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अयोध्या में ऐसा होगा रामलला का भव्य मंदिर, तैयारी हुई तेज
राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर को लेकर तैयारी तेज हो गई है। रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के साथ ही शहर का दायरा भी बढ़ाने का प्रस्ताव है। शहर का बढ़ाकर 100 वर्ग किमी किया जाएगा।
नई दिल्ली: राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर को लेकर तैयारी तेज हो गई है। रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के साथ ही शहर का दायरा भी बढ़ाने का प्रस्ताव है। शहर का बढ़ाकर 100 वर्ग किमी किया जाएगा। यहां से रामायणकालीन स्थलों तक आवागमन के लिए सड़क-वायु व जलमार्ग के साथ विश्वस्तरीय पर्यटन सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
मिली जानकारी के मुताबिक धर्मनगरी में चार खास नगर होंगे, जिसमें सरयू से पौराणिक स्वर्गद्वार होकर श्रीरामजन्मभूमि मंदिर तक त्रेतायुगीन रामनगरी का दर्शन होगा तो सरयू किनारे गुप्तारघाट तक सीताझील और ग्रीन सिटी इक्ष्वाकुपुरी का आकर्षण होगा। तो वहीं श्रीराम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा के नीचे आधुनिक पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
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नगर निगम, अयोध्या विकास प्राधिकरण के साथ पर्यटन व संस्कृति विभाग एक साथ अयोध्या के विकास का खाका तैयार करने में लगी है। सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने रामायण सर्किट योजना के जरिए एक हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी, लेकिन अयोध्या में राममंदिर विवाद पर लटके फैसले से तमाम देशी-विदेशी कंपनियों से सर्वे के बाद भी छिटपुट काम के लिए खास समन्वित विकास नहीं दिखा।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में वैष्णो देवी, तिरुपति, सोमनाथ समेत अन्य मंदिरों के अध्ययन के बाद यूनेस्को की धरोहर और विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में एक कंबोडिया के अंकोरवाट में भगवान विष्णु मंदिर की तर्ज पर विकसित करने के लिए सियाम रीप के गेट-वे मॉडल की तर्ज पर अयोध्या को धर्म-संस्कृति, आध्यात्म का भव्य गेट-वे सिटी बनाने का खाका तैयार किया जा रहा है। हालांकि अभी तैयारी गूगल मैपिंग तक सीमित है।
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एक रिपोर्ट में नगर निगम आयुक्त व अयोध्या विकास प्राधिकरण के प्रभारी उपाध्यक्ष नीरज शुक्ला के हवाले से कहा गया है कि अयोध्या को विश्वस्तरीय सुविधायुक्त बड़ा पर्यटक स्थल बनाने के लिए सभी एजेंसियां तैयारी कर रही है। नगर बसाने की योजना शासन की है, इसका ब्लूप्रिंट आने के बाद अधिग्रहण आदि का सर्वे होगा। सबसे बड़ी नव्य अयोध्या के लिए हाईवे के पूरब मां-बरहेटा आदि गांवों की भूमि में योजना प्रस्तावित करते हुए पहले फेज में दो सौ एकड़ भूमि के अधिग्रहण का प्रस्ताव तैयार हुआ है।
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नगर निगम का दायरा पहले 35 वर्ग किमी था, जिसे 54 वर्ग किमी और बढ़ाकर 89 वर्ग किमी करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसके अलावा अयोध्या विकास प्राधिकरण का दायरा अब नगर निगम की सीमा से चारों तरफ जिले में 8 किमी और बढ़ जाएगा।