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रोजेदार हैं, घर भी संभालती, लेकिन अब घर-घर बांट रहीं रुपए

रमजान का महीना चल रहा है, रोजा भी रखा हुआ है। महिला हैं तो घर भी सम्भालना हैं, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमणकाल में वह घर-घर जाकर खाताधारकों को रुपए बांटने की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 30 April 2020 12:40 AM IST
रोजेदार हैं, घर भी संभालती, लेकिन अब घर-घर बांट रहीं रुपए
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कन्नौज: रमजान का महीना चल रहा है, रोजा भी रखा हुआ है। महिला हैं तो घर भी सम्भालना हैं, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमणकाल में वह घर-घर जाकर खाताधारकों को रुपए बांटने की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं। जिससे सैकड़ो ग्रामीणों को लाइन और लाठी खाने के झंझट से मुक्ति मिल गई है।

हम बात कर रहे हैं यूपी के कन्नौज जिला मुख्यालय से 17 किमी दूर तिर्वा के मोहल्ला रानी अवंतीबाई नगर निवासी राबिया बानो की। दरअसल वह तहसील तिर्वा क्षेत्र के अगौस में ब्रांच पोस्ट मास्टर हैं। इन दिनों वह लॉक डाउन में ग्रामीणों को बैंक शाखाओं के बाहर लाइन न लगाने की राहत दे रही हैं। कोरोना वायरस की महामारी की परवाह न करते हुए वह गांव-गांव जाकर जरूरतमंद खाताधारकों को अंगूठा और आधारकार्ड से ही रुपए निकालकर दे रही हैं।

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गांव मनिकापुर निवासी प्रशांत चतुर्वेदी ने बताया कि आर्यावर्त बैंक शाखा अगौस में उनका बचत खाता है। कुछ दिनों पहले उनको रुपए की जरूरत पड़ी तो निकालने पहुंच गए। लाइन में लगे-लगे परेशान हो गए, लेकिन कुछ लोगों ने फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया तो पुलिस ने लाठियां पटकीं। प्रशांत थक-हारकर वापस लौट गए। जरूरी काम भी था लेकिन रुपए नही निकाल सके।

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दो दिन पहले ही अगौस स्थित ब्रांच पोस्ट मास्टर राबिया बानो बैंक खाताधारकों को घर पर ही रुपए निकालने की सुविधा देने पहुंचीं। तो प्रशांत ने 10 हजार रुपए निकाले और अपनी आपबीती सुनाई। साथ ही राबिया को धन्यवाद दिया। मनिकापुर के ही करीब 50 वर्षीय रामसेवक के दरवाजे की राबिया ने कुंडी खटखटाई और पूछा कि रुपएकी जरूरत तो नहीं, यह सुनकर रामसेवक खुश हो गए। एक हजार रुपए निकाले और हाथ जोड़कर कहा, बेटी जुग-जुग जिओ। तुम्हारी वजह से काम चल गया। दरअसल, लॉकडाउन में बैंक शाखाओं में भीड़ न लगे और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन हो, इसलिए गांव व घरों में पहुंचकर डाकघर कर्मचारी बैंक खाताधारकों को रुपए निकालने की सुविधा दे रहे हैं। इन दिनों रमजान का चल रहे हैं। राबिया रोजा भी हैं, साथ ही वह अपनी जिम्मेदारी का भी बखूबी निर्वहन कर रही हैं। घर का कामकाज भी देखती हैं।

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मंडल में आया पहला स्थान

कन्नौज का डाकघर का मंडल फतेहगढ़ यानि जिला फर्रुखाबाद लगता है। 27 अप्रैल को 102 ट्रांजेक्शन कर राबिया ने 42202 रुपए खाताधारकों को दिए। अगौस का मंडल फतेहगढ़ में पहला स्थान आया। राबिया बानो मोहल्ला रानी अवन्तीबाई नगर तिर्वागंज की निवासी हैं। राबिया का कहना है कि वह सेनिटाइजर साथ रखती हैं। खुद के अलावा खाताधारकों के भी हाथ साफ कराती हैं, जिससे कोरोना से बचा जा सके। साथ ही मुंह मे मास्क और दुपट्टा लगाकर खुदको और दूसरों को सुरक्षित रहने का प्रयास करती हैं। इस दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का भी पालन होता है।

Dharmendra kumar

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