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एटा: प्रशासन की नाक के नीचे चल रहे अवैध नर्सिंग होम पर हुई छापेमारी, संचालिका फरार

अब सवाल यह उठता है जिला प्रशासन द्वारा की गई छापेमारी से पूर्व नर्सिंग होम संचालिका को इसकी जानकारी कैसे मिल गई और वह नर्सिंग होम छोड़कर कैसे फरार हो गए यह सारी बातें सवालों के घेरे में है। यह भी सूचना मिली है कि इस नर्सिंग होम के संचालन में ऊपर से लेकर नीचे तक सभी को एक धनराशि पहुंचाई जाती है जिस कारण यह गोरख धंधा फल-फूल रहा है।

Shivakant Shukla
Published on: 2 April 2019 2:42 PM GMT
एटा: प्रशासन की नाक के नीचे चल रहे अवैध नर्सिंग होम पर हुई छापेमारी, संचालिका फरार
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एटा: जिला मुख्यालय पर जिला प्रशासन की नाक के नीचे वर्षों से अवैध रूप से चल रहा अंजना नर्सिंग होम मौहल्ला हाजीपुरा पर आज स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की टीम ने सयुंक्त रूप से छापा मारकर कार्यवाही की है।

जनपद के थाना कोतवाली नगर क्षेत्र के मौहल्ला हाजीपुरा में स्थित अंजना नर्सिंग होम पर अपर उप जिलाधिकारी शिव सिंह, डिप्टी सीएमओ आर एन गुप्ता व जिला विपणन अधिकारी प्रज्ञा शर्मा ने पुलिस वल के साथ मिलकर दोपहर दो बजे छापेमारी की कार्रवाई की गयी।

प्रसव में प्रयोग मे आने वाली दवायें मिली

कार्यवाही से पूर्व ही नर्सिंग होम संचालिका फर्जी डाक्टर सुमन मय स्टाफ के फरार हो गयी। नर्सिंग होम पर डॉक्टर वेद प्रकाश वर्मा का वोर्ड लगा था किंतु क्लीनिक पर जो मरीज मिले उन्होंने बताया कि यह क्लीनिक तो डॉक्टर सुमन चलाती है हम उनको ही दिखाने आते हैं।

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वही हम लोगों की डिलीवरी व इलाज भी करती है। हम किसी भी डाक्टर वेद प्रकाश वर्मा को नहीं जानते हैं। छापे के दौरान नर्सिंग होम से भारी संख्या में दवायें प्रसव में प्रयोग किये जाने वाले उपकरण, प्रसव में प्रयोग किया जाने वाला स्ट्रेचर, ब्लड व मांस के टुकड़े पड़ीं डस्टबिन, मरीज भर्ती किये जाने के वैड, प्रसव के दौरान प्रयोग किये जाने वाली दवाई, दवा से भरा फ्रिज में भारी संख्या में प्रसव में प्रयोग मे आने वाली दवायें मिली है।

शिकायतों के चलते छापामार कार्रवाई

छापा अपर उप जिला अधिकारी शिव सिंह की अध्यक्षता में मारा गया छापे के दौरान डिप्टी सीएमओ व जिला विपणन अधिकारी भी मौजूद थी अपर उप जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशासन व शासन को नर्सिंग होम के अवैध संचालन की शिकायतें प्राप्त हो रही थी। इन्हीं शिकायतों के चलते आज छापामार कार्रवाई की गई है। छापे के दौरान डिप्टी सी एम ओ आर एन गुप्ता ने बताया अंजना नर्सिंग होम के नाम से सीएमओ कार्यालय में एक नर्सिंग होम पंजीकृत है।

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यहां पर यह लोग केवल उपचार व छोटे-मोटे फोड़े आदि का ऑपरेशन ही कर सकते हैं। किंतु यहां पर मिले उपकरणों व बैड से पता चलता है। यहां पर डिलीवरी के बाद गर्भपात जैसे ऑपरेशन भी किए जाते हैं। छापे में हमें यहां पर ना तो कोई चिकित्सक मिला है न उनका कोई स्टाफ नर्सिंग होम के संचालक डॉ वेद प्रकाश को शिकायत मिलने पर एक नोटिस भी जारी किया गया था। जिसका उनके द्वारा आज तक कोई जवाब नहीं दिया गया है।

नर्सिंग होम संचालक पर मुकदमा लिखने की कार्यवाही से उन्होंने इनकार

उप जिलाधिकारी के निर्देशन में अंजना नर्सिंग होम को सील कर कार्यवाही की जा रही है साथ ही उन्होंने बताया यहां पर संचालित मेडिकल को हम शील नहीं कर सकते। इसकी कार्रवाई ड्रग इस्पेक्टर द्वारा की जाएगी। इस कारण उन्होंने मेडिकल स्टोर को शील नहीं किया गया। नर्सिंग होम संचालक पर मुकदमा लिखने की कार्यवाही से उन्होंने इनकार कर दिया।

उन्होंने बताया नर्सिंग होम में जो मरीज मिले हैं। उनसे भी पूछताछ की गई है उसके आधार पर भी कार्यवाही की जाएगी। साथ ही आपको अवगत कराते चलें की अंजना नर्सिंग होम पर बीते 1 माह पूर्व सकीट की एक महिला की प्रसव के दौरान मौत हो गई थी। जिसको लेकर वहां काफी हंगामा भी हुआ। किंतु नर्सिंग होम की संचालिका सुमन द्वारा मृतिका के परिजनों से लेनदेन करके मामले को निपटा लिया गया। जिसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी एटा को भी दी गई उनके द्वारा जांच कर कार्यवाही का आश्वासन दिया गया था।

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आपको बताते चलें कि डॉक्टर वेद प्रकाश वर्मा द्रारा ही जनपद मथुरा के राया में कोतवाली के बराबर में भी अपने ही नाम से एक और नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है। उसकी भी अगर जांच हो तो वहां भी अवैध गोरखधंधा ही मिलेगा।

ऐसा प्रतीत होता है लगातार शिकायतों के चलते ही जिला प्रशासन द्वारा संचालित अवैध अंजना नर्सिंग होम पर कार्रवाई की गई है। नर्सिंग होम की संचालिका को छापे की जानकारी छापे से पूर्व कैसे प्राप्त हो गई थी। जिस कारण छापे के दौरान नर्सिंग होम का कोई भी कार्यकर्ता संचालक छापे में नहीं मिल सका।

भारी कमीशन खोरी

सूत्रों ने यह भी बताया कि नर्सिंग होम का संचालन जनपद में सरकार द्वारा तैनात की गई आशाओं व जिला महिला चिकित्सालय के चिकित्सा कर्मचारियों के द्वारा मरीज भेजकर भी कराया जाता है। इसके बदले में उन्हें भारी कमीशन प्राप्त होती है।

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छापे से पूर्व कैसे हो गई नर्सिंग होम संचालक को छापे की जानकारी?

अब सवाल यह उठता है जिला प्रशासन द्वारा की गई छापेमारी से पूर्व नर्सिंग होम संचालिका को इसकी जानकारी कैसे मिल गई और वह नर्सिंग होम छोड़कर कैसे फरार हो गए यह सारी बातें सवालों के घेरे में है। यह भी सूचना मिली है कि इस नर्सिंग होम के संचालन में ऊपर से लेकर नीचे तक सभी को एक धनराशि पहुंचाई जाती है जिस कारण यह गोरख धंधा फल-फूल रहा है।

Shivakant Shukla

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