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किसान बनेंगे गुलाम: अपने खेत में ऐसी हालत, कृषि कानूनों पर बोले रामगोविंद चौधरी

तीनों कृषि कानूनों का कुल एक ही लक्ष्य है, देश की खेती बारी और किसानी को देश के दो औद्योगिक समूहों को सौंप देना। इसे रोकने के लिए दो सौ किसान शहीद हो चुके हैं, लाखों किसान धरना दे रहे हैं लेकिन सरकार के कान पर जू नहीं रेंग रहा है।

Shraddha Khare
Published on: 12 Feb 2021 6:52 PM IST
किसान बनेंगे गुलाम: अपने खेत में ऐसी हालत, कृषि कानूनों पर बोले रामगोविंद चौधरी
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किसान बनेंगे गुलाम: अपने खेत में ऐसी हालत, कृषि कानूनों पर बोले रामगोविंद चौधरी photos (social media)

बलिया : उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता ने आज कहा है कि तीनों कृषि कानून लागू हो गए तो इस देश का किसान अपने ही खेत में गुलाम बनकर रह जाएगा। उन्होंने कहा है कि किसानों के आंदोलन के बाद मोदी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है ।

नेता रामगोविंद चौधरी ने आज कृषि कानून पर कही यह बात

उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता चौधरी ने आज जिले के बाँसडीह विधानसभा क्षेत्र के महराजपुर ग्राम में किसान पंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि नये कृषि कानून के विरोध में किसानों के आंदोलन को मिल रहे व्यापक समर्थन के कारण मोदी सरकार व भाजपा के होश उड़ गए हैं । यही वजह है कि मोदी सरकार के मंत्री व भाजपा नेता किसानों व आंदोलन को लेकर अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं तथा किसानों को भी विध्वंसक कहने से बाज नहीं आ रहे हैं।

कृषि कानून लागू होने पर किसान अपने ही खेत में गुलाम बन जाएगा

चौधरी ने कहा कि किसान केवल अपना नहीं, सबका पालक है। इस सच से सभी वाकिफ हैं।इसके बाद भी कोई उसे विध्वंसक कहे तो उसे मानसिक रूप से बीमार कहना ही उचित होगा। उन्होंने इसके साथ ही कहा है कि किसानों के आंदोलन के बाद मोदी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है । उन्होंने कहा कि किसानी इस देश की रीढ़ है। सरकार में बैठे लोग भी जानते हैं कि किसानी को कमजोर करने का मतलब देश को कमजोर करना है। इसके बावजूद मोदी सरकार हठवादी रुख अख्तियार किये हुए है । उन्होंने किसानों को आगाह करते हुए कहा कि तीनों कृषि कानून लागू हो गए तो इस देश का किसान अपने ही खेत में गुलाम बनकर रह जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को इस गुलामी को किसी भी कीमत पर स्वीकार नही करना है।

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तीनों कृषि कानूनों पर किसान दे रहे धरना

उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों का कुल एक ही लक्ष्य है, देश की खेती बारी और किसानी को देश के दो औद्योगिक समूहों को सौंप देना। इसे रोकने के लिए दो सौ किसान शहीद हो चुके हैं, लाखों किसान धरना दे रहे हैं लेकिन सरकार के कान पर जू नहीं रेंग रहा है।उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी सरकार की इस साजिश को किसी कीमत पर सफल नहीं होने देगी। सपा प्रवक्ता सुशील पाण्डेय"कान्हजी"ने कहा कि हमारे नेता अखिलेश यादव पहले भी किसानों के साथ खड़े थे और आज भी खड़े है और आगे भी खड़े रहेंगें। यह किसान आंदोलन अब जन आंदोलन में तब्दील हो रहा है।

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रिपोर्ट : अनूप कुमार हेमकर

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