TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

सावधान! लखनऊ में पहुंच चुका है विस्फोटक, सूबे में हाई अलर्ट जारी

पीएफआई एक सोची समझी रणनीति के तहत काम कर रही है। युवकों के छोटे छोटे ग्रुप बनाकर विस्फोटक बांटने का मकसद यह है कि यदि उसके बड़े आका पकड़ भी लिए जाएं तो भी वह अपने खौफनाक मंसूबों को छोटे ग्रुपों के जरिये घटनाएं करके अंजाम दे सके और माहौल बिगाड़ सके।

Vidushi Mishra
Published on: 17 Feb 2021 11:34 AM IST
सावधान! लखनऊ में पहुंच चुका है विस्फोटक, सूबे में हाई अलर्ट जारी
X
लखनऊ में कुछ इलाकों में विस्फोटक पहुंच चुका है। यह विस्फोटक इन आतंकवादियों ने लखनऊ में कुछ युवाओं तक पहुंचाया है। इसे लेकर एसटीएफ सक्रिय हो गई है।

रामकृष्ण वाजपेयी

नई दिल्ली। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के दो आतंकवादियों की गिरफ्तारी से यह खुलासा हुआ है कि लखनऊ में कुछ इलाकों में विस्फोटक पहुंच चुका है। यह विस्फोटक इन आतंकवादियों ने लखनऊ में कुछ युवाओं तक पहुंचाया है। इसे लेकर एसटीएफ सक्रिय हो गई है और जल्द ही लखनऊ व आसपास के जिलों में कुछ और गिफ्तारियां हो सकती हैं। पकड़े गए आतंकियों केरल के अंसद बदरुद्दीन और यहीं के फिरोज खान से पूछताछ में पता चला है कि इनकी देश के विभिन्न हिस्सों को दहलाने की साजिश थी और ये लखनऊ आने के बाद कुछ युवकों को दहशत फैलाने के लिए विस्फोटक बांट भी चुके हैं। अब एसटीएफ लखनऊ के उन युवकों की तलाश कर रही है जिन्हें इन लोगों ने विस्फोटक दिये हैं।

ये भी पढ़ें...Air India के कर्मचारी कोरोना संक्रमित, मचा हडकंप, इतने लोगों की हुई मौत

खौफनाक मंसूबों को छोटे ग्रुपों

एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि पीएफआई एक सोची समझी रणनीति के तहत काम कर रही है। युवकों के छोटे छोटे ग्रुप बनाकर विस्फोटक बांटने का मकसद यह है कि यदि उसके बड़े आका पकड़ भी लिए जाएं तो भी वह अपने खौफनाक मंसूबों को छोटे ग्रुपों के जरिये घटनाएं करके अंजाम दे सके और माहौल बिगाड़ सके।

तीन दिन पहले ही स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बड़ी कार्रवाई करके केरल से पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) की स्टूडेंट विंग, कैंपस फ्रंट आफ इंडिया (सीएफआइ) के राष्ट्रीय महासचिव के रऊफ शरीफ को गिरफ्तार किया था। रऊफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के केस में केरल की जेल में बंद था और शुक्रवार को ही उसकी जमानत मंजूर हुई थी।

PFI फोटो-सोशल मीडिया

ये भी पढ़ें...किसान हिंसा का तलवारबाज: लाल किले पर मचाया उपद्रव, दिल्ली पुलिस के चढ़ा हत्थे

लोगों को जुटाने और भड़काने का काम

इससे पहले यह मथुरा में पकड़े गए पीएफआई सदसयों की जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि कथित पत्रकार कप्पन और उसके साथियों को रऊफ शरीफ व पी.कोया ने फंडिंग की थी। हाथरस कांड के बाद हिंसा भड़काने के लिए आरोपितों को 1.36 करोड़ रुपये दिए गए थे। यह रकम ओमान व कतर में बैठे पीएफआइ सदस्यों के जरिये रउफ तक पहुंचाई गई थी।

इससे पहले सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान लखनऊ में हिंसा भड़काने में पॉपुलर फ्रंट इंडिया का नाम सामने आया था। पुलिस ने संगठन के प्रेसिडेंट वसीम अहमद, खजांची नदीम और पदाधिकारी अशफाक को गिरफ्तार किया था।

उस समय यह बताया गया था कि पीएफआई के सदस्यों ने लखनऊ में कई सभाएं कीं, भड़काऊ पर्चे बांटे। पीएफआई ने लखऩऊ हिंसा में प्रदर्शन के लिए लोगों को जुटाने और भड़काने का काम किया। उस समय मेरठ में भी पुलिस ने पीएफआई के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था।

PFI फोटो-सोशल मीडिया

ये भी पढ़ें...होगी भयानक बारिश: इन राज्यों में जारी हुआ अलर्ट, कई दिन जमकर बरसेंगे बादल

कई लोग गिरफ़्तार

पिछले दिनों मथुरा में गिरफ्तार पीएफआई के चार कार्यकर्ताओं में बहराइच का मसूद अहमद भी शामिल था। इसे मथुरा से हाथरस जाते समय पकड़ा गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मसूद अहमद पुत्र शकील अहमद, थाना जरवल रोड के बैराकाजी का निवासी है। मसूद अहमद दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में एलएलबी का छात्र है।

इसके अलावा राम मंदिर भूमि पूजन के दौरान भी बहराइच के जरवल इलाके से कई लोग गिरफ़्तार किये गए थे, जिनका संबंध पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठनों से था।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह इलाका इंडो-नेपाल सीमा से सटा है और पिछले कुछ समय में पीएफआई से जुड़े कुछ अन्य लोगों की गिरफ्तारी यहां से हो चुकी है।

ऐसे में यह पता लगाने जरूरत है कि यूपी और देश के भीतर जातीय और सांप्रदायिक दंगे फैलाने के लिए भारत नेपाल सीमा पर पीएफआई की गतिविधियां क्या चल रही हैं?

ये भी पढ़ें...झांसी: DM बोले- क्षेत्र में पेयजल समस्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी



\
Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

Next Story