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राज्यसभा चुनाव: एक सीट पर भिडेंगे सत्ता व विपक्ष, चुनाव प्रबंधन से होगा फैसला

403 सदस्यों वाली प्रदेश की विधानसभा में वर्तमान सदस्य संख्या 395 है। सात सीटों पर उपचुनाव प्रक्रिया जारी है जबकि एक सीट पर चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं।

Shivani
Published on: 21 Oct 2020 2:37 PM GMT
राज्यसभा चुनाव: एक सीट पर भिडेंगे सत्ता व विपक्ष, चुनाव प्रबंधन से होगा फैसला
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अखिलेश तिवारी

लखनऊ। राज्यसभा की दस सीटों पर चुनाव का ऐलान होने के साथ ही प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों की निगाह दसवीं सीट पर टिक गई है। विधानसभा में विभिन्न दलों की हैसियत के मद्देनजर नौ सीटों का चुनाव परिणाम तो पूर्व निर्धारित है लेकिन दसवीं सीट पर राजनीतिक दलों के चुनाव मैनजमेंट की परीक्षा होगी। इस सीट पर जीत से ही भाजपा और योगी सरकार के विपक्ष से रिश्तों की भी पहचान हो जाएगी।

राज्यसभा की दस सीटों पर चुनाव का एलान

उत्तर प्रदेश की दस राज्यसभा सीटों पर चुनाव का अंकगणित बेहद दिलचस्प हो गया है। प्रथम वरीयता वाले मतों के आधार पर नौ सीटों पर चुनाव परिणाम पहले से ही तय हो गया लेकिन दसवीं सीट पर अगर प्रथम वरीयता के मतों से ही जीत निर्धारित करनी तो इसमें भाजपा और योगी सरकार के राजनीतिक कौशल के साथ ही विपक्ष की एकजुटता की पहचान भी हो जाएगी।

नौ सीटों का चुनाव परिणाम तो पूर्व निर्धारित

403 सदस्यों वाली प्रदेश की विधानसभा में वर्तमान सदस्य संख्या 395 है। सात सीटों पर उपचुनाव प्रक्रिया जारी है जबकि एक सीट पर चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं। विधानसभा में 305 विधायक का संख्या बल भाजपा के पास है। इससे भाजपा का आठ सीटों पर जीतना तय है लेकिन नौंवी सीट समाजवादी पार्टी के हिस्से में चली जाएगी।

दसवीं सीट पर होगी भाजपा की विपक्ष से भिड़त

उत्तर प्रदेश विधानसभा में पहले स्थान पर भाजपा है तो 48 विधायकों के साथ समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर, 18 सीट के साथ बहुजन समाज पार्टी तीसरे, भाजपा का सहयोगी अपना दल नौ विधायक के साथ चौथे और सात विधायकों वाली कांग्रेस पांचवें नंबर पर है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार, राष्ट्रीय लोक दल के एक और तीन विधायक निर्दलीय हैं।

Bihar Election BJP Star campaigner yogi adityanath only CM in list

क्या है जीत का गणित

राज्यसभा चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व और एकल हस्तांतरणीय वोट पर आधारित होते हैं । इसमें पहले दौर के प्रत्याशी का चुनाव करने के बाद, अतिरिक्त वोट दूसरे दौर में शेष उम्मीदवार को चले जाते हैं। यूपी विधानसभा के वर्तमान आंकड़ों के हिसाब से राज्यसभा प्रत्याशी की जीत के लिए प्रत्येक पार्टी के उम्मीदवार को कम से कम 37 विधायकों का मत मिलना जरूरी है।

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भाजपा अपने 305 विधायक के बूते जीत जाएगी आठ सीट

इस आधार पर भाजपा अपने 305 विधायक के बूते पर आठ सीट जीत जाएगी लेकिन नौवीं सीट समाजवादी पार्टी के हिस्से में चली जाएगी। दसवीं सीट के लिए भाजपा के नौ विधायक और सहयोगी अपना दल के भी नौ विधायक एक साथ वोट कर सकते हैं लेकिन इससे 37 का आंकड़ा पूरा नहीं होता।

BJP

दो कांग्रेसी विधायक पहले ही बदल चुके पाला

कांग्रेस के दो विधायक पहले ही पाला बदल कर चुके हैं और उनके क्रास वोट करने पर भाजपा के उम्मीदवार को 20 मतों का जुगाड़ हो जाएगा। रालोद विधायक के बारे में भी भाजपा खेमा अपना दावा कर रहा है। ऐसे में कांग्रेस के पांच, सपा के शेष 11, सुहेलदेव भारतीय जनता पार्टी के चार मत मिलकर बराबर की टक्कर देंगे। जाहिर आखिरी सीट के लिए राजनीतिक चुनाव प्रबंधन और प्रत्याशी की हैसियत महत्वपूर्ण होगी और इसी सीट का चुनाव भी दिलचस्प होगा जो विपक्ष की एकजुटता और सत्ता पक्ष की ताकत का खुलासा करने वाला होगा।

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