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Sonbhadra News: अक्षय तृतीया की पूर्व संध्या पर ‘बालिका वधू’ बनने से बची किशोरी, जानिए क्या था पूरा मामला
Sonbhadra News: किशोरी को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया, जहां आवश्यक औपचारिकताएं की पूर्ति के बाद उसे बाल गृह बालिका में आवासित करा दिया गया।
Sonbhadra News: 22 अप्रैल को मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया की पूर्व संध्या पर एक किशोरी को बालिका वधू बनने से बचा लिया गया। बरैला महादेव मंदिर पर नाबालिग की शादी रचाए जाने की सूचना मिलते ही सक्रिय हुई बाल संरक्षण इकाई की टीम ने मौके पर पहुंचकर शादी रोकवा दी। किशोरी को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया, जहां आवश्यक औपचारिकताएं की पूर्ति के बाद उसे बाल गृह बालिका में आवासित करा दिया गया।
ऐसे मिली बाल संरक्षण इकाई की टीम को सूचना
जिला बाल संरक्षण अधिकारी राजेश कुमार खैरवार को शुक्रवार की शाम सूचना मिली कि राबर्टसगंज कोतवाली क्षेत्र के बरैला महादेव मंदिर पर नाबालिग की शादी कराई जा रही है। इस पर उन्होंने वन स्टाप सेंटर की केंद्र प्रशासक व नोडल दीपिका सिंह, काउंसलर उमा चतुर्वेदी, सामाजिक कार्यकर्ता तनू सिंह और जिला बाल संरक्षण इकाई से संरक्षण अधिकारी रोमी पाठक की मौजूदगी वाली टीम को मौके पर पहुंचने और पुलिस से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया। निर्देश मिलते ही टीम मौके पर पहुंच गई। वहीं प्रभारी निरीक्षक एएचटीयू रामजी यादव, मुख्य आरक्षी धनंजय यादव भी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गए। जिस वक्त टीम पहुंची, उस दौरान शादी रचाए जाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही थी।
बालिका के उम्र के संबंध में नहीं दिखाया जा सका कोई साक्ष्य
टीम ने शादी के बारे में जानकारी लेने के बाद वहां मौजूद उसके माता-पिता, परिवारीजनों और रिश्तेदारों से संबंधित लड़की की उम्र के संबंध में साक्ष्य मांगा लेकिन कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया गया। पूछताछ में पीड़िता ने अपनी उम्र 17 वर्ष बताया। इसके आधार पर पीड़िता को विधिक अभिरक्षा में लेकर, बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया। इसके बाद बाल कल्याण समिति के आदेश के क्रम में नाबालिग को बाल गृह बालिका में आवासित करवाया गया। साथ ही लड़की के माता-पिता, परिवारीजनों और उनके रिश्तेदारों को बाल विवाह कानूनन अपराध बताते हुए, कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने को टीमें गठित, तय की गई जिम्मेदारीः डीएम
डीएम चंद्र विजय सिंह ने बताया कि सोनभद्र में पूर्व के वर्षों में बाल विवाह का बड़ा आंकड़ा देखते हुए इस पर पूर्ण रोक लगाने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। अक्षय तृतीया पर विशेष नजर-सक्रियता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। डीएम ने कहा कि बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है। बाल विवाह में हिस्सा लेने वाले व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। बाल विवाह अधिनियम के अंतर्गत किसी भी बालिका जिसने अपनी आयु 18 वर्ष पूर्ण न की हो और किसी बालक, जिसने अपनी आयु 21 वर्ष पूर्ण न की हो का विवाह कराया जाना प्रतिबंधित है। अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को है, इस अवसर पर बाल विवाह की कुप्रथा के रोक-थाम को प्रभावी बनाने और इसके दुष्परिणामों के संबंध में आम जनमानस को जागरूक किया जाना आवश्यक है। इसको लेकर जिले के सभी उप जिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी, खंड विकास अधिकारी, अधिशासी अधिकारी, बाल संरक्षण इकाई, महिला शक्ति केंद्र को सक्रियता बनाए रखने और सूचना मिलने पर तत्काल आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
बाल विवाह की शिकायत मिलने पर यहां दें सूचना
ओआरडब्ल्यू शेषमणि दुबे ने बताया कि शादी के वक्त बालिका की उम्र 18 वर्ष और बालक की उम्र 21 वर्ष पूर्ण होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो तत्काल संबंधित थाने, ब्लॉक, वन स्टाप सेन्टर, जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति सोनभद्र, टोल फ्री नंबर 1098, मोबाइल नंबर 9506918569, 9305036929, 8318953732 पर सूचना दी जा सकती है। सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम-पता गोपनीय रखते हुए तत्काल कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।