TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

गोरखपुर: गारबेज फ्री सिटी का दावा, शहरी विकास मंत्रालय जानेगा हकीकत

शहर में भले ही चारों तरफ कूड़ा बिखरा दिखे। हार्बट बंधे पर भले ही 18 महीने से लगातार कूड़ा जलता दिखे। लेकिन गोरखपुर नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले लोगों को इससे कोई आपत्ति नहीं है।

Newstrack
Published on: 4 Dec 2020 10:46 AM IST
गोरखपुर: गारबेज फ्री सिटी का दावा, शहरी विकास मंत्रालय जानेगा हकीकत
X
गोरखपुर के 13 लाख नागरिकों को नहीं दिख रहा कूड़ा, गारबेज फ्री सिटी के दावे पर एक भी व्यक्ति को आपत्ति नहीं

गोरखपुर: शहर में भले ही चारों तरफ कूड़ा बिखरा दिखे। हार्बट बंधे पर भले ही 18 महीने से लगातार कूड़ा जलता दिखे। लेकिन गोरखपुर नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले लोगों को इससे कोई आपत्ति नहीं है। बिखरे कूड़े को लेकर लोगों की अनगिनत शिकायतों के उलट नगर निगम के गारबेज फ्री सिटी के दावे पर नागरिकों की एक भी आपत्ति नहीं मिली। अब फरवरी में शहरी विकास मंत्रालय की टीम नगर निगम के दावे की हकीकत को परखेगी।

ये भी पढ़ें: गोरखपुर-फैजाबाद निर्वाचन क्षेत्र: ध्रुव ने लगाई जीत की हैट्रिक, इनकी हुई करारी हार

एक भी नागरिक की तरफ से कोई आपत्ति नहीं

शौच से मुक्त (ओडीएफ) होने के बाद नगर निगम ने शहर को कचरा मुक्त भी घोषित कर दिया है। निगम का दावा है कि शहर की सड़कों पर अब कहीं भी कचरा नहीं फैला रहता है। ऐसे में उसने मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मंत्रालय द्वारा हर साल जारी होने वाले कचरा मुक्त शहरों की सूची में फाइव स्टार रेटिंग का दावा किया है। निगम ने इसके लिए विज्ञापन निकालकर 30 नवम्बर तक आम नागरिकों से आपत्ति मांगी थी। लेकिन 30 नवम्बर गुजरने के बाद एक भी नागरिक की तरफ से कोई आपत्ति नहीं आई है।

मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मंत्रालय स्वच्छ सर्वेक्षण में साफ-सफाई के साथ ही गारबेज फ्री सिटी को लेकर भी रैकिंग करता है। इसमें वन स्टार, थ्री स्टार, फाइव स्टार और सेवन स्टार रेटिंग दी जाती है। गोरखपुर नगर निगम पहली बार गारबेज फ्री सिटी का दावा कर फाइव स्टार रेटिंग के लिए आवेदन किया है। इसके लिए नगर निगम शहर में 40 स्थानों पर गीले कचरे के निस्तारण के लिए गड्ढे खुदवाने की कवायद शुरू कर दी है।

गड्ढा निर्माण को लेकर निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने जमीन चिन्हांकन का काम शुरू कर दिया है। अपर नगर आयुक्त डीके सिन्हा का कहना है कि पिछली बार टॉयलेट की व्यवस्था में कुछ खामी के चलते रेटिंग नहीं आ सकी थी। इस बार सभी पैरामीटर पर काम कर रहे हैं। गारबेज फी सिटी की रेटिंग में जनसंख्या नहीं देखी जाती है। 30 नवम्बर तक कचरे को लेकर आपत्ति मांगी गई थी। अभी तक किसी ने आपत्ति नहीं दर्ज कराई है। अब गारबेज फ्री सिटी को लेकर अन्य कवायद की जा रही है।

ये भी पढ़ें: सपा के साथ सम्मानजनक गठबंधन पर अड़े शिवपाल, ठुकराया अखिलेश का ये प्रस्ताव

जैविक खाद बनाएगा नगर निगम, बिक्री कर करेगा कमाई

नगर निगम ने मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मंत्रालय द्वारा की जाने वाली रेटिंग में फाइव स्टार रेटिंग का दावा किया जाएगा। निगम की कोशिश है कि शहर की सड़कों पर कूड़ा नहीं दिखे। इसके लिए डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के बाद सूखा और गीला कचरा अलग-अलग कर दिया जाएगा। गीले कचरे से जैविक खाद का उत्पादन किया जाएगा। जिससे कमाई भी होगी। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट के साथ ही टॉयलेट आदि की व्यवस्था देखने के बाद रैकिंग जारी की जाती है।

गोरखपुर से पूर्णिमा श्रीवास्तव



\
Newstrack

Newstrack

Next Story