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प्राइवेट हाॅस्पिटल का बड़ा कारनामा, मृत मासूम का करता रहा इलाज

डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है , जब यही भगवान विश्वासघात करें तो आम इंसान कहा जाए।  बड़े शहरों मे अस्पताल के द्वारा फर्जी तरीके से पैसे एंठने की बातें आम होती है। लेकिन अब ग्रामीण इलाकों और कस्बों के प्राइवेट अस्पताल भी मरीजो के मर जाने के बाद भी फर्जी तरीके से इलाज कर परिजनों से मोटी रकम ऐंठते  है। मुर्दों का इलाज करने वाले ऐसे डॉक्टर अब बलिया में है।

suman
Published on: 9 Jun 2020 4:20 PM GMT
प्राइवेट हाॅस्पिटल का बड़ा कारनामा, मृत मासूम का करता रहा इलाज
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बलिया: डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है , जब यही भगवान विश्वासघात करें तो आम इंसान कहा जाए। बड़े शहरों मे अस्पताल के द्वारा फर्जी तरीके से पैसे एंठने की बातें आम होती है। लेकिन अब ग्रामीण इलाकों और कस्बों के प्राइवेट अस्पताल भी मरीजो के मर जाने के बाद भी फर्जी तरीके से इलाज कर परिजनों से मोटी रकम ऐंठते है। मुर्दों का इलाज करने वाले ऐसे डॉक्टर अब बलिया में है।

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पीड़ित का आरोप

बलिया में जो घटना सामने आयी है, इसको सुनकर रूह तक कांप जाएगी । यहां के ओम साई क्लिनिक ,महिला अस्पताल रोड जगदीशपुर के चिकित्सकों ने ऐसा काम किया है कि जिसको देखने व सुनने के बाद आंखों से आंसू रोक नहीं पाएंगे। इस मामले को लेकर जिले मे गहमागहमी का माहौल है।

दरअसल हुआ ये कि यहां के प्राइवेट ओम साईं क्लिनिक के चिकित्सकों द्वारा इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना को अंजाम दिया गया। सिकन्दरपुर तहसील क्षेत्र के पकड़ी थाना के रहने वाले प्रदीप राजभर ने ओम साईं क्लिनिक पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा है कि 10 हजार रुपये जमा कराने के बाद रेफर करते हुए मृतक बच्चे को गोद मे देकर अस्पताल वाले बोले कि आंखे खुलने का इन्तजार करो क्योंकि इसको नींद का इंजेक्शन लगाया गया है।

मरे हुए बच्चे की आंख खुलने का इंतज़ार

आज जो घटना सामने आयी है उसमें इलाज करने वाले चिकित्सक ने नवजात के परिजनों से कहा कि 7 घंटे बाद बच्चे की आंख खुलेगी। घंटों बाद जब बच्चे ने आंखे नहीं खोली तो परिजनों के सब्र का बांध टूट गया और डॉकटरों की सच्चाई सामने आई।पीड़ित परिवार की माने तो उनका बच्चा एक प्राइवेट नर्सिंग होम जीवन रेखा में 6 जून 2020 को रात 12 बजे स्वस्थ पैदा हुआ था।अस्पताल के चिकित्सकों ने नवजात बच्चे को किसी चाइल्ड स्पेशलिस्ट को दिखाने को कहा। बच्चा स्वस्थ्य है या नही, इसे सोच कर परिजन बच्चे को ओम साईं क्लिनिक पर दिखाने ले गये। पीड़ित का आरोप है कि क्लिनिक के चिकित्सक ने बच्चे को लेकर डराया और बच्चे को आईसीयू में डाल दिया और दूसरे दिन इलाज के नाम पर 10 हजार रुपये लिए और इसके बाद बच्चे को परिजनों को सौप दिया।

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जब घण्टो बाद भी बच्चे की आंख नही खुली तो बच्चे को लेकर ओम साई क्लिनिक पर ले गये तो बताया गया कि बच्चा मर चुका है। इस मामले में परिजनों ने 112 नम्बर को फोन कर सूचना दिया । इसके बाद सदर कोतवाली में क्लिनिक और क्लिनिक से जुड़े चिकित्सक के खिलाफ तहरीर भी दे चुका है।अब इस मामले में पुलिस के द्वारा जांच कराई जा रही है ,वही मृतक बच्चे को पोस्टमार्ट के लिए भेज आगे की कार्रवाई में जुटी है। यदि क्लिनिक के चिकित्सिक दोषी पाया जाता है तो सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।

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