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कांग्रेसियों की शिकायत: पार्टी में ऊंचे पदों पर ऐसे लोग, रायबरेली में उठे बगावती सुर
कांग्रेस महासचिव एवं उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी भले ही कांग्रेस के डायमेज कंट्रोल में लगी हों लेकिन पुराने कांग्रेसियों की प्रतिदिन उपेक्षा से बगावत परवान चढ़ती जा रही।
रायबरेली: कांग्रेस महासचिव एवं उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी भले ही कांग्रेस के डायमेज कंट्रोल में लगी हों लेकिन पुराने कांग्रेसियों की प्रतिदिन उपेक्षा से बगावत परवान चढ़ती जा रही। खुद उनकी मां सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली से कांग्रेस में बगावत की सुलग रही चिंगारी राख से बाहर आने लगी है। संगठन में नए लोगों को तरजीह और राजीव-इंदिरा के समय के कांग्रेसियों को साइड लाइन किए जाने को लेकर कांग्रेसी गुरूवार को मुखर हो गए।
हजारों लोगों को मेम्बर शिप दिलाई
यूथ कांग्रेस के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अनुज कुमार सिंह ने मीडिया से कहा कि हम लोगों ने चुनाव लड़ कर के अपने दम पर हजारों लोगों को मेम्बर शिप कराकर रायबरेली में कांग्रेस को मजबूत किया है। लेकिन आज हम लोग उपेक्षित हैं, हम लोगों पर कोई नजर नही कर रहा है। कुछ चाटुकार, दलाल कांग्रेस के हैं ये पूरी तरह से जो कांग्रेसी विचारधारा के लोग हैं उन्हें हटाना चाहते हैं दूर करना चाहते हैं। उन्होंने कहा मेरी दरखास्त है सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से मेरी आवाज को समझें और जाने नही तो हश्र वही होगा जो अमेठी का हुआ है।
हमारी लड़ाई पुराने कार्यकर्ताओं के सम्मान की
वहीं पूर्व सचिव उत्तर प्रदेश कांग्रेस शिवकुमार पाण्डेय ने कहा कि अभी नए संगठन में जो व्यवस्था किया उसमें पुराने कांग्रेसी हैं राजीव गांधी और इन्दिरा गांधी के जमाने के उन्हें किनारे कर दिया गया। नए कांग्रेसी जो कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य भी नही हैं उनको ऊंचे-ऊंचे पदों पर बैठा दिया गया। हम लोगों की नाराजगी ये है की हमारे न्याय पंचायत के अध्यक्षों ने कुछ बात अपनी हाईकमान तक पहुंचना चाहा तो उनको मनमानी तरीके से निष्कासित कर दिया गया। उनके समर्थन में 35 कांग्रेसियों ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। मैं कल भी कांग्रेस में था, आज भी कांग्रेस में हूं और मरते दम तक कांग्रेस में रहूंगा।
हमारी लड़ाई ये है कि कांग्रेस का नारा है अतीत की नींव पर भविष्य का निर्माण। लेकिन आज अतीत को मिटाया जा रहा है। मरे समय में जिसने कांग्रेस को खून-पसीने से सींचा आज उनको निष्कासित कर दिया गया। तो हमारी लड़ाई पुराने कार्यकर्ताओं के सम्मान की है।
नरेन्द्र सिंह
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