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कोरोना से बचना भी है और स्कूल जाना भी है एक जुलाई से शिक्षकों को

यूपी के परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व शिक्षकों को आगामी पहली जुलाई से विद्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया गया हैं।

Roshni Khan
Published on: 23 Jun 2020 10:47 AM GMT
कोरोना से बचना भी है और स्कूल जाना भी है एक जुलाई से शिक्षकों को
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लखनऊ: यूपी के परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व शिक्षकों को आगामी पहली जुलाई से विद्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया गया हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पहली जुलाई से प्रधानाध्यापकों व शिक्षिकों को विद्यालय में उपस्थित होकर विभाग के कार्यों को पूरा कराना होगा।

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सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने जारी किया आदेश

निदेशक द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कोविड-19 के कारण प्रदेश में विद्यालय बंद किए गए है। विभाग के अतिमहत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने के लिए भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा जारी सोशल डिस्टेंसिंग निर्देशों का पालन करते हुए पहली जुलाई से प्रधानाध्यापकों व शिक्षिकों को विद्यालय पहुंचना होगा।

इस दौरान प्रधानाध्यापकों व शिक्षिकों को मध्यान्ह भोजन योजना के तहत परिवर्तन लागत धनराशि विद्यार्थियों के अभिभावकों के खातों में पहुंचाने के लिए हर विद्यार्थी का नाम, माता-पिता का नाम, बैंक खाता, बैंक का नाम, आईएफएससी कोड, अभिभावक का मोबाइल नंबर की सूची बना कर विद्यालय के मध्यान्ह भोजन निधि खाते से डीबीटी के द्वारा अभिभावकों के खाते में ट्रांसफर कराना होगा। इसके अलावा यू डायस प्लस के तहत उपलब्ध कराये गए डाटा कैप्चर फार्मेट को अपडेट कर उसे प्रधानाध्यापकों द्वारा अपलोड किया जाना है।

इसी तरह मानव संपदा पोर्टल को पूरा कराने के लिए विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को ब्लाक स्तर पर उपस्थित होकर अपने विद्यालय के सभी शिक्षिकों का डाटा चेक करना होगा और अपनी देखरेख में मानव संपदा पोर्टल पर त्रुटि रहित डाटा देना होगा। मिशन प्रेरणा के तहत संचालित की जा रही ई-पाठशाला में विद्यार्थियों की आनलाइन शिक्षा के संचालन के लिए शिक्षकों को दीक्षा एप डाउनलोड किया जाए तथा प्रत्येक शिक्षक को रोज कम से कम 10 से ज्यादा अभिभावकों से संपर्क कर उन्हे दीक्षा ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया जाए।

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इसी के साथ जब शिक्षक विद्यालय में उपस्थित होंगे तो उनसे जानकारी ली जाए कि उन्होंने विभाग द्वारा व्हाट्सअप ग्रुप पर भेजे गई कक्षावार शिक्षण सामाग्री व अभ्यास को कितने अभिभावकों या बच्चों तक पहुंचाया और कितने अभिभावकों को दीक्षा एप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया। ऐसे अभिभावक जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है उनमे से कितनों को दूरदर्शन व आल इंडिया रेडियों से प्रसारित शैक्षिक सामाग्री को बच्चों को दिखाने या सुनाने के लिए प्रेरित किया गया। इसी के साथ प्रधानाध्यापकों व शिक्षिकों को विभाग के अन्य कार्यक्रमों, आपरेशन कायाकल्प, शारदा कार्यक्रम, समर्थ कार्यक्रम, निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण, निशुल्क यूनिफार्म वितरण तथा शिक्षिकों का आनलाइन प्रशिक्षण से संबंधित कार्य पूरे करने होंगे।

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