Gyanvapi Case: हेट स्पीच मामले में ओवैसी और अखिलेश यादव की याचिका पर सुनवाई, अगली डेट 18 अगस्त को लगी

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी केस मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और एमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भाई अकबरुद्दीन ओवैसी समेत कई अज्ञात के द्वारा ज्ञानवापी सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग के ऊपर टिप्पणी की गई थी, जिससे करोड़ों सनातनधर्मी लोगों की भावनाएं आहत हुई थी। इस मामले की अगली तारीख 18 अगस्त तय की गई है।

Purushottam Singh Varanasi
Published on: 20 July 2023 6:03 AM GMT (Updated on: 20 July 2023 9:38 AM GMT)
Gyanvapi Case: हेट स्पीच मामले में ओवैसी और अखिलेश यादव की याचिका पर सुनवाई, अगली डेट 18 अगस्त को लगी
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Akhilesh Yadav on Gyanvapi Case, Varanasi

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी केस मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और एमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भाई अकबरुद्दीन ओवैसी समेत कई अज्ञात के द्वारा ज्ञानवापी सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग के ऊपर टिप्पणी की गई थी, जिससे करोड़ों सनातनधर्मी लोगों की भावनाएं आहत हुई थी। असदुद्दीन ओवैसी ने वरशिप एक्ट 1991 का हवाला देते हुए कहा था कि अब हम किसी और मस्जिद को नहीं हटाएंगे। साथ ही अखिलेश यादव ने यह बयान दिया था कि किसी भी पीपल के पेड़ के नीचे कोई पत्थर रख दो तो क्या वह शिवलिंग हो जाएगा।

दोनों नेताओं के खिलाफ वाराणसी के अपर सत्र न्यायाधीश नवम की अदालत में एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया था, जिसको लेकर आज सुनवाई होनी है। अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी के अधिवक्ता आज लिखित जवाब दाखिल करेंगे। वही कोर्ट में अधिवक्ता हरिशंकर पांडे एफआईआर दर्ज करने की मांग को दोबारा दोहराएंगे। इस प्रार्थना पत्र पर दोपहर बाद सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों को तलब किया। इस मामले की अगली तारीख 18 अगस्त तय की गई है।

सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग को फव्वारा बताते हुए दोनों नेताओं ने दिया था बयान

सपा प्रमुख अखिलेश यादव और एमआईएम चीफ ओवैसी ने ज्ञानवापी कमीशन सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग को फव्वारा बताया था। कमीशन के दौरान मिले शिवलिंग को फव्वारा बताने से लाखों सनातनियों की भावना को ठेस पहुंची थी। वजूखाने के अंदर से यह शिवलिंग सर्वे कमीशन के दौरान मिला था। जहां शिवलिंग मिला वहां पर मुस्लिमों द्वारा वजू किया जाता था। उस जगह पर थूकने हाथ पैर धोने गंदा पानी बहाए जाने से लाखों सनातनियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया इसी को लेकर अखिलेश यादव और ओवैसी ने एक भड़काऊ बयान दिया था। जिसको लेकर कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया जिसमें एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।ओवैसी और अखिलेश यादव के अधिवक्ता ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता भड़काऊ बयान के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग दोबारा कर सकते हैं।

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