×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

यूपी में कांग्रेस को फिर खड़ा करने के मिशन में जूझती प्रियंका गांधी

सोनिया गांधी की पुत्री और राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी अब रायबरेली और अमेठी से बाहर निकल चुकी हैं। और यूपी के राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस की मौजूदगी दिखने लगी है। यह वह कांग्रेस है जो मंडल कमंडल की राजनीति शुरू होने के बाद धीरे धीरे हाशिये पर सिमटती चली गई।

राम केवी
Published on: 28 Dec 2019 7:12 PM IST
यूपी में कांग्रेस को फिर खड़ा करने के मिशन में जूझती प्रियंका गांधी
X

रामकृष्ण वाजपेयी

सोनिया गांधी की पुत्री और राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी अब रायबरेली और अमेठी से बाहर निकल चुकी हैं। और यूपी के राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस की मौजूदगी दिखने लगी है। यह वह कांग्रेस है जो मंडल कमंडल की राजनीति शुरू होने के बाद धीरे धीरे हाशिये पर सिमटती चली गई। और 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी ने अमेठी का अपना पारंपरिक गढ़ भी खो दिया, जिसमें भाजपा की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हराया था। हालांकि अब प्रियंका गांधी वाडरा कांग्रेस की जुझारू नेता की छवि बनाने को लेकर काम कर रही है। प्रियंका यूपी की राजनीति में युवाओं को फोकस करके अपने मिशन पर आगे बढ़ रही हैं।

इसे भी पढ़ें

प्रियंका के तेवर से मचा हड़कंप, जब लखनऊ की सड़कों पर चल पड़ीं पैदल

प्रियंका गांधी वाडरा अपने प्रयासों में सफल होते इसलिए भी दिखाई दे रही हैं क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्वी उत्तरप्रदेश की प्रभारी और कांग्रेस महासचिव बनाए जाने के बाद से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की पराजय के बावजूद उन्होंने यूपी से अपना नाता नहीं तोड़ा और लगातार किसी न किसी बहाने अपनी उपस्थिति दर्ज कराती रहीं। और युवाओं को पार्टी से जोड़ने की अपनी क्षमता का इस्तेमाल करती रही हैं।

प्रियंका गांधी नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर जैसे मुद्दों पर भड़के युवाओं के गुस्से को कांग्रेस के पक्ष में मोड़ने की पूरी कोशिश कर रही हैं। जनहित के मुद्दों को लेकर वह सूबे में कांग्रेस की छवि एक लड़ाकू संगठन की बनाने की पूरी कोशिश कर रही हैं।

हाल के दिनों में प्रियंका गाँधी नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में सबसे आगे रही हैं, कई बार दिल्ली के इंडिया गेट पर प्रदर्शनकारियों के धरने और प्रदर्शन में शामिल हुईं।

दोबारा जा सकती है मारे गए प्रदर्शनकारियों के परिजनों से मिलने

बिजनौर में उन्होंने गोली से मारे गए युवक के परिजनों से मिलने का प्रयास किया। उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी थे। हालांकि प्रियंका गांधी को पुलिस प्रशासन ने मिलने नहीं जाने दिया और वापस भेज दिया। यूपी में प्रियंका जिस तरह से एग्रेसिव हो कर पालिटिक्स कर रही हैं। उसमें इस बात की पूरी संभावना है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी फिर से CAA को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन में मारे गए लोगों के परिवारों से मिलने की जल्द ही दोबारा कोशिश करेंगे।

सारा ध्यान यूपी की राजनीति पर

उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव के रूप में, प्रियंका गांधी ने अपना सारा ध्यान यूपी की राजनीति पर केंद्रित किया हुआ है, वह जनहित के मुद्दों, बढ़ती बलात्कार की घटनाओं और कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार पर लगातार हमले कर रही हैं।

तीन तलाक कानून, कश्मीर के मामले, राम मंदिर जैसे मुद्दों पर भाजपा सरकार को घेरने में नाकाम रही कांग्रेस को सीएए, एनपीआर या एनसीआर जैसे मुद्दों पर भड़के जनाक्रोश को देखकर ये लग रहा है कि सूबे में योगी सरकार के खिलाफ अभियान बनाने के लिए यही सही समय है।

इसे भी पढ़ें

लखनऊ: प्रियंका गांधी वाड्रा जमकर बरसी केंद्र व प्रदेश सरकार पर

यूपी में 2017 के विधानसभा चुनाव और इस साल के लोकसभा चुनावों के बाद, कांग्रेस का राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए संघर्ष जारी है। वर्तमान हालात में कांग्रेस के अपने दम विरोध प्रदर्शन में उतरने से एक बात तो बेहतर हो रही है कि उसकी खुद की पहचान बन रही है।

प्रियंका के लिए चुनौतियां

समाजवादी पार्टी अपना विरोध प्रदर्शन अलग कर रही है जबकि बहुजन समाज पार्टी अभी सड़क पर उतरने की भूमिका में नहीं आई है। इससे एक बात तो साफ दिख रही है विपक्ष एकजुट होकर सरकार पर हमला नहीं कर पा रहा है।

वर्तमान में यह सही है कि सीएए विरोध प्रदर्शनों ने पार्टी में ऊर्जा का संचार किया है, लेकिन प्रियंका गांधी के लिए बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि युवाओं का क्रोध और विरोध कम से कम कुछ समय तक बरकरार रहे।



\
राम केवी

राम केवी

Next Story