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Dal ke Bhav: दालों के दाम में उछाल, 12 से 15 रुपय प्रति किलो तक बढ़ोतरी, जानें रेट लिस्ट
Dal ke Bhav: दालों की थोक दाम बढ़ाने उसके बाद फुटकर विक्रेताओं ने भी इसके दाम बढ़ा दिए है । सभी दालों में लगभग 12 से 15 रुपए प्रति किलो तक की बढ़ोतरी हुई है ।
Dal ke Bhav: दालों के दाम एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। फुटकर बाज़ार में दाल के दामों में 12 से 15 रुपए तक की बढ़ोत्तरी हुई है। सरकार द्वारा 10 प्रतिशत उत्पाद शुल्क हटाने के बावजूद भी डाल के दाम आसमान छू रहे है। फुटकर बाजार में अरहर की दाल जो पहले 112 रुपए प्रति किलो बिकती थी उसके दामों में इजाफा हुआ है।
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बाजार में अरहर दाल अब 126 रुपय प्रति किलो तक बिक रही है। चना दाल 61 रुपए प्रति किलो की जगह अब बढ़कर 67 रुपए प्रति किलो हो गयी है। हरी उड़द दाल के दाम में 100 रुपए प्रति किलो से 115 रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी देखी गई है। छोटे और बड़े छोले के दाम 93 और 113 रुपए प्रति किलो से बढ़ाकर 105 और 115 रुपए प्रति किलो तक हो गए हैं। हरी और काली उड़द दाल के दाम 60 और 73 रुपए किलो से बढ़कर 65 और 80 रुपए किलो तक पहुँच गए है।
उत्पाद शुल्क कम करने के बाद भी दाम में बढ़ोतरी
भारत सरकार द्वारा बीते 4 मार्च से दालों पर 10 प्रतिशत उत्पाद शुल्क घटाने के बाद भी दालों के दाम में बढ़ोतरी देखी गई है। केन्द्रीय अप्रत्यक्ष दल एवं कर सीमा शुल्क बोर्ड ने एक अधिसूचना में कहा कि तुअर दाल पर अब कोई भी सीमा शुल्क लागू नहीं होगा। साबुत तूअर दाल के अलावा बाकी सभी दालों पर 10 प्रतिशत का शुल्क लगता रहेगा। देश भर में तुअर दाल के कम उत्पादन की आशंका जताते हुए उत्पाद शुल्क हटा दिया गया है। कृषि मंत्रालय के अनुमानों के मुताबिक जुलाई 2022 से जून 2023 के बीच 43.4 लाख टन से गिरकर 38.9 लाख टन रह गया है।
दाल के बढ़ते दामों के कारण
पिछले सप्ताह अचानक से मौसम में हुए बदलाव के कारण खड़े अनाज की फसल को भारी नुकसान हुआ है। कुछ जिलों में ओलावृष्टि से फसल लगभग खत्म सी हो गयी है। रमजान माह में दालों की खपत भी बढ़ जाती है। खपत और मांग के अंतर के कारण भी दालों के दाम में बढ़ोतरी पाई गई है।
सरकार का फ़ैसला
सरकार ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और दाल की कीमत को नियंत्रण में रखने के लिए अपने प्रयास के तहत मार्च 2023 तक तुअर दाल और उड़द दाल के आयात को मुक्त श्रेणी में रखने का फैसला लिया है । इस फैसले ने अगले वित्त वर्ष के लिए तुअर और उड़द दाल की आयात नीती व्यवस्था की समस्याओं पर विराम लगा दिया है। बयान में कहा गया “दालों की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए आयात सुनिश्चित किया जाएगा। उम्मीद है कि इन दालों की पर्याप्त उपलब्धता से दुकानदारों एवं ग्राहकों के लिए दालों के दाम घटेंगे।”
दाल की जमाखोरी पर सरकार द्वारा समिति का गठन किया गया
सरकार द्वारा दाल भंडार की जांच एवं जमाखोरी पर नियंत्रण रखने के लिए समिति का गठन किया गया है । दालों की पर्याप्त मात्रा होने के बावजूद बढ़ते दामों पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार द्वारा बराबर जांच करने के लिए इस समिति का गठन सुनिश्चित हुआ है। अपर सचिव निधि खरे की अध्यक्षता में सभी राज्यों में दाल की जमाखोरी पर समय समय पर जांच की जाएगी। इस समिति का मुख्य कार्य है जमाखोरों को पकड़ना जिससे सभी दुकानदार और ग्राहकों को सही दामों पर दाल उपलब्ध करायी जा सके।