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पीएफ घोटाला मामला: संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से की हस्तक्षेप की मांग

संघर्ष समिति ने डीएचएफएल कम्पनी द्वारा प्रोविडेन्ट फण्ड की धनराशि के भुगतान की गारण्टी को हास्यास्पद बताते हुए कहा है कि एक दागी कम्पनी जिस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है, उसकी गारण्टी का कोई अर्थ नही है और बिजली कर्मचारी किसी बहकावे में आने वाले नही हैं।

SK Gautam
Published on: 10 Nov 2019 3:21 PM GMT
पीएफ घोटाला मामला: संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से की हस्तक्षेप की मांग
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लखनऊ: पावर कार्पोरेशन में हुए पीएफ घोटालें में प्रदेश के ऊर्जा निगमों के कर्मचारियों में बढ़ रही नाराजगी को देखते हुए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि वह तत्काल प्रभावी हस्तक्षेप करें जिससे प्रोविडेंट फण्ड के भुगतान की जिम्मेदारी ले कर सरकार पी एफ के भुगतान का गजट नोटिफिकेशन जारी करे।

संघर्ष समिति ने डीएचएफएल कम्पनी द्वारा प्रोविडेन्ट फण्ड की धनराशि के भुगतान की गारण्टी को हास्यास्पद बताते हुए कहा है कि एक दागी कम्पनी जिस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है, उसकी गारण्टी का कोई अर्थ नही है और बिजली कर्मचारी किसी बहकावे में आने वाले नही हैं। सरकार बिजली कर्मचारियों के पीएफ के भुगतान की जिम्मेदारी ले यही एकमात्र सही कदम है।

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14 नवंबर को राजधानी में बिजलीकर्मियों की ध्यानाकर्षण रैली

इसके साथ ही संघर्ष समिति ने रविवार को ऐलान किया है कि प्रोविडेंट फण्ड घोटालें के विरोध में सभाओ का क्रम जारी रहेगा और 14 नवंबर को लखनऊ में सरकार के ध्यानाकर्षण के लिए विशाल रैली की जाएगी। इसके साथ ही संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि अगर पुलिस बल लगाकर विरोध का दमन करने की कोशिश की गई तो इसकी तीखी प्रतिक्रिया होगी और बिजली कर्मचारी तत्काल हड़ताल पर चले जायेंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

पावर कार्पोरेशन में पीएफ भुगतान की जिम्मेदारी ले सरकार: संघर्ष समिति

संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि प्रोविडेंट फंड के घोटाले को दबाने की कोशिश की जा रही है जिससे कर्मचारियों में भारी गुस्सा है। संघर्ष समिति ने कहा कि घोटाले के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार पावर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैन आलोक कुमार जिम्मेदार है जिनके कार्यकाल में 4200 करोड़ रुपये का दागी कंपनी डीएचएफएल को ढाई साल तक भुगतान किया जाता रहा।

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संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से की हस्तक्षेप की मांग

संघर्ष समिति ने कहा कि आलोक कुमार द्वारा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को लिखा गया पत्र एक प्रकार से सारे घोटाले की स्वीकारोक्ति है। संघर्ष समिति ने मांग की है कि घोटाले के आरोपी पूर्व चेयरमैन आलोक कुमार को बर्खास्त कर तत्काल गिरफ्तार किया जाए और प्रदेश सरकार गजट नोटिफिकेशन जारी कर प्रोविडेंट फण्ड के भुगतान की जिम्मेदारी ले।

SK Gautam

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