×

दोषी 27 अधिकारी: विकास दुबे एनकाउंटर पर बड़ी कार्रवाई, सामने आएंगे कई चेहरे

प्राप्त जानकारी के मुताबिक ये सभी अधिकारी हथियारों के लाइसेंसो और जमीनों के मामलें में लापरवाही बरतने के आरोपी है। इनमें एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम से लेकर तहसीलदार तक शामिल है।

Newstrack
Published on: 17 Nov 2020 7:18 AM GMT
दोषी 27 अधिकारी: विकास दुबे एनकाउंटर पर बड़ी कार्रवाई, सामने आएंगे कई चेहरे
X
दोषी 27 अधिकारी: विकास दुबे एनकाउंटर पर बड़ी कार्रवाई, सामने आएंगे कई चेहरे (Photo by social media)

लखनऊ: कानपुर के बिकरू कांड की जांच कर रही एसआईटी के रिपोर्ट के आधार पर 27 प्रशासनिक व राजस्व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। इन 27 अधिकारियों में एक रिटायर्ड व एक मौजूदा आईएएस अधिकारी समेत 19 प्रशासनिक अधिकारी तथा 08 राजस्व अधिकारी शामिल है।

ये भी पढ़ें:लव जिहाद: कानून बनाने जा रहे मामा ‘शिवराज’, सजा के बारें में जानकर कांप उठेगी रूह

ये सभी अधिकारी हथियारों के लाइसेंसो और जमीनों के मामलें में लापरवाही बरतने के आरोपी है

प्राप्त जानकारी के मुताबिक ये सभी अधिकारी हथियारों के लाइसेंसो और जमीनों के मामलें में लापरवाही बरतने के आरोपी है। इनमें एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम से लेकर तहसीलदार तक शामिल है।

vikas-dubey vikas-dubey (Photo by social media)

इससे पहले बीती 04 नवंबर को एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी। इस जांच रिपोर्ट में एसआईटी ने 75 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी। इसमे पुलिस व प्रशासन के लोग भी शामिल थे। बताया जा रहा है कि इन 75 लोगों में 60 फीसदी पुलिस और 40 फीसदी प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी हैं। सूत्र के मुताबिक जांच में एसआईटी ने बिकरू मामले में कानपुर पुलिस पर लगे आरोपों को सही पाया है। इसके साथ ही शासन के निर्देश पर एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में गैंगस्टर विकास दुबे व उसके सहयोगियों को जारी शस्त्र लाइसेंस जारी किए जाने के मामले को गंभीरता से लिया गया है।

एसआईटी को 31 जुलाई तक अपनी जांच आख्या देने के लिए कहा गया था

बता दे कि यूपी की योगी सरकार ने बीती 11 जुलाई को अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में 03 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। इस टीम में अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा तथा पुलिस उप महानिरीक्षक जे रविंद्र गौड़ को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया था। एसआईटी को 31 जुलाई तक अपनी जांच आख्या देने के लिए कहा गया था। लेकिन तय समय में जांच पूरी न हो पाने पर इसकी अवधि को कई बार बढ़ाया गया था।

ये भी पढ़ें:प्लास्टिक और कचरे से बना डाली धांसू स्पोर्ट्स कार, मिल रहे बड़े-बड़े ऑफर

जो प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई की जद में आये है उनमे, डीएम उदयवीर सिंह यादव, विवेक कुमार श्रीवास्तव, शस्त्र अधिकारी अभिषेक कुमार सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट रवि प्रकाश श्रीवास्तव, कानपुर देहात के एसडीएम रहे राम शिरोमणि और अजय कुमार अवस्थी, कानपुर नगर में एसीएम रहे राम अभिलाष-1, कानपुर देहात के तहसीलदार सुरेश नारायण पांडे और दुर्गा शंकर गुप्ता, नायब तहसीलदार राम लखन कमल, एसडीएम बिल्हौर रहे अनिल कुमार दमेले, सुखलाल भारती, दयानंद सरस्वती, प्रहलाद सिंह, बिल्हौर के तहसीलदार रहे इंद्रपाल उत्तम, राकेश कुमार गुप्ता, फूलचंद आर्य, कानपुर नगर के तहसीलदार रहे भानु प्रताप शुक्ला, अतुल हर्ष, बिल्हौर के राजस्व निरीक्षक ऋषभ दुबे तथा लेखपाल अनिल कुमार, रामेश्वर, सुशील कुमार, बालादीन, रामकिशोर, रवि प्रकाश, कमलेश कुमार शामिल है।

रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story