प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान की उड़ रही धज्जियां, बाजारों में नहीं है टायलेट

महिलाएं बोली प्रशासन ने शीघ्र ही इन गलियों में खड़े होकर पेशाब करने पर रोक नहीं लगाई तो महिलाओं को सडकों पर आकर करना होना आन्दोलन।

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Published on: 29 Aug 2020 4:52 AM GMT
प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान की उड़ रही धज्जियां, बाजारों में नहीं है टायलेट
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एटा प्रमुख बजारों में नहीं है टायलेट की कोई सुविधा

एटा: जनपद मुख्यालय पर शहर के बीचोबीच स्थित प्रमुख महिला बाजार बावूगंज में प्रमुख बाजार के साथ-साथ उसमें लोगों ने छोटे बड़े कई बाजारों का निर्माण करा रखा है जिनमें एक और दो मंजिला बाजार बने हुए हैं।

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उक्त मार्केट के निर्माण के समय नियमानुसार विनिमय क्षेत्र से नक्सा भी बनवाया गया होगा। जिसमें नक्सा पास करते समय उक्त बाजार में एक टायलेट के निर्माण का भी प्रावधान है। जबकि उक्त बाजार में कम से कम 200 से अधिक दुकानें होने के बावजूद भी वहां पर दुकान दारों के लिए न तो दुकान मालिक ने और न नगर पालिका परिषद एटा ने ही एक भी टायलेट का निर्माण कराना आवश्यक नहीं समझा।

खुलेआम बाजारों की गलियों में टायलेट कर रहे पुरुष

मजबूरी वस या जान बूझकर दुकान दा बाजार में से निकलने वाली लिंक गली में निवास कर रहे मकानों के सामने खुलेआम अश्लीलता का परिचय देते हुए खुलेआम टायलेट करने के लिए खड़े हो जाते हैं। चाहे उस समय कोई महिला अपने घर के बाहर निकल रही हो या कोई महिला गली से गुजर रही हो दुकान दारों पर कोई फर्क नहीं पड़ता। मजबूरी बस महिला घर से बाहर न निकले या गली का नजारा देखकर स्वयं ही दूसरी तरफ रूक कर खडी हो जाये। दुकान दारों को जो करना है वह तो करेंगे ही। बाबू गंज की गली निवासी एक युवक मुकेश कुमार ने बताया कि अगर कोई किसी दुकान दार कौ टोकता है या मना करता है तो यह लोग झगड़े पर उतारू हो जाते हैं।

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प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान का कोई ख्याल नहीं

वहीँ नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी दीप कुमार ने बताया कि सरकार के निर्देश पर मुख्यालय पर 17 नये शौचालय व टायलेट का निर्माण कराया गया है, जिनमें से 10 बड़े शौचालय है शेष छोटे। वहीं उन्होंने बताया कि बाबूगंज से सटे बाजार लोहामंडी में एक टायलेट है।

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किंतु महिला बाजार बाबूगंज में किसी भी टायलेट के न होने के बावजूद भी वहां किसी भी टायलेट के निर्माण के किसी भी प्रस्ताव के भेजने या तैयार करने से इंकार कर दिया उन्होंने कहा कि अभी तक बाबूगंज में कोई भी टायलेट का निर्माण कराने का कोई विचार नहीं है। जबकि नगर की साफ-सफाई पब्लिक टायलेट की व्यवस्था करने का जिम्मा नगर पालिका परिषद का है तथा केंद्र से लेकर राज्य तक सभी के प्रमुख बिन्दुओं में सफाई ही प्रमुख हैं इसे नगर पालिका की लापरवाही मानें या सरकार की प्राथमिकता को नजरअंदाज?

वही विनिमय क्षेत्र के टैक्नीकल नक्सा पास करने वाले शिवाकांत ओझा ने बताया नियमानुसार अगर कोई भी एक से अधिक दुकानों का निर्माण कराता है तो टायलेट बनान आवश्यक है ऐसा न करने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।

आपको बताते चलें कि शहर के प्रमुख बाजार में लगभग. लगभग 200 दुकानें संचालित हे। तथा एक दर्जन छोटे बड़े मार्केट हैं। जिसमें . रेवती राम मार्केट, महेंद्र मार्केट, सी एम डी कॉम्प्लेक्स, भोला मार्केट, गुप्ता मार्केट, बाबूगंज अहाता मार्केट, मुकद्दर मार्केट, जनता बैंड गली मार्केट नामक बाजार है जिसमें किसी ने भी टायलेट का निर्माण नहीं कराया गया है।

क्या इन राजनैतिक पहुंच वालों के दुकानदारों के खिलाफ जिला प्रशासन कोई कार्यवाही करने की हिम्मत जुटा पायेगा और दुकानदारों के लिए जनसुविधा(शौचालय, यूरिनल) की व्यवस्था होगी। अभी तक तोप्रशासन प्रशासन से हुई वार्ता में कोई शुल्क संकेत नजर नहीं आ रहे हैं।

परेशान महिलाओं ने दी आन्दोलन की धमकी

महिलाएं बोली प्रशासन ने शीघ्र ही इन गलियों में खड़े होकर पेशाब करने पर रोक नहीं लगाई तो महिलाओं को सडकों पर आकर करना होना आन्दोलन।

रिपोर्ट: सुनील मिश्रा

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