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पत्नी से मां की मालिश न करवाने पर भड़के रायबरेली SDM, वीडियो वायरल

अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार न सिर्फ फरियादी हो रहे हैं, बल्कि उनके मातहत भी खुद को पीड़ित बताने में गुरेज नहीं कर रहे हैं। क्योंकि मातहतों पर आफिस के काम के साथ—साथ अधिकारियों के निजी कार्य को निपटाने का भी बोझ है।

raghvendra
Published on: 2 March 2021 8:24 AM GMT
पत्नी से मां की मालिश न करवाने पर भड़के रायबरेली SDM, वीडियो वायरल
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photo soshal media

रायबरेली। अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार न सिर्फ फरियादी हो रहे हैं, बल्कि उनके मातहत भी खुद को पीड़ित बताने में गुरेज नहीं कर रहे हैं। क्योंकि मातहतों पर आफिस के काम के साथ—साथ अधिकारियों के निजी कार्य को निपटाने का भी बोझ है। आलम यह है कि ऐसा न करने पर कर्मचारियों को तरह—तरह से प्रताड़ित किया जाता है। ऐसा ही मामला रायबरेली के सलोन से आ रहा है। यहां पीडब्ल्यूडी में तैनात चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अशोक कुमार को एसडीएम सलोन दिव्या ओझा की तरफ से प्रताड़ित किए जाने की बात सामने आ रही है। पीडब्ल्यूडी कर्मचारी अशोक कुमार ने मीडिया के सामने रोते हुए अपनी व्यथा सुनाई है। अशोक कुमार ने एसडीएम सलोन पर आरोप लगाया है कि उनकी मां की मालिश के लिए पत्नी को न भेजने पर उसका ट्रांसफर करा दिया गया है।

लकवा से पीड़ित हैं अशोक कुमार

जानकारी के अनुसार एसडीएम सलोन दिव्या ओझा यहां के गेस्ट हाउस में रहते हैं। यहीं पास में पीडब्ल्यूडी में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अशोक कुमार भी रहते हैं। एसडीएम की तरफ से अशोक कुमार पर दबाव बनाया गया कि वह उनकी माता जी की मालिश के लिए अपनी पत्नी को भेज दें। अशोक कुमार ने जब ऐसा करने से मना किया तो उन्होंने उसका ट्रांसफर करवा दिया है। इससे अशोक कुमार के साथ उनका परिवार भी काफी परेशान हो गया है। क्योंकि अशोक कुमार लकवा से पीड़ित हैं। वह बिना किसी सहारे के चल नहीं सकते। ऐसे में अशोक कुमार के साथ उनकी पत्नी ने मीडिया के सामने रोते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फरियाद की है कि उसके साथ इंसाफ करते हुए उसके ट्रांसफर पर रोक लगवा दें। क्योंकि लकवा के चलते वह चलने—फिरने में असमर्थ है।



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भाजपा नेता के करीबी हैं एसडीएम

बताया जा रहा है कि एसडीएम सलोन दिव्या ओझा एक भाजपा नेता के काफी करीबी हैं। इसी रसूख के चलते उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग के कर्मचारी का ट्रांसफर करवा दिया है। फिलहाल आशोक कुमार का यह वीडियो देखकर यह साफ समझा जा सकता है कि उसके साथ नाइंसाफी हो रही है। क्रूरता की भी एक हद होती है। लकवाग्रस्त कर्मचारी को ट्रांसफर के नाम पर इस तरह परेशान करना एसडीएम पद के अनुरूप कतई नहीं समझा जा सकता। वहीं इस बात का भी सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो एसडीएम मां की मालिश के लिए पत्नी को न भेजने पर कर्मचारी का ट्रांसफर करवा सकता है, वह अपने पास आने वाले फरियादियों के साथ कितना इंसाफ करता होगा।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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