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Pratapgarh News: महिलाओं को समझाए गए उनके संवैधानिक अधिकार, संपत्ति में बराबरी का हक़
Pratapgarh News: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वावधान में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
Pratapgarh News: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वावधान में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला जज न्यायमूर्ति अब्दुल शाहिद की अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तौर पर सहभागिता रही।
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जागरूकता ही महिला अधिकारों को प्राप्त करने का माध्यम
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रतापगढ़ द्वारा ‘महिलाओं के हित संरक्षण कानून’ विषय पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन हुआ। जिसे सदर तहसील क्षेत्र के सडवाचंदिका विकासखंड परिसर में आयोजित किया गया। इस अवसर पर दीप प्रज्वलित एवं मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपर जिला जज नीरज कुमार बरनवाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रतापगढ़ ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि जागरूकता महिलाओं के संवैधानिक एवं विधिक अधिकारों को प्राप्त करने का माध्यम है। उन्होंने पीसीपीएनडीटी एक्ट 1994 पर चर्चा करते हुए बताया कि लिंग जांच करना एवं कराना जघन्य अपराध है। जिसके लिए कठोर सजा का प्रावधान किया गया है, गर्भ समापन करना भी एमटीपी एक्ट के अंतर्गत महिलाओं का अधिकार है, जिसमें 24 सप्ताह तक की छूट प्रदान की गई है।
घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला को उसी घर में रहने का अधिकार
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम पर चर्चा करते हुए अपर जिला जज ने बताया कि बाल विवाह में शामिल व्यक्ति के लिए दो वर्ष की कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। पास्को एक्ट पर चर्चा करते हुए उन्होंने विस्तार से लोगों को जानकारी प्रदान की। घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 पर चर्चा करते हुए कहा कि घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला को उसी घर में रहने का अधिकार प्राप्त है। कार्यस्थल पर महिलाओं को लैंगिक उत्पीड़न से बचाने के लिए आंतरिक परिवाद समिति व क्षेत्रीय परिवाद समिति का गठन किया गया हैं। उन्होंने कहा कि संपत्ति में महिलाओं को बराबरी का अधिकार प्राप्त है। सीनियर सिटीजन एक्ट के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों को संरक्षण प्रदान किया गया है। इसके अलावा पारिवारिक कानून एवं भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों पर जानकारी प्रदान की गई।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी सदर उदय भान सिंह ने कहा कि महिलाओं के लिए सरकार की तरफ से कल्याणकारी योजनाओं का प्रावधान किया गया है जिसे वह जागरूक होकर प्राप्त कर सकती हैं। उन्हें इन सुविधाओं को दिलाने में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। इस अवसर पर वरिष्ठ पैनल अधिवक्ता रिसोर्स पर्सन विश्वनाथ त्रिपाठी ने कहा कि महिलाएं वैवाहिक विवादों के संदर्भ में मध्यस्थता के माध्यम से समाधान करा सकती हैं। वहीं अलगाव की स्थिति में उन्हें गुजारा भत्ता पाने का अधिकार प्राप्त है। उन्होंने बताया कि वैवाहिक विवादों के संदर्भ में प्री लिटिगेशन के माध्यम से मध्यस्थता के द्वारा वैवाहिक विवादों का समाधान कराया जा सकता है। इस अवसर पर चीफ लीगल एंड डिफेंस काउंसिल महावीर यादव ने कहा कि जेल में बंदियों को विधिक सहायता, घरेलू हिंसा, भरण पोषण आदि में निशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
कार्यक्रम में इनकी रही मौजूदगी
इस अवसर पर पीएलवी अमन त्रिपाठी ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाएं, बच्चे, आपदा से पीड़ित, दिव्यांग, मानसिक रूप से अस्वस्थ, या जिनकी वार्षिक आमदनी ₹300000 तक है, के लिए निशुल्क विधिक सहायता का प्रावधान किया गया। लोगों के प्रति आभार सहायक विकास अधिकारी पशुपति नाथ सिंह ने ज्ञापित किया गया। इस अवसर पर पीएलवी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महेंद्र त्रिपाठी, रामचंद्र मिश्र, गिरीश पाण्डेय, विशाल त्रिपाठी, शैलेश ओझा, ब्लॉक मिशन प्रबंधक अजय सिंह आदि लोग मौजूद रहे।