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पूर्वांचल का काला सोना! ओडीओपी योजना के तहत जाएगा विदेश
आजादी के पहले इस काला नमक के दीवाने अंग्रेज भी हुआ करते थे। इस चावल को पानी की बेहद जरूरत होती है। इसके लिए अंग्रेजों ने बड़े बड़े तालाब भी बनवाये थे। काला नमक की खासियत ये है कि इसमें जिंक और आयरन की मात्रा अधिक होती है।
लखनऊ: प्रदेश सरकार की ओडीओपी योजना के तहत जिलों के प्रसिद्ध उत्पादों को खूब लाभ मिल रहा है। एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत पूर्वांचल को भी इसका भरपूर लाभ मिलने जा रहा है। इसके तहत काला नमक कहा जाने वाला चावल अब दूसरे राज्यों में पैकिंग कर बेचा जाएगा जिसका भरपूर लाभ किसानों को मिलेगा।
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काला नमक में जिंक और आयरन की मात्रा अधिक होती है
कहा जाता है कि आजादी के पहले इस काला नमक के दीवाने अंग्रेज भी हुआ करते थे। इस चावल को पानी की बेहद जरूरत होती है। इसके लिए अंग्रेजों ने बड़े बड़े तालाब भी बनवाये थे। काला नमक की खासियत ये है कि इसमें जिंक और आयरन की मात्रा अधिक होती है। जिनके दिमाग के लिए और आयरन खून की कमी को पूरा करता है। बाँसमती के मुकाबले यह नरम होता है।
एक अधिकारी ने बताया कि पैकिंग के लिए नॅशनल इंस्टीटूट आफ न्यूट्रिशन से सलाह ली जा रही है ताकि इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई जा सके। एक ही छत के नीचे किसानों को हर तरह की जानकारी देने के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर भी बनाये जाएंगे । वैसे पूर्वांचल क्षेत्र में बाँसमती का खूब उत्पादन होता है लेकिन इस किस्म को एक जिला एक उत्पाद से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं।
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खुशबू वाले इस चावल की मांग विदेश में भी काफी है
इस चावल की देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी काफी मांग है। खुशबू वाले इस चावल का यदि पैकिंग कर निर्यात किया जाएगा तो इससे किसानों को उनकी फसल का भरपूर लाभ मिलेगा। साथ ही कुछ किसान जो इसकी खेती बंद कर रहे हैं वह अत्यधिक लाभ देखकर इसे फिर से अपना सकते है। योगी सरकार ने जब से ओडीओपी योजना शुरू की कई जिलों में होने वाले उत्पादों को उसकी पहचान मिल चुकी है।
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इसी कडी में अब काला सोना को पैकिंग कर इसकी मार्केटिंग की पूरी तैयारी की जा चुकी है। कहा जा रहा है कि सरकार की इस योजना से पूर्वांचल के जिलों वाराणसी जौनपुर भदोही मिर्ज़ापुर गाज़ीपुर गोरखपुर कुशीनगर देवरिया के किसानों को इसका भरभूर लाभ मिलेगा।