पुलिस ने राजा भैया के पिता समेत 11 लोगों को किया नजरबंद, ये है बड़ी वजह

उत्तर प्रदेश के कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। मिली जानकारी के मुताबिक राजा भैय्या के पिता और भदरी रियासत के राजा उदय प्रताप सिंह को नजरबंद किया है।

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Published on: 29 Aug 2020 6:56 AM GMT
पुलिस ने राजा भैया के पिता समेत 11 लोगों को किया नजरबंद, ये है बड़ी वजह
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उदय प्रताप सिंह ने हनुमान मंदिर पर भंडारा करने की अनुमति मांगी थी। जिस हनुमान मंदिर भंडाने की अनुमित मांगी गई थी वहीं पास में मोहर्रम का जुलूस भी निकलता है।

प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। मिली जानकारी के मुताबिक राजा भैय्या के पिता और भदरी रियासत के राजा उदय प्रताप सिंह को नजरबंद किया है। उनके साथ ही 10 और लोगों को नजरबंद किया है। डीएम के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है।

मिली जानकारी के मुताबिक राजा भैया के पिता को शनिवार शाम 5 बजे से रविवार रात 9 बजे तक उनके भदरी महल में नजरबंद किया जाएगा। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने हनुमान मंदिर पर भंडारे के कार्यक्रम को भी रद्द कर दिया है। इसको लेकर पुलिस ने नोटिस भी भदरी राजमहल में चस्पा कर दिया है।

भंडारा करने की मांगी थी अनुमति

गौरतलब है कि राजा उदय प्रताप सिंह ने हनुमान मंदिर पर भंडारा करने की अनुमति मांगी थी। जिस हनुमान मंदिर भंडाने की अनुमित मांगी गई थी वहीं पास में मोहर्रम का जुलूस भी निकलता है, जिसके कारण सौहार्द बिगड़ने का खतरा हो सकता है। इसके कारण बीते 3 सालों से जिला प्रशासन हनुमान मंदिर पर पूजा-पाठ और भंडारे की अनुमति प्रदान नहीं करता है।

Raja Uday Pratap Singh राजा उदय प्रताप सिंह एक कार्यक्रम के दौरान (फोटो: सोशल मीडिया)

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हनुमान मंदिर पर एक बंदर की मौत

बता दें कि इस हनुमान मंदिर पर एक बंदर की मौत हो गई थी। इसके बाद से राजा उदय प्रताप सिंह बंदर की पुण्यतिथि पर भंडारे का आयोजन कराते हैं। इस हनुमान मंदिर पर मोहर्रम के दिन हनुमान पाठ और भंडारे का आयोजन किया जाता है। बीते 3 सालों से जिला प्रशासन इस कार्यक्रम और भंडारे की इजाजत नहीं देता है। राजा भैया के पिता और उनके समर्थकों को नजरबंद कर देता था।

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दरअसल मोहर्रम के दिन ही 2005 में बंदर को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद इलाके के लोग बंदर की पुण्यतिथि पर भंडारा करते हैं। 2015 से राजा भैया के पिता ने मंदिर पर भव्य रूप से पूजा-पाठ कराने लगे। इसके बाद दो समुदाय में टकराव के मद्देनजर जिला प्रशासन ने 2016 में इस आयोजन पर रोक लगा दी थी।

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