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बच्चों को दें साइंस आधारित वर्किंग मॉडल: आईएएस योगेश कुमार
मनरेगा के एडिशनल कमिश्नर योगेश कुमार और कॉपरेटिव की स्पेशल सेक्रेटरी संदीप कौर के साथ अन्य गणमान्य लोगों ने आज एसजेएस में स्थापित साइंस लैब स्पेस वाक का भ्रमण किया और संस्थान के प्रयास की सराहना की।
रायबरेली: मनरेगा के एडिशनल कमिश्नर योगेश कुमार और कॉपरेटिव की स्पेशल सेक्रेटरी संदीप कौर के साथ अन्य गणमान्य लोगों ने आज एसजेएस में स्थापित साइंस लैब स्पेस वाक का भ्रमण किया और संस्थान के प्रयास की सराहना की। साइंस लैब के शिल्पकार निहाल सिंह ने सभी अधिकारियों को लैब का भ्रमण कराया।
साइंस लैब का भ्रमण किया
जानकारी देते हुए संस्थान के जन सम्पर्क अधिकारी मनोज शर्मा ने बताया कि आज मनरेगा के एडिशनल कमिश्नर योगेश कुमार और कॉपरेटिव की स्पेशल सेक्रेटरी संदीप कौर, पीजीआई के इंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर ज्ञान चंद, सहारा अस्पताल के पेडियाट्रिशियन डॉक्टर उमेश सिंह और डॉक्टर प्रीति सिंह ने आज साइंस लैब का भ्रमण किया। भ्रमण के बाद सभी ने हमारे इस प्रयास की सराहना की।
मनरेगा के एडिशनल कमिश्नर योगेश कुमार ने कहा कि ये एक अनोखा प्रयोग है। बच्चों को महंगे टॉयज देने की बजाय अगर साइंस के प्रयोगों पर आधारित यह वर्किंग मॉडल दिए जाएं तो बच्चे खेल-खेल में ही विज्ञान के नियमों को सीख सकते हैं।
वर्किंग मॉडल काबिले तारीफ
कोआपरेटिव की स्पेशल सिक्योरिटी संदीप कौर ने कहा कि हम लोगों के समय में अगर इस तरह का कोई लैब होती तो शायद हम सभी बहुत जल्दी साइंस की बारीकियों को समझ जाते लेकिन यहां ऐसा लगता है कि कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक हर विषय से संबंधित वर्किंग मॉडल है जो काबिले तारीफ है। सहारा अस्पताल के पीडियाट्रिशियन डॉ उमेश सिंह ने कहा खासकर लिक्विड नाइट्रोजन का प्रयोग अनूठा है और साइंस लैब में इस तरह का वर्किंग मॉडल तो मैंने आज तक कहीं नहीं देखा।
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लैब में 5000 प्रकार के प्रैक्टिकल की व्यवस्था
पीजीआई के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट प्रोफेसर ज्ञानचंद जी ने कहा क्योंकि मैं साइंस का स्टूडेंट रहा हूं और मैंने आज तक जहां भी पढ़ाई की है इस तरह की साइंस लैब मैंने आज तक कहीं भी नहीं देखी। बहुत ही बेहतर प्रयोग है।
एसजेएस ग्रुप ऑफ स्कूल्स के चेयरमैन श्री रमेश बहादुर सिंह ने कहा कि इस तरीके का रिस्पांस जो हमें मिल रहा है उससे हमें बल मिलता है और हम आगे समाज के लिए बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। अभी हमारी लैब में 5000 प्रकार के प्रैक्टिकल की व्यवस्था है आगे चलकर हम इसे 20000 तक बढ़ाने की कोशिश करेंगे। एसजेएस की प्रधानाचार्य डॉ बीना तिवारी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
रिपोर्ट- नरेन्द्र सिंह
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