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राजेन्द्र कुमार तिवारी हो सकते हैं नियमित मुख्य सचिव
प्रशासनिक सुधार एवं लोक सेवा मंत्रालय में सचिव पद पर आलोक टण्डन की तैनाती के बाद ‘प्रतीक्षारत आईआईडीसी्य यानी प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास विभाग राजेश कुमार सिंह भी इस रेस में पीछे नही हैं।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: यूपी में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनूप चंद पाण्डे के हटने के बाद योगी सरकार को अब तक कोई मनचाहा मुख्य सचिव नहीं मिल पाया है। यही कारण है कि कार्यवाहक मुख्य सचिव का कार्यभार देख रहे राजेन्द्र कुमार तिवारी दो महीने से कार्यवाहक के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
गत अगस्त में नियमित मुख्य सचिव पद के लिए सहमति न बन पाने के कारण कृषि उत्पादन आयुक्त राजेन्द्र कुमार तिवारी को कार्यवाहक मुख्य सचिव बनाया गया था। तब से नए मुख्य सचिव के नाम को लेकर राजनीतिक गलियारों में लगातार चर्चाएं होती रहती है।
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इस बीच कार्यवाहक मुख्य सचिव के तौर पर अपनों कामों की वजह से राजेन्द्र कुमार तिवारी ने मुख्यमंत्री का विश्वास हासिल कर लिया है। साथ ही कोई विवाद न होने से केन्द्रीय नेतृत्व भी सहमत हो गया है। इस वजह से दीपावली के पहले राजेन्द्र कुमार तिवारी को कार्यवाहक के बजाए जगह नियमित मुख्य सचिव तैनाती दिए जाने की संभावना है।
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चर्चा है कि मुख्य सचिव को आवंटित बांगले में कार्यवाहक मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी नवरात्र के दौरान शिप्ट होने की तैयारी में थे। लेकिन मुख्यमंत्री की तरफ से हरी झण्डी न मिल पाने के कारण अब तक कुछ साफ नहीं हो पाया है। कहा जा रहा है कि दीपावली में यह हसरत पूरी होने की उम्मीद है। वहीं दूसरी तरफ अपर मुख्य सचिव नियुक्ति और कार्मिक मुकुल सिंघल को कृषि उत्पादन आयुक्त बनाने की संभावना है।
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डा. अनूप चंद्र पाण्डेय गत 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो चुके है
गौरतलब है कि कि मुख्य सचिव के पद से डा. अनूप चंद्र पाण्डेय गत 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो चुके है। उस दोरान मुख्य सचिव के पद के लिए संजय अग्रवाल, दुर्गा शंकर मिश्र, दीपक त्रिवेदी और राजेन्द्र कुमार तिवारी के नामों पर खूब चर्चा है परन्तु राज्य सरकार ने अब तक इन अधिकारियों में से किसी अधिकारी को यूपी का मुख्य सचिव नहीं बना पाई है।
वैसे शासन में हो रही चर्चाओं को देखा जाए तो मुख्य सचिव पद के लिए संजय अग्रवाल का नाम अभी भी सबसे आगे है। लेकिन योगी आदित्यनाथ की व्यस्तता और उनकी सहमति न मिल पाने के कारण किसी अधिकारी के नाम पर मुहर नही लग पा रही हे। उधर अब आलोक टण्डन की केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति के बाद प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास विभाग राजेश कुमार सिंह अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए पूरे जोश-खरोश के साथ राजनीतिक स्तर पर पैरवी करने में जुट गए हैं।
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प्रशासनिक सुधार एवं लोक सेवा मंत्रालय में सचिव पद पर आलोक टण्डन की तैनाती के बाद ‘प्रतीक्षारत आईआईडीसी्य यानी प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास विभाग राजेश कुमार सिंह भी इस रेस में पीछे नही हैं।