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रामपुर उपचुनाव: भाजपा जीते या हारे रहेगी फायदे में, यहां जानें कैसे?

यूपी में 11 सीटों पर विधानसभा चुनाव का नतीजा भले ही आगामी 24 अक्टूबर को आयेगा लेकिन रामपुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के लिए खुशखबरी आनी तय हो गयी है।

Aditya Mishra
Published on: 25 Jun 2023 12:30 AM GMT
रामपुर उपचुनाव: भाजपा जीते या हारे रहेगी फायदे में, यहां जानें कैसे?
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मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: यूपी में 11 सीटों पर विधानसभा चुनाव का नतीजा भले ही आगामी 24 अक्टूबर को आयेगा लेकिन रामपुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के लिए खुशखबरी आनी तय हो गयी है।

रामपुर विधानसभा सीट पर सपा की जीत या हार दोनों ही स्थितियों में भाजपा का मुनाफा तय है। इस उपचुनाव के बाद भाजपा अगर हार जाती है तो वह राज्यसभा में बहुमत के और करीब पहुंच जायेगी और अगर जीत जाती है तो विधानसभा में उसके संख्याबल में बढ़ोतरी हो जायेगी।

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वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में रामपुर की सदर विधानसभा सीट से सपा के कददावर नेता आजम खां विधायक चुने गये थे लेकिन इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में आजम सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़े और जीतने में कामयाब हुए।

जिसके बाद उन्होंने रामपुर सदर सीट से इस्तीफा दे दिया और इसी कारण वहां उपचुनाव हो रहा है। इस उपचुनाव में सपा ने रामपुर सदर से आजम की पत्नी व सपा की राज्यसभा सांसद तंजीन फातिमा को टिकट दिया है।

अब रामपुर विधानसभा के उपचुनाव में तंजीन फातिमा जीत जाती है तो विधायक बने रहने के लिए उन्हे अपनी राज्यसभा की सीट छोड़नी पडेगी। अभी तंजीन का राज्यसभा में करीब डेढ़ साल का कार्यकाल बाकी है।

जाहिर है कि राज्यसभा में तंजीन द्वारा रिक्त की गयी सीट पर उपचुनाव होगा और मौजूदा संख्याबल के हिसाब से यह माना जा रहा है कि यह राज्यसभा सीट भाजपा के खाते में जायेगी।

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आजम के गढ़ में सेंध लगाने का मिलेगा मौका

इसके अलावा अगर रामपुर विधानसभा चुनाव भाजपा जीत जाती है तो उसे आजम के गढ़ में सेंध लगाने का मौका मिल जायेगा। ऐसे में भाजपा रामपुर विधानसभा उपचुनाव चाहे जीते या हारे उसके खाते में वहां से खुशखबरी आनी तय है और सपा यह विधानसभा उपचुनाव चाहे जीते या हारे उसे विधानसभा या राज्यसभा में नुकसान होना ही है।

गौरतलब है कि भाजपा राज्यसभा में अपना संख्याबल बढ़ाने के लिए जोर-शोर से लगी हुई है। अभी हाल ही में सपा के तीन राज्यसभा सदस्यों नीरज शेखर, सुरेन्द्र नागर और संजय सेठ ने भाजपा का दामन थाम लिया था।

दरअसल, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले ही सत्र में सत्ताधारी एनडीए राज्यसभा में बहुमत के काफी करीब पहुंच रहा है. 245 सदस्यीय सदन में पांच पद रिक्त हैं, सदन में बहुमत के लिए 121 सांसद चाहिए। इस समय एनडीए, निर्दलीय और मनोनीत सदस्यों को मिला कर एनडीए खेमे में 119 सांसद हैं।

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Aditya Mishra

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