×

यूपी में पुलिस कमिश्ररी सिस्टम हुआ फेल, जिलाधिकारियों को वापस मिलेंगे अधिकार

योगी सरकार ने देश के दूसरे राज्यों के मेट्रो शहरों की तर्ज पर यूपी पुलिस को भी नोएडा व लखनऊ में पुलिस कमिश्रर सिस्टम सौंप दिया लेकिन अब सरकार को समझ में आ रहा है

Newstrack
Published on: 24 Nov 2020 9:54 AM GMT
यूपी में पुलिस कमिश्ररी सिस्टम हुआ फेल, जिलाधिकारियों को वापस मिलेंगे अधिकार
X
यूपी में पुलिस कमिश्ररी सिस्टम हुआ फेल, जिलाधिकारियों को वापस मिलेंगे अधिकार (Photo by social media)

लखनऊ: जोर-शोर के साथ यूपी के दो शहरों में पुलिस कमिश्ररी सिस्टम शुरू करने वाली योगी सरकार अब अपनी गलती सुधारने जा रही है। सरकार ने जमीन संबंधी मामलों के निपटारे की जिम्मेदारी दोबारा जिला प्रशासन के अधिकारियों को सौंपने का फैसला किया है। इस बारे में आदेश जल्द ही जारी हो सकते हैं।

ये भी पढ़ें:Maharashtra में बनेगी BJP सरकार, ‘सही समय पर होगा शपथ ग्रहण’

पुलिस को केवल लॉ एंड आर्डर के लिए ही जिम्मेदार बनाया जा सकता है

योगी सरकार ने देश के दूसरे राज्यों के मेट्रो शहरों की तर्ज पर यूपी पुलिस को भी नोएडा व लखनऊ में पुलिस कमिश्रर सिस्टम सौंप दिया लेकिन अब सरकार को समझ में आ रहा है कि पुलिस को केवल लॉ एंड आर्डर के लिए ही जिम्मेदार बनाया जा सकता है। जनवरी 2020 में पुलिस कमिश्रर सिस्टम को दोनों शहरों में लागू करने के साथ ही जिलाधिकारियों के मजिस्ट्रयल अधिकार भी पुलिस को सौंप दिए गए थे।

इसका हालांकि प्रदेश की आईएएस लॉबी ने विरोध भी किया था लेकिन तब मुख्यमंत्री और तत्कालीन डीजीपी ओपी सिंह की मर्जी के आगे किसी की नहीं चली। कुछ महीनों के काम-काज के दौरान ही सरकार को यह अहसास हो गया कि कमिश्ररी सिस्टम पूरी तरह से कारगर नहीं है। जमीन संबंधी विवादों में पुलिस अधिकारी उतने दक्ष नहीं हैं जैसी कार्य कुशलता आईएएस एवं पीसीएस अधिकारियों के पास है। राजस्व व भूमि संबंधी मामलों की जानकारी व प्रशिक्षण होने की वजह से जिला प्रशासन के अधिकारी अधिक प्रभावी भूमिका का निर्वाह कर लेते हैं।

up-police up-police (Photo by social media)

नौकरशाही विवाद को खत्म करने की तैयारी

न्यूज ट्रैक को मिली जानकारी के अनुसार योगी सरकार ने अब नौकरशाही के विवाद को भी खत्म करने का फैसला किया है। जिलाधिकारी के अधिकार में कटौती किए जाने से आईएएस लॉबी असंतुष्ट थी। ऐसे में सरकार ने फैसला किया है कि अब पुलिस कमिश्नरी को दिए गए भूमि संबंधी अधिकार वापस ले लिए जाएंगे। सीआरपीसी की धारा 133 और 145 संबंधी क्षेत्राधिकार को पुलिस से वापस लेकर जिलाधिकारी को सौंपा जाएगा। सीआरपीसी की धारा 145 के तहत विवादित जमीन व मकान को संबद्ध करने का अधिकार अभी पुलिस के पास है लेकिन अब यह अधिकार लखनऊ नोएडा में वापस लिया जाएगा।

ये भी पढ़ें:लखनऊ में नजर आए एक्टर ‘मुकेश ऋषि’, वेब सीरीज ‘तवायफ’ की कर रहे हैं शूटिंग

सीआरपीसी की धारा 133 के तहत तालाब व ग्राम समाज की जमीन के अधिकार का निपटारा भी कराया जाता है। ऐसे विवादों की वजह से लोक शांति भंग होने की आशंका रहती है। पहले यह सोचकर पुलिस कमिश्रर को यह अधिकार दिए गए थे कि इससे पुलिस मौके पर ही फैसला कराने में सक्षम रहेगी लेकिन पिछले महीनों में काम-काम की समीक्षा में पाया गया कि पहले की व्यवस्था ज्यादा बेहतर थी। इसलिए अब इन दोनों धाराओं की शक्ति को पुलिस कमिश्रर से वापस लेकर जिलाधिकारी को सौंप दिया जाएगा।

रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story