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UP विधानपरिषद में भी गूंजा किसानों की समस्याओं, महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा

मुख्य विपक्षी दल सपा ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों को फायदा पहुंचाने के बजाय अपनी पार्टी से जुड़े खास उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाना शुरू कर दिया।

Ashiki
Published on: 2 March 2021 9:10 PM IST
UP विधानपरिषद में भी गूंजा किसानों की समस्याओं, महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा
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20 UP Vidhan Sabha staffers test positive before-monsoon-session

लखनऊ: विधान परिषद में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की हितैषी है। उन्हें बेहतर सुविधाएं और अवसर उपलब्ध कराना हमारा दायित्व है। हम मण्डियों के पास ही कोल्ड स्टोरेज बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं और मौजूदा योगी सरकार ने किसानों की कई उपजों पर मण्डी शुल्क शून्य कर दिया है। जिसका सीधा लाभ अब किसानों को होगा, बिचैलियों को नहीं।

सपा ने बोला हमला

इससे पहले आज कृषि कानूनों को वापस लेने और किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने, राज्य में मंहगाई और बेरोजगारी बढ़ने समेत शिक्षामित्रों का मामला गूंजा। मुख्य विपक्षी दल सपा ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों को फायदा पहुंचाने के बजाय अपनी पार्टी से जुड़े खास उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाना शुरू कर दिया।

तीनों कानून को बताया किसानों का दुश्मन

सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे सभापति कुॅवर मानवेन्द्र सिंह के सभापतित्व में शुरू हुई। प्रश्न प्रहर आज भी सामान्य रूप से चला। शून्य प्रहर में सपा के अहमद हसन, जितेन्द्र यादव, महफूजुर्रहमान उर्फ महफूज खां, राकेश यादव एवं अन्य सदस्यों ने उत्तर प्रदेश कृषि मण्डी संसोधन अधिनियम-2018 के द्वारा संसोधन करके मण्डियों की उपयोगिता कम करने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। सूचना की ग्राहय्ता पर सपा के डा. संजय लाठर, बलवन्त सिंह रामूवालिया एवं नेता विरोधी दल अहमद हसन ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह तीनों कानून किसान विरोधी नहीं बल्कि किसानों के दुश्मन हैं।

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सूर्य प्रताप शाही बोले- हमारी सरकार किसानों की हितैषी है

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि हमारी सरकार किसानों की हितैषी है। किसानों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जायेगा। यह उन्हें बेहतर सुविधाएं और अवसर उपलब्ध कराने में सहायक होंगे। हम मण्डियों के पास ही कोल्ड स्टोरेज बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं और मौजूदा योगी सरकार ने किसानों की कई उपजों पर मण्डी शुल्क शून्य कर दिया है। जिसका सीधा लाभ अब किसानों को होगा, बिचैलियों को नहीं।

बिचैलियों को हटाने की योजना तो पिछली सरकारों ने बनायी थी हमारी सरकार तो उन्हीं की योजना को आगे बढ़ा रही है। योगी सरकार आने के बाद प्रदेश में एक भी मण्डी बन्द नहीं हुयी है और ना ही आगे बन्द होगी। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि सदन में गलत तथ्य पेश किये गये हैं जब ये लोग सदन में गलत बात रख रहे हैं तो किसानो को भी इन्होंने ही बरगलाया है। सरकार के जवाब से संतुष्ट न होने पर सरकार पर किसानविरोधी होने के नारे लगाये और सदन से वाकआउट किया।

बसपा ने उठाया जातिगत उत्पीड़न का मामला

बसपा के दिनेश चन्द्रा, अतर सिंह राव, सुरेश कुमार कश्यप, महमूद अली एवं भीमराव अम्बेडकर ने बदायूॅ के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा अध्यापकों एवं कर्मचारियों का जातिगत आधार पर उत्पीड़न किये जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। नेता सदन डा0 दिनेश शर्मा ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया।

कांग्रेस ने उठाया रोजगार का मुद्दा

कांग्रेस के दीपक सिंह ने प्रदेश के युवाओं और शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार दिलाये जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। दीपक सिंह ने कहा प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार आयी है युवाओं को लगातार रोजगार दिलाने और मंहगाई कम करने की बात तो कर रही है लेकिन ना तो युवाओं को रोजगार मिल रहा है और ना ही मंहगाई पर अंकुश लग रहा है। जब भाजपा सरकार बनी थी तब बेरोजगारी दर 5 दशमलव 92 प्रतिशत थी जबकि 2019 में प्रदेश में यह दर 9.97 हो गयी। यह आंकड़े कोरोना कल के पहले के हैं। अब तो यह दर और भी बढ़ गयी है। नेता सदन ने कहा कि ऐसा नहीं है। प्रयास जारी है। हमने पिछली सरकारों से ज्यादा बेरोजगारों को रोजगार दिया है।

शिक्षक दल के सुरेश कुमार त्रिपाठी एवं ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, वाराणसी को विवेचना में दोषी पाये जाने पर शासन द्वारा कार्यवाही कराये जाने का मामला उठाया। सरकार ने अब तक की कार्यवाही से सदन को अवगत कराया। सभापति ने सरकार को प्रकरण की जांच कराकर प्रभावी कार्यवाही कराये जाने के निर्देश दिये।

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निर्दलीय समूह के राजबहादुर सिंह चन्देल एवं डा. आकाश अग्रवाल ने नीलकण्ठ ग्रुप हाइवे, गोर्वधन चैराहा, मथुरा के बिल्डर के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराकर कार्यवाही किये जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। नेता सदन ने सदन को तथ्यों से अवगत कराया। अधिष्ठाता सुरेश कुमार त्रिपाठी ने सूचना पर कार्यस्थगन अस्वीकार कर सरकार को कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये।

शिक्षामित्रों का मामला भी गूंजा

सपा के नरेश चन्द्र उत्तम, आशुतोष सिन्हा, आनन्द भदौरिया, लाल बिहारी यादव एवं अन्य सदस्यों ने शिक्षामित्रों को समान कार्य के लिये समान वेतन दिये जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। ग्राहय्ता पर सपा के मान सिंह यादव, नरेश उत्तम, आशुतोष सिन्हा, शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी एवं नेता विरोधी दल अहमद हसन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने चुनाव के समय शिक्षामित्रों को स्थायी किये जाने का वायदा किया था लेकिन अब वह शिक्षामित्रों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।

आज लाखों शिक्षामित्रों का भविष्य अंधकार में है। उनके परिवार भुखमरी की कगार पर है, उनमें रोष बढ़ रहा है। सरकार शिक्षामित्रों को दस हजार रूपये मानदेय देकर आत्महत्या को मजबूर कर रही है। इससे ना सिर्फ शिक्षा व्यवस्था प्रभावति हो रही बल्कि बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा शिक्षकों की भर्ती हो रही है। उसमें शिक्षामित्र भी शामिल हो रहे हैं। शिक्षामित्रों के मानदेय को बढ़ाने का सरकार के पास कोई प्रस्ताव फिलहाल नहीं है।

श्रीधर अग्निहोत्री



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