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औरैया: इस महिला ने शुरू किया समिति, जिसमें तमाम महिलाओं को मिला स्वरोजगार

कानपुर की निवासी रीना पांडेय ने अपेक्षा महिला एवं बाल विकास समिति संस्था की शुरुआत की। आज के हाईटेक जमाने में जिंदगी बहुत तेजी से दौड़ रही है। गरीबी से छुटकारा दिलाने एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की उन्होंने ठानी।

Shraddha Khare
Published on: 3 Jan 2021 6:48 PM IST
औरैया: इस महिला ने शुरू किया समिति, जिसमें तमाम महिलाओं को मिला स्वरोजगार
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औरैया: इस महिला ने शुरू किया समिति, जिसमें तमाम महिलाओं को मिला स्वरोजगार

औरैया : मंजिले उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनो में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं, हौसलों से उड़ान होती। यह पंक्तियां शहर निवासी रीना पांडेय पर सटीक बैठती हैं। गरीबी से उबरने की चाह के साथ प्रेरणा मिली तो जनपद की तमाम महिलाएं स्वरोजगार से ऐसे जुड़ी कि अब वह खुद अपने पैरों पर खड़ी हो गई हैं। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपेक्षा महिला एवं बाल विकास समिति संस्था की संचालिका ने ठानी तो धीरे-धीरे कारवां बढ़ता गया। आज 1180 महिलाएं स्वरोजगार कर रही हैं। इसमें नाबार्ड ने भी उन्हें सहायता प्रदान की।

बाल विकास समिति संस्था की शुरुआत

वर्ष 2009 में मूल रूप से कानपुर की निवासी रीना पांडेय ने अपेक्षा महिला एवं बाल विकास समिति संस्था की शुरुआत की। आज के हाईटेक जमाने में जिंदगी बहुत तेजी से दौड़ रही है। गरीबी से छुटकारा दिलाने एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की उन्होंने ठानी। रीना पांडेय बताती हैं कि महिलाओं को प्रेरित करने और उन्हें नई दिशा में मोड़ने के लिए मेहनत करनी पड़ी, लेकिन जैसे ही महिलाओं का हौंसला बढ़ा, वैसे नई इबारत ने जन्म लिया।

इन महिलाओं को दिलाया रोजगार

महिला हिंसा, घर बैठे रोजगार करने के लिए वह महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं। अब तक उनके साथ 1180 महिलाएं जुड़ चुकी हैं। नाबार्ड द्वारा समूहों के माध्यम से समूह बनाए, इसके बाद जो महिलाएं जो काम कर सकती हैं, उस हिसाब से उन्हें रोजगार दिलाया गया। अब वह खुद के खर्चे निकालकर घर का सहयोग कर रही हैं। समूहों द्वारा झाडू बनाना, लिफाफा बनान, डिटर्जेंट पाउडर बनाना, कपड़ों की ट्रेडिंग, कास्मेटिक शॉप, जनरल स्टोर, पत्तल, चिप्स व पापड़, आचार व गुरब्बा बनाने का किया जा रहा है।

एनआरएलएम के तहत दिला रहीं रोजगार

औरैया व एरवाकटरा विकासखंड में रीना पांडेय महिलाओं को जागरूक कर पढ़ी-लिखी महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत रोजगार दिला रहीं हैं। इसके अलावा जो महिलाएं कम पढ़ी-लिखी हैं, उन्हें जैविक खेती के बारे में जानकारी दे रही हैं। वह फूल व सब्जी की खेती कर अपनी आय को दो गुना कर रही हैं। कई महिलाएं डेयरी चलाकर अच्छी खासी आमदनी कर रही हैं।

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पशु पालन से जोड़ने की कर रहीं कवायद

ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओ को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए रीना पांडेय उन्हें पशु पालन से स्वरोजगार दिलाने का काम कर रही है। इसके लिए महिलाओं को फार्मर प्रोडूसर आर्गनाइजेशन से जोड़ने का प्रयास कर रही है।

रिपोर्ट : प्रवेश चतुर्वेदी औरैया

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