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निर्माण परियोजनाओं में लगवायें कैमरा, एक्सेस बोर्ड को उपलब्ध कराने का निर्देश

पिछले साल अक्टूबर-नवंबर माह में धुंध और प्रदूषण के कारण जहरीली हुई हवा आपको अभी भी याद होगी। यूपी में फिर से यह जहरीली हवा न फैले इसके लिए यूपी के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है।

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Published on: 23 Sept 2020 2:27 PM IST
निर्माण परियोजनाओं में लगवायें कैमरा, एक्सेस बोर्ड को उपलब्ध कराने का निर्देश
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निर्माण परियोजनाओं में लगवायें कैमरा, एक्सेस बोर्ड को उपलब्ध कराने का निर्देश (socia media)

लखनऊ: पिछले साल अक्टूबर-नवंबर माह में धुंध और प्रदूषण के कारण जहरीली हुई हवा आपको अभी भी याद होगी। यूपी में फिर से यह जहरीली हवा न फैले इसके लिए यूपी के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। बोर्ड ने वायु प्रदूषण नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए यूपी के 16 शहरों को नोटिस भेज कर निर्देश दिया है कि इन शहरों में सभी निर्माण परियोजनाओं से संबंधित इकाइयां राज्य स्तरीय एअर क्वालिटी मानीटरिंग कमेटी के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन करे और अपनी इकाइयों में डस्ट कंट्रोल के लिए किए गए प्रयासों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पोर्टल पर आगामी 10 अक्टूबर तक अपलोड करे। इसके साथ ही पर्यावरण विभाग से मंजूरी पायी सभी निमार्ण परियोजनाओं में पैन टिल्ट जूम कैमरा लगवा कर उसकी एक्सेस प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को उपलब्ध कराये।

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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिन शहरों को यह निर्देश जारी किए है

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिन शहरों को यह निर्देश जारी किए है उनमे लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद, नोएडा, खुर्जा, गजरौला, अनपरा, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, बरेली, रायबरेली, झांसी तथा मेरठ शामिल है।

pollution pollution (social media)

यूपी की राजधानी लखनऊ में तो लोग शहर में उड़ती धूल से परेशान है

यूपी की राजधानी लखनऊ में तो लोग शहर में उड़ती धूल से परेशान है और एयर क्वॉलिटी इतनी खराब हो चुकी है कि उनको सांस लेना भारी पड़ रहा है। इसी क्रम में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले दिनों शहर के गोमतीनगर, हुसैनगंज, आलमबाग, लोहिया पथ, पत्रकारपुरम, रिंग रोड, इंदिरानगर सहित कई इलाकों में जांच कराई। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि लखनऊ के प्रदूषण में लगभग 80 प्रतिशत योगदान सड़कों की धूल का है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम और एनएचआई को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा कि दिन भर में हजारों गाड़ियों के आवागमन और खराब सड़कों की वजह से उड़ रही धूल प्रदूषण का सबसे बड़ा हिस्सा है।

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ब्ता दे कि बीते अक्टूबर माह से दिसंबर माह तक यूपी के कई शहरों में वायु प्रदूषण बहुत बढ़ गया था। इस दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया था कि यूपी के 09 शहरोे में वायु प्रदूषण की स्थिति काफी खराब है। इन शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से ज्यादा पाया गया था। इससे जहां लोग बीमार पड़ने लगे थे तो कई-कई दिन तक सूरज के दर्शन भी नहीं होते थे।

मनीष श्रीवास्तव

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