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गूगल मीट पर हुआ ये अनोखा कार्यक्रम, कुलपति ने की अपील

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर में माननीय कुलपति प्रो. विजय कृष्ण सिंह की अपील पर ''रीडिंग डे'' कार्यक्रम गूगल मीट के माध्यम से आयोजित किया गया।

Roshni Khan
Published on: 19 Jun 2020 12:10 PM GMT
गूगल मीट पर हुआ ये अनोखा कार्यक्रम, कुलपति ने की अपील
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गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर में माननीय कुलपति प्रो. विजय कृष्ण सिंह की अपील पर ''रीडिंग डे'' कार्यक्रम गूगल मीट के माध्यम से आयोजित किया गया। जिसमें शिक्षकों और विद्यार्थियों ने तय समय में पुस्तकें पढ़ी। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा सामयिक विषयों पर कविता पाठ भी किया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय की पढ़े गोरखपुर समिति के द्वारा आयोजित किया गया। उल्लेखनीय है कि 'पढ़े गोरखपुर समिति' की पूर्व में हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुरूप यह कार्यक्रम चीन के प्रतीकात्मक विरोध स्वरुप जूम एप के बजाय गूगल मीट से संचालित किया गया।

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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे ये लोग

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रो. नंदिता सिंह, अधिष्ठाता कला संकाय ने आयोजन समिति को बधाई देते हुए कहा कि सभी के भीतर पढ़ने और लिखने की क्षमता पैदा किया जाना बहुत जरूरी है। मनुष्य पूर्ण रुप से स्वतंत्र तभी हो सकता है। जब वह साक्षर होगा और पढ़ने-लिखने योग्य होगा। पुस्तक में इतनी शक्ति होती है, कि वह किसी के भी जीवन की दिशा को बदल सकती है। आज देश में आत्मनिर्भरता की बात की जा रही है। यह आत्मनिर्भरता तभी संभव है। जब हम देश के सभी नागरिक साक्षर होंगे। शिक्षित व्यक्ति जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में स्किल डेवलप कर सकेंगे। वस्तुतः साक्षरता एक महत्वपूर्ण मानव अधिकार है। 'पढ़ें गोरखपुर' कार्यक्रम के माध्यम से लोगों के भीतर पुस्तकें पढ़ने की प्रवृत्ति पैदा होगी।

रीडिंग मिशन के अंदर किया ये काम

कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन करते हुए संयोजक प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रीडिंग मिशन 2022 के अनुपालन में हम सभी ने विश्वविद्यालय की तरफ से सहभागिता का प्रयास किया है। रीडिंग मिशन के तहत छात्र, शिक्षक और समाज में लोगों के बीच किताबें पढ़ने की आदत डालना है। यह मिशन काफी नवीन व समकालीन है। इसके तहत बड़े पैमाने पर छात्रों, शिक्षकों और समाज में लोगों के बीच किताबें पढ़ने की आदत को बढ़ाने का प्रयास सराहनीय है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ मनीष पाण्डेय, अतिथि का स्वागत डॉ तूलिका मिश्रा, पूर्व में हुए 'पढ़े गोरखपुर' कार्यक्रम का विवरण डॉ अनुपम सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ प्रभुनाथ प्रसाद ने किया।

कविता पाठ सत्र में विश्वविद्यालय के छात्रों ने सुनाई कविता

कविता पाठ सत्र का संचालन डॉ. लक्ष्मी मिश्रा ने किया। कविता पाठ सत्र में विश्वविद्यालय के छात्र अतुल कृष्ण मिश्र ने "फिर से यह सारा देश मुस्कराएगा", रविकान्त तिवारी ने "धैर्य रखें कुछ समय लगेगा मुल्क मेरा मुस्कराएगा", अनुपम कुमार श्रीवास्तव ने "ए नाईट हैज इट्स डेफिनिट आर्स", पीयूष द्विवेदी ने "कितना जटिल समय है यह तबाही का", अनुष्का यादव ने "विश्वपटल पर महामारी है आई" , रजत वर्मा ने "उकसाए जब कभी शत्रु तो फिर एक जंग होने दो", हर्षिता शुक्ला ने "होप इन कोविड" पर कविता का पाठ किया। भीमसेन सिंह उज्ज्वल, दीपक दुबे, अंजनी कुमारी ने भी कविताएं प्रेषित की थी। सभी कविताएँ सामयिक एवं विद्यार्थियों द्वारा स्वरचित थीं।

कार्यक्रम के रीडिंग सत्र का संचालन विधि विभाग के शिक्षक डॉ. टी.एन. मिश्रा ने किया, जिस दौरान सभी शिक्षकों ने विद्यार्थियों ने स्वेच्छा से पुस्तकें पढ़ी और अंत में पुस्तक पढ़ते हुए फ़ोटो भी शेयर किया। भारत का संविधान, हिन्द स्वराज, सत्य के प्रयोग, सीता: वारियर ऑफ मिथिला, ग्रामीण समाजशास्त्र, करंट अफेयर्स, मानव अधिकार, मैकबेथ, एपीजे अब्दुल कलाम, भविष्य का भारत जैसी किताबें पढ़ी गईं।

कार्यक्रम में तकनीकी परामर्श इन्होंने किया

कार्यक्रम में तकनीकी परामर्श डॉ अंशू गुप्ता एवं डॉ अम्बरीष श्रीवास्तव ने किया। छायांकन संग्रह डॉ आशीष शुक्ला, डॉ प्रतिमा जायसवाल एवं डॉ मीतू सिंह ने किया। कार्यक्रम की ऑनलाइन निगरानी डॉ ओ.पी. सिंह एवं डॉ दीपेंद्र मोहन सिंह ने किया।

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इस दौरान अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो सुग्रीव नाथ तिवारी, अध्यक्ष भौतिकी विभाग प्रो शांतनु रस्तोगी, डॉ अपरा त्रिपाठी एवं डॉ के. सुनीता सहित पढ़े गोरखपुर समिति के सभी सदस्य एवं विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों समेत 100 से ज्यादा की संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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