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अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग पैरा खिलाड़ी ने उपेक्षा से आहत होकर लौटाए मेडल

करीब 10 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में मेडल जीतकर लाने वाले दिव्यांग ओलंपियन खिलाड़ी सचिन चैधरी उपेक्षा से आहत होकर सोमवार को सरकार को अपने मैडल वापस लौट आने पर मजबूर हो गए।

Dharmendra kumar
Published on: 11 April 2023 2:21 PM GMT
अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग पैरा खिलाड़ी ने उपेक्षा से आहत होकर लौटाए मेडल
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लखनऊ: करीब 10 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में मेडल जीतकर लाने वाले दिव्यांग ओलंपियन खिलाड़ी सचिन चौधरी उपेक्षा से आहत होकर सोमवार को सरकार को अपने मैडल वापस लौट आने पर मजबूर हो गए। कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम मेरठ पहुंचे सचिन ने क्षेत्रीय क्रीडा अधिकारी को अपने मेडल वापस लौटाते हुए प्रदेश की सरकार पर दिव्यांग खिलाड़ियों की उपेक्षा का आरोप लगाया।

मेरठ जनपद के सरधना रोड स्थित ओम नगर के रहने वाले सचिन चौधरी पैरा पावर लिफ्टिंग के दिव्यांग खिलाड़ी हैं। अपने हौसले और जज्बे के चलते सचिन वर्ष 2012 में लंदन पैरा ओलंपियन में भी भाग ले चुके हैं। सचिन के मुताबिक वह अब तक चार कॉमनवेल्थ गेम्स और वल्र्ड चैंपियनशिप सहित कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शामिल होकर 10 गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम में भी उनकी तारीफ कर चुके हैं।

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राष्ट्रपति से लेकर कई गणमान्य लोग ट्वीट के जरिए उनकी उपलब्धि पर कई बार उन्हें बधाई दे चुके हैं। इस दिव्यांग खिलाड़ी का दर्द है कि ट्वीट के सहारे पेट नहीं पाला जाता। सचिन का आरोप है कि वह पिछले 10 सालों से प्रदेश सरकार से अवार्ड और खेल कोटे में सरकारी नौकरी की मांग कर चुके हैं। इसके बावजूद आज तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। शासन की उपेक्षा से आहत होकर सोमवार को सचिन अपने कई दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ स्टेडियम पहुंचे और क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर की मेज पर अपने सारे मेडल और प्रमाण पत्र ले जाकर रख दिए।

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सचिन का कहना है कि यह सब मैडल सरकार को वापस कर दिए जाएं। क्योंकि जिस सरकार में दिव्यांग खिलाड़ियों की इस प्रकार उपेक्षा हो वहां मेडल जीतने का क्या फायदा। अपना दर्द बयान करते हुए सचिन ने बताया कि उन्होंने वर्षों पहले कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम से ही खेल की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि उनकी कहानी की शुरुआत इसी स्टेडियम से भी और संघर्ष की लड़ाई लड़ते-लड़ते उनका खेल इसी स्टेडियम में शहीद हो जाएगा।

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क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर का तर्क है कि उनके पास आज से पहले कभी इस विषय में कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया गया। प्रार्थना पत्र मिलने पर वह आगे इसे शासन के लिए भेजते हुए खिलाड़ियों की समस्याओं से अवगत कराएंगे।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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