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मंत्री बनते ही इस नेता की सम्पत्ति में हुआ था कई गुना इजाफा, अब कार्रवाई की तलवार
भ्रष्टाचार की जीरो टालरेंस की नीति पर चलने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की सरकार अरबों रूपये की आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में दोषी पाये गये पूर्व मंत्री व बसपा नेता राम अचल राजभर पर अभी तक कार्रवाई नहीं कर सकी है।
अम्बेडकरनगर: भ्रष्टाचार की जीरो टालरेंस की नीति पर चलने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की सरकार अरबों रूपये की आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में दोषी पाये गये पूर्व मंत्री व बसपा नेता राम अचल राजभर पर अभी तक कार्रवाई नहीं कर सकी है।
बसपा सरकार में मंत्री रहने के दौरान लोकायुक्त एनके मेहरोत्रा ने आनन्द द्विवेदी द्वारा प्रस्तुत किये गये परिवाद पर राम अचल राजभर को आय से अधिक सम्पत्ति का दोषी पाया था।
लोकायुक्त के निर्देश पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन की फैजाबाद इकाई के निरीक्षक सियाराम ने दस अप्रैल 2013 को अकबरपुर थाने में राम अचल राजभर के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया था। चार पन्ने की इस तहरीर में मंत्री रहने के दौरान राम अचल राजभर की काली कमाई का सम्पूर्ण विवरण दर्शाया गया था।
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लोकायुक्त की जांच में आय से अधिक सम्पत्ति का खुलासा
लोकायुक्त की जांच में वर्ष 2007 से वर्ष 2010 के बीच राम अचल राजभर व उनके भाई के विरूद्ध दस परिसम्पत्तियों के मामले में अरबों रूपये का मामला सामने आया था। इन परिसम्पत्तियों का प्रतिफल मूल्य 36 करोड़ 23 लाख रूपया आंका गया था जबकि इसका सर्किल रेट मूल्य एक अरब सात करोड़ 57 लाख रूपया पाया गया था।
इसके अलावां राम अचल राजभर के पुत्र अजय कुमार, संजय कुमार, चन्द्रावती देवी, कंचन राजभर एवं रामकरन तथा रामसकल व भतीजे आदि व्यक्तियों की पिछले पांच वर्ष में सीए की गणना के अनुसार कुल आय दो अरब 67 करोड़ पांच लाख 44 हजार छः सौ रूपया दिखाई गई थी जबकि सम्पत्तियों में निवेश आठ अरब 46 करोड़ 56 लाख 41 हजार का पाया गया है।
इस प्रकार आय की तुलना में व्यय की गई धनराशि पांच अरब 79 करोड़ 50 लाख 96 हजार चार सौ रूपये अधिक पाई गई है। यह भी दर्शाया गया था कि रामअचल राजभर के पिता राम अवध के नाम पर बनाये गये राम अवध फाउन्डेशन ट्रस्ट के माध्यम से प्राप्त की गई धनराशि का लेखा जोखा इसमें शामिल नहीं है।
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सपा सरकार में भी नहीं हुई कोई कर्रवाई
यही नहीं इस ट्रस्ट की स्थापना भी रामअचल राजभर ने मंत्री रहते हुए की थी। अरबों रूपये की आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में दोषी पाये गये इस बसपा नेता पर सपा सरकार भी मेहरबान दिखी थी।
भाजपा सरकार को सत्तारूढ़ हुए दो साल से अधिक का समय बीत गया है लेकिन राम अचल राजभर की आय से अधिक सम्पत्ति की पत्रावली को कार्रवाई के लिए अभी भी राज्यपाल की स्वीकृति का इंतजार है।
देखना यह है कि भाजपा सरकार में इस पर कोई कार्यवाही हो पाती है अथवा सपा सरकार की तरह भाजपा सरकार भी इस बसपा नेता पर मेहरबान रहती है।