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पत्रकारिता जगत के पुरोधा वरिष्ठ स्तंभकार राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ नहीं रहे

पूर्व राज्यसभा सदस्य, वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार और हिन्दुस्थान समाचार के निदेशक राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ का आज गुरुवार को निधन हो गया। 82 वर्ष की उम्र में उन्होंने सुबह गोमतीनगर के पत्रकारपुरम स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली।

Anoop Ojha
Published on: 13 Jun 2019 5:35 AM GMT
पत्रकारिता जगत के पुरोधा वरिष्ठ स्तंभकार राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ नहीं रहे
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लखनऊ: पूर्व राज्यसभा सदस्य, वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार और हिन्दुस्थान समाचार के निदेशक राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ का आज गुरुवार को निधन हो गया। 82 वर्ष की उम्र में उन्होंने सुबह गोमतीनगर के पत्रकारपुरम स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली। वे शरीर में कंपन रोग से पीड़ित थे। उन्होंने काफी समय पहले से ही मेडिकल कॉलेज को अपनी देहदान की घोषणा की थी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर शोक जताया है। वह पूर्वाह्न ग्यारह बजे स्व. राजनाथ सिंह सूर्य के आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि देंगे। वहीं इस निधन की खबर मिलते ही सुबह से राजनाथ सिंह सूर्य के आवास पर पत्रकार जगत के साथ ही राजनेताओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। सभी ने शोक संतप्त परिवार को अपनी सांत्वना दी।

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राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ का जन्म 03 मई 1937 को अयोध्या से छह किलोमीटर दूर ग्राम जनवौरा के एक सामान्य किसान परिवार में हुआ। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा आर्यसमाज के विद्यालय में हुई और बाल्यावस्था में ही वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सम्पर्क में आये। स्वतंत्रता के साथ ही संघ कार्य का दायित्व निभाया। गोरखपुर विश्वविद्यालय से 1960 में एम.ए. करने के बाद वह तत्कालीन प्रान्त प्रचारक भाउराव देवरस की प्रेरणा से संघ के प्रचारक बने।

राजनीतिक सोच और वैचारिक स्पष्टता के कारण उन्हें पत्रकारिता और राजनीति दोनों ही क्षेत्रों में सफलता मिली। देश के दिग्गज नेता भी उनकी लेखनी का लोहा मानते रहे। हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने लम्बे अनुभव के कारण उनका नाम हमेशा से ही बड़े आदर के साथ लिया जाता रहा।

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राजनाथ सिंह सूर्य हिन्दुस्तान समाचार, बहुभाषी न्यूज एजेंसी लखनऊ से पत्रकारिता की शुरुआत की। वे कई वर्षों तक 'आज' समाचार पत्र के ब्यूरो प्रमुख रहे। 1988 में वह 'दैनिक जागरण' के सहायक सम्पादक बने और बाद में 'स्वतंत्र भारत' के सम्पादक भी रहे। इसके बाद स्वतंत्र पत्रकारिता के माध्यम से हमेशा अपनी लेखनी को धार देते रहे।

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री का भी दायित्व संभाला। इसके अलावा वह 1996 से 2002 तक राज्यसभा सांसद भी रहे। राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ के दो बेटे और एक बेटी हैं। मृत्यु से पहले तक राजनाथ सिंह अपने लेखन के जरिए पत्रकारिता जगत में सक्रिय रहे। वह लगातार समसामयिक मुद्दों पर लेखन के जरिए अपने विचार व्यक्त करते रहे।

उनकी 'अपना भारत' पुस्तक पाठकों के बीच आज भी बेहद लोकप्रिय है। इसमें उन्होंने 'मजहबी उन्माद में वोट देना यानी आत्मघात', 'चुनाव आस्था बनाम मोल भाव के बीच', 'राम मंदिर बनाम राम जन्मभूमि मंदिर', 'मुस्लिम मतदाता किधर और क्यों', 'डॉक्टर लोहिया ने कहा था गोली चलाने वाली सरकार इस्तीफा दे' जैसे अहम मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी। राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ का निधन पत्रकारिता जगत की बहुत बड़ी क्षति है।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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