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Prayagraj News: हाइस्पीड ट्रेनों के लिए आधुनिक स्टेशन जरूरी, प्रयागराज मंडल के 17 स्टेशनों का नवीनीकरण
Prayagraj News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों की उड़ान भारतीय रेल पर झलक रही है। प्रधानमंत्री के सपनों को पूरा करने के लिए भारतीय रेल द्वारा पूरे देश भर में 508 रेलवे स्टेशनों के सुंदीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है।
Prayagraj News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों की उड़ान भारतीय रेल पर झलक रही है। प्रधानमंत्री के सपनों को पूरा करने के लिए भारतीय रेल द्वारा पूरे देश भर में 508 रेलवे स्टेशनों के सुंदीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है। अमृत भारत योजना के तहत प्रयागराज मंडल के 17 स्टेशनों का नवीनीकरण होना शुरू हो गया है, और इनमें से सात स्टेशन अपने स्वरूप को 2024 तक पूरा कर लेंगे।
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पुराने रेलवे स्टेशनों के आधुनिक तरीके से विकास का कार्य शुरू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल तरीके से इन सभी 508 रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन किया। रेलमंत्री पियूष गोयल, कई गणमान्य नागरिक, स्कूली बच्चे समारोह में मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने जहां एक तरफ देश में बने रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक विकसित करने की बात कही, वहीं उन्होंने इंगित कर दिया कि हाई स्पीड ट्रेनों के लिए आत्याधुनिक रेलवे प्लेटफार्म की जरूरत है, उसके लिए अब पुराने रेलवे जंक्शन को आधुनिक तरीके से बनाना जरूरी है। अमृत भारत योजना के तहत पूरे देश में अभी 508 स्टेशनों का विकास किया जा रहा है और जल्दी ही पूरे देश के सभी बड़े और मध्यम रेलवे स्टेशनों का भी विकास कर दिया जाएगा। विदेशों में रेलवे जंक्शन, हवाई अड्डे की तर्ज पर बनाए गए हैं, उन्होंने इसपर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और चीन का उदाहरण प्रस्तुत किया।
अत्याधुनिक भारत की कल्पना होगी साकारः केशव
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि देश का विकास होना जरूरी है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जिस तरीके से अत्याधुनिक भारत की नींव रखी जा रही है, वो सराहनीय है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के पिछले नौ साल के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि देश अपने सर्वांगीण विकास में आगे है और जल्द ही देश एक विकसित और अत्याधुनिक भारत के रूप में आएगा।
धर्म से बढ़कर कुछ नहीं: डिप्टी सीएम
ज्ञानवापी पर पूछे सवाल पर केशव ने कहा कि धर्म से बढ़कर कुछ नहीं है। ज्ञानवापी में हमारे आराध्य देव भगवान शिव का स्थान है। किसी भी धर्म या संप्रदाय द्वारा उस पर अपना अधिकार कहना गलत है। सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए आदेशों की सम्मान करते हैं और हमें कानूनी प्रक्रिया के तहत ज्ञानवापी मंदिर का निर्माण करना चाहिए।