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आसान नहीं वक्फ की 1450 सम्पत्तियों पर निर्माण, अब GDA से लेनी होगी परमिशन
अभी तक वक्फ की संपत्तियों पर निर्माण के लिए विकास प्राधिकरणों से अनुमति लेना जरूरी नहीं था। लेकिन इस नियम से अतिक्रमण के साथ ही निर्माण संबंधी कई विवाद सामने आ रहे थे।
गोरखपुर: शासन ने सभी शिया-सुन्नी वक्फ़ सम्पत्तियों पर व्यवसायिक केंद्र आदि बनाने से पहले विकास प्राधिकरण से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। अब गोरखपुर में किसी भी वक्फ़ सम्पत्ति पर बिना गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की अनुमति के कोई भी व्यवसायिक निर्माण नहीं हो सकेगा। गोरखपुर शहर में वक्फ की 1450 सम्पत्तियों को लेकर प्राधिकरण जानकारी जुटा रहा है।
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निर्माण संबंधी कई विवाद सामने आ रहे थे
अभी तक वक्फ की संपत्तियों पर निर्माण के लिए विकास प्राधिकरणों से अनुमति लेना जरूरी नहीं था। लेकिन इस नियम से अतिक्रमण के साथ ही निर्माण संबंधी कई विवाद सामने आ रहे थे। ऐसे में शासन ने विकास प्राधिकरण से अनुमति की छूट वाले 1994 के शासनादेश को तात्कालिक प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक 23 अक्तूबर 2020 को जेपी सिंह विशेष सचिव उप्र शासन ने मंडलायुक्त, समस्त जिलाधिकारी, अपर आयुक्त वक्फ़ को आदेश जारी किया है।
इस आदेश में मानचित्र स्वीकृत कराने की छूट के आदेश को निरस्त कर दिया है। इस आदेश से पहले वक्फ सम्पत्तियों पर व्यवसायिक केंद्र आदि बनाने के लिए सुन्नी अथवा शिया सेंट्रल वक्फ़ बोर्ड की अनुमति ही काफी होती थी। विकास प्राधिकरण से अनुमति लेना जरूरी नहीं था। वर्तमान में गोरखपुर में करीब 1450 रजिस्टर्ड वक्फ़ अलल खैर व वक्फ़ अलल औलाद सम्पत्तियां हैं। जिला अल्पसंख्यक अधिकारी आशुतोष पाण्डेय के मुताबिक, नये आदेश का सख्ती से अनुपालन कराया जाएगा।
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अब वक्फ संपत्तियों पर निर्माण की होगी निगरानी
गोरखपुर विकास प्राधिकरण राजस्व विभाग से वक्फ संपत्तियों का ब्योरा मांग रहा है। विकास प्राधिकरण के सचिव राम सिंह गौतम का कहना है कि शासन का आदेश प्राप्त हो गया है। राजस्व विभाग से वक्फ की संपत्तियों का ब्योरा मांगा गया है। सभी जोन के अभियंताओं को वक्फ संपत्तियों पर होने वाले निर्माण पर निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।
रिपोर्ट- पूर्णिमा श्रीवास्तव
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