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रायबरेली धर्मांतरण मामला: खतरे में मुस्लिम से हिंदू बना परिवार, मामले में ग्राउंड रिपोर्ट
देवप्रकाश उर्फ मोहम्मद अनवर मूल रूप से प्रतापगढ़ के गाढ़ी गांव का निवासी है, दस वर्ष पूर्व वो सलोन कोतवाली के रतासों गांव में आकर बस गया था।
रायबरेली: सूबे के रायबरेली जिले के सलोन कोतवाली अन्तर्गत रतासों गांव रविवार से सुर्खियों में हैं। प्रतापगढ़ जिले के बार्डर पर स्थित ये गांव सलोन कोतवाली से 4-5 किलोमीटर की दूरी पर है। इस गांव में मुस्लिम समुदाय के अंसारी समाज के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं। इसके बाद क्षत्रिय समाज के लोग भी खास संख्या बल के साथ यहां रहते हैं। रविवार को इस गांव में धर्मांतरण करने वाले एक परिवार को घर में बंद कर जिंदा जलाने का मामला प्रकाश में आया था। पुलिस ने दो आरोपियों को मौके से दबोचा था, मंगलवार को भी एक आरोपी की गिरफ्तारी की गई है।
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दस वर्ष पूर्व प्रतापगढ़ से आकर बसा था परिवार
देवप्रकाश उर्फ मोहम्मद अनवर मूल रूप से प्रतापगढ़ के गाढ़ी गांव का निवासी है, दस वर्ष पूर्व वो सलोन कोतवाली के रतासों गांव में आकर बस गया था। करीब दो वर्ष पूर्व अनबन के बाद उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई। सितंबर 2020 में उसने अपने तीन लड़को के संग मुस्लिम धर्म छोड़ हिदू धर्म अपना लिया था। देवप्रकाश उर्फ मोहम्मद अनवर फकीर जाति से आता है। आरोप है कि जब से उसने धर्म परिवर्तित किया तब से गांव के कुछ लोग उससे रंजिश रखने लगे। लेकिन इस सबके बावजूद उसने पूजा-पाठ करने के लिए उसने घर में ही भगवान की फोटो लगा ली।
शनिवार रात को हुई थी आगजनी की घटना
अब जबकि देवप्रकाश के धर्म बदलने की चर्चा हो गई तो उसने भी खुलकर अपनी आस्था का इजहार करते हुए घर के बगल में मंदिर की स्थापना शुरू किया। इसका एक समुदाय के लोगों ने विरोध किया। लेकिन देव प्रकाश डरा नही और ना ही उसने काम रोका। आरोप है कि शनिवार देर रात कुछ लोगों ने उसके घर को बाहर से बंदकर आग के हवाले कर दिया, लेकिन जैसे-तैसे वो पीछे के रास्ते से परिवार वालों को लेकर निकला और जान बचाई।
raebareli-matter (PC: social media)
पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची उसने आग पर काबू पाया। इस मामले में डीएम वैभव श्रीवास्तव और एसपी श्लोक कुमार स्वयं मौके पर पहुंचे थे और पीड़ित से पूछताछ की थी। पुलिस ने तत्काल देव प्रकाश की तहरीर पर प्रधान ताहिर, पूर्व प्रधान अली अहमद, द्वारिका सिंह, अकबर और इम्तियाज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कमालगंज के पास से रतासों के पूर्व प्रधान अली अहमद और इम्तियाज को गिरफ्तार कर लिया था। मंगलवार को पुलिस ने एक अन्य आरोपी रेहान को भी गिरफ्तार कर लिया है।
ये है घटना के पीछे की अहम बातें
दरअस्ल ये मामला धर्म से जुड़ा है, इसलिए नाम ना छापने की शर्त पर स्थानीय लोगों ने बताया कि देवप्रकाश उर्फ अनवर पुत्र मोहम्मद हसन ने दस वर्ष पूर्व पट्टा स्वामी नन्हू से जमीन खरीदकर यहां निवास शुरू किया था।ग्रामीणों के मुताबिक उसी के घर के बगल वर्ष 1998 में प्रशासन ने अकबर पुत्र जलील के नाम पट्टा स्वीकृत किया था, जिसके बाद से उस जमीन पर मूर्ति स्थापित करने को लेकर पट्टा स्वामी अकबर से विवाद चल रहा था। लोगों का ये भी कहना है कि देव प्रकाश को अगर मंदिर स्थापित ही करना था तो उसके घर के आगे पीछे उसकी स्वयं की जमीन है, आखिर वो उसे छोड़कर जीएस लैंड पर मंदिर क्यों स्थापित करने लगा? यही नही ग्रामीण तो यहां तक बताते हैं कि घटना वाले दिन पहले उसके घर की बिजली काटी गई।
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आखिर बिजली काटी तो किसने?
आखिर बिजली काटी तो किसने? इसके अतिरिक्त घर के अंदर मिट्टी का चूल्हा आदि वो सामान हैं जहां से कुछ कदम पहले तक आग के निशान हैं लेकिन इन सामानों के पास आग नही पहुंची ये सब कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत का चुनाव सर पर है, यहां बराबर प्रधानी अंसारी समाज में रही इसलिए कुछेक तथाकथित लोगों ने प्रधानी के वर्चस्व को लेकर हमारे गांव में विवाद पैदा करा डाला। फिलहाल एसपी श्लोक कुमार का कहना है पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है। जो भी गुण और दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
रिपोर्ट- नरेन्द्र सिंह
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