपक्ष ने उठाया सवाल, जानिए दिग्गजों की राय

राजनीति में सत्ता पक्ष किसी कार्य को अभियान के रूप में लेता है तो विपक्ष के लोग उस पर सवाल खड़े करते हैं। करे भी क्यों न! विपक्ष का काम ही है सवाल करना...

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Published on: 18 July 2020 1:36 PM GMT
वृक्षारोपण अभियान पर विपक्ष ने उठाया सवाल, जानिए दिग्गजों की राय
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जौनपुर: राजनीति में सत्ता पक्ष किसी कार्य को अभियान के रूप में लेता है तो विपक्ष के लोग उस पर सवाल खड़े करते हैं। करे भी क्यों न! विपक्ष का काम ही है सवाल करना। जी हां हम बात कर रहे हैं वृहद वृक्षारोपण अभियान का।

जनपद में अब विपक्ष की राजनीति करने वाले राजनैतिक दल के लोगों द्वारा सरकार के वृहद वृक्षारोपण पर सवाल खड़े करते हुए पुछ रहा है कि इसके लिए लाखों करोड़ों रुपये सरकारी खजाने से पानी की तरह बहाने के बाद क्या विभाग इसके सुरक्षा का भी कोई प्रबन्ध करता है? अथवा प्रति वर्ष केवल पौध रोपड़ के नाम पर सरकारी धन का अपव्यय ही किया जाता रहेगा। अब सवाल उठने लगे हैं कि विगत वर्षों में लगाये गये कितने पेड़ धरा पर मौजूद है और पर्यावरण को शुद्ध करने में सहायक बने हैं ?

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एक विभाग एक दिन में 16 लाख वृक्षारोपण कैसे कर सकता है?

सांसद जौनपुर श्याम सिंह यादव

इस मुद्दे पर जौनपुर के सांसद एवं बसपा नेता श्याम सिंह यादव से वार्ता किया तो उन्होंने कहा कि सरकार वृक्षारोपण करती है यह तो पर्यावरण के लिए उचित है लेकिन इसके सुरक्षा का कोई प्रबन्ध न होना विभाग एवं सरकार दोनों की घोर लापरवाही है। इनका यह भी कहना है कि सरकार पौध रोपड़ को लेकर चाहे जितने दावे करे लेकिन इसमें कागजी बाजीगरी का खेल जबर्दस्त है। एक विभाग एक दिन में 16 लाख वृक्षारोपण कैसे कर सकता है उसके पास कितने हैन्ड्स है यह जांच का बिषय है। यह जनपद जौनपुर में वन विभाग ने दावा किया है कि एक दिन में 16 लाख से अधिक पेड़ लगा दिये हैं।

अभियान सिर्फ फोटोग्राफी तक सीमित

पूर्व मंत्री जगदीश नरायन राय

इसी तरह सपा नेता एवं प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री जगदीश नरायन राय से वृहद वृक्षारोपण के मुद्दे पर बात चीतकरने पर उन्होंने इस कयान को केवल कागजी बाजीगरी का खेल बताते हुए कहा कि सरकारी तंत्र के लोग एवं सत्ता धारी दल के लोग इस अभियान को अपने फोटोग्राफी तक सीमित किये हैं। पेड़ लगाते समय फोटो खिंचाने के बाद लगे पेड़ की सुरक्षा के बिषय में भूल जाते है यह इस अभियान के लिए बहुत ही दुखद स्थिति है।

सरकार का दायित्व बनता है कि जब सरकारी खजाने से वृक्षारोपण के लिए अपार धन खर्च किया जाये तो उसके सुरक्षा का प्रबंध किया जाये लेकिन वर्तमान सरकार अथवा वन विभाग ने किसी भी पेड़ को सुरक्षित करने की व्यवस्था नहीं किया है। जनपद जौनपुर में यह नजारा साफ दिखाई दे रहा है।

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कितने पेड़ सुरक्षित बचे हुए हैं?

पूर्व प्रदेश सचिव सपा राजन यादव

इसी तरह समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव राजन यादव से वृहद वृक्षारोपण अभियान की चर्चा छेड़ते ही उन्होंने कहा कि विगत वर्ष भी इसी तरह से वन विभाग ने वृक्षारोपण का अभियान चलाते हुए 59 लाख वृक्ष लगाने का सरकारी एलान किया था। मै पूछना चाहता हूं कि वन विभाग और सरकार दोनों बताये कि जनपद जौनपुर में विगत वर्ष 2019 -20 में लगे 59 लाख पेड़ों में कितने पेड़ सुरक्षित बचे हुए हैं और पर्यावरण में सहायक बने हुए हैं।

इनका कथन है कि पर्यावरण के मसले को लेकर सरकार अथवा वन विभाग को कागजी खेल करने के बजाय धरातल पर उसे उतारना होगा तब जाकर सरकारी खजाने से पानी की तरह बहायी गयी धनराशि की सार्थकता साबित हो सकेगी।

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25 प्रतिशत पेड़ गायब

कांग्रेस जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज से जनपद में चलाये गये वृहद वृक्षारोपण अभियान पर सरकारी खजाने से खर्च करोड़ो रूपये और उसकी सार्थकता पर चर्चा की गयी तो उन्होंने इसे कागजी बाजीगरी का खेल बताते हुए सरकारी धन की बड़े पैमाने पर लूट करने का एक साधन बताया। तबरेज ने कहा कि जिला प्रशासन के लोग इस अभियान के तहत अपनी फोटो ग्राफी कराके वृक्षारोपण को सफल मान लिए लेकिन सफलता तो तब होगी जब पेड़ बचेगा। इन्होंने दावे के साथ कहा कि इस वर्ष जिले के हुक्मरानों ने लगभग 42 लाख पेड़ों को लगाने का दावा किया है अभी अभियान चल ही रहा है लेकिन अभियान के पहले दिन लगे पेड़ो का सही सर्वे हो जाये कम से कम 25 प्रतिशत पेड़ गायब मिलेंगे ऐसे अभियान पर सरकारी धन खर्च करने से बेहतर है दूसरा विकास का काम किया जाये।

क्या कहती है वन विभाग की टीम?

वृक्षारोपण एवं वृक्षों की सुरक्षा के मसले पर वन्य जीव विभाग के अधिकारी डीएफओ एपी पाठक से बात करने पर उन्होंने यह तो स्वीकार किया कि वृक्षारोपण करने वालों का दायित्व होता है कि वह वृक्षों की रखवाली करते हुए उसे सुरक्षित रखे ताकि पेड़ बड़े होकर वातावरण को शुद्ध बना सके। लेकिन लोग पेड़ लगाने के बाद भूल जाते हैं यह बहुत ही चिन्तनीय स्थिति है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष लगाये गये पेड़ो की सुरक्षा का व्यवस्था हेतु शासन को लिखा गया है स्वीकृति मिलते ही पेड़ो को सुरक्षित करा दिया जायेगा।

रिपोर्ट: कपिल देव मौर्य, जौनपुर

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