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सावधान हो सकता है बिजली संकटः आज हड़ताल करेंगे, सूबे के सभी कर्मचारी

नेताओं ने बताया कि बिजलीकर्मी उपभोक्ताओं खासकर किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं से सहयोग करने की अपील कर रहे हैं जिन्हें निजीकरण के बाद सबसे अधिक नुकसान होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि निजीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह वापस न की गई तो राष्ट्रव्यापी संघर्ष का संकल्प लेंगे।

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Published on: 25 Nov 2020 1:31 PM GMT
सावधान हो सकता है बिजली संकटः आज हड़ताल करेंगे, सूबे के सभी कर्मचारी
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आम आदमी को लगेगा तगड़ा झटका, मध्य प्रदेश में जल्द महंगी हो सकती है बिजली

लखनऊः केन्द्र और राज्य सरकारों की निजीकरण की नीति के विरोध में देश के सभी प्रांतों के 15 लाख बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों एवं अभियन्ताओं के साथ उत्तर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियन्ताओं ने 26 नवम्बर को विरोध प्रदर्शन का एलान किया है।

विद्युत कर्मचारी सँयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के पदाधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 महामारी के बीच केन्द्र सरकार और कुछ राज्य सरकारें बिजली वितरण का निजीकरण करने पर तुली हैं जिससे प्रदेश भर के बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है।

ये हैं मुख्य मांगें

निजीकरण के उद्देश्य से लाये गए इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल-2020 और बिजली वितरण के निजीकरण के स्टैण्डर्ड बिडिंग डॉकूमेंट को निरस्त किया जाए।

उप्र में भी सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लिमिटेड का गठन किया जाए।

बिजली कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली लागू हो।

तेलंगाना की तरह ऊर्जा निगमों में कार्यरत सभी संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए।

सभी संवर्गों की वेतन विसंगतियों का निराकरण किया जाए।

कर्मचारी नेताओं का कहना है कि इन मांगों को लेकर कल 26 नवम्बर को प्रदेश में राजधानी लखनऊ में शक्तिभवन सहित सभी जनपद मुख्यालयों एवं परियोजनाओं पर समस्त बिजलीकर्मी सायं 03 बजे से 05 बजे तक विरोध सभाएं व प्रदर्शन करेंगे।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों शैलेन्द्र दुबे, प्रभात सिंह, जीवी पटेल, गिरीश पाण्डेय, सदरुद्दीन राना, सुहेल आबिद, विनय शुक्ल, डी के मिश्र, वीके सिंह कलहंस, प्रेम नाथ राय, महेन्द्र राय, आरके सिंह, केएस रावत, परशुराम, कुलेन्द्र सिंह, ने यह जानकारी दी।

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नेताओं ने बताया कि बिजलीकर्मी उपभोक्ताओं खासकर किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं से सहयोग करने की अपील कर रहे हैं जिन्हें निजीकरण के बाद सबसे अधिक नुकसान होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि निजीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह वापस न की गई तो राष्ट्रव्यापी संघर्ष का संकल्प लेंगे।

कल के विरोध सभा/प्रदर्शन की तैयारी के संदर्भ में हाईडिल फील्ड हॉस्टल में हुई सम्पन्न बैठक में संघर्ष समिति के सभी घटक संघों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया एवं सभी जनपदों एवं परियोजनाओं पर कल के प्रस्तावित संघर्ष कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु चर्चा की गई।

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