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चल रहीं प्रादेशिक संगीत प्रतियोगिताएं, अनमोल, पुष्कर, देव व सिद्धांती प्रथम
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के स्टूडियो में बड़ी टीवी स्क्रीन पर निर्णायकों के सामने प्रदेश स्तर की प्रतियोगिताओं के चैथे दिन अवनद्य वाद्यों तबला व पखावज के प्रतिभागियों की क्लिप्स स्क्रीन पर आईं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के स्टूडियो में बड़ी टीवी स्क्रीन पर निर्णायकों के सामने प्रदेश स्तर की प्रतियोगिताओं के चैथे दिन अवनद्य वाद्यों तबला व पखावज के प्रतिभागियों की क्लिप्स स्क्रीन पर आईं। कोविड-19 के कारण विपिनखण्ड गोमतीनगर स्थित अकादमी भवन में प्रतियोगिताओं का दूसरा व अंतिम चरण प्रतियोगियों की रिकार्डेड क्लिप्स के आधार पर चल रहा है। प्रतियोगिताओं का कल अंतिम दिन होगा।
अतर्रा बांदा संभाग के बाल वर्ग प्रतिभागी अनमोल कुमार द्विवेदी तबला और पखावज दोनों ही प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान पर रहे। तबलें में उन्होंने तीन ताल तो पखावज पर चारताल और कवित्त प्रस्तुत किया था। तबला बालवर्ग में तीन ताल प्रस्तुत करने वाले कानपुर के सारांश बंसल द्वितीय व झपताल प्रस्तुत करने वाले वासुदेव पाण्डेय को तृतीय स्थान मिले। तबला बाल वर्ग मे विंध्याचल संभाग के राहुलकुमार, वाराणसी के वी.अनन्त कृष्णन, बरेली की आरोही रावत, लखनऊ के मृदुनंदन सनवाल व सार्थक मिश्र, आगरा की सात्विकी सरन व झांसी के प्रियांशु कश्यप का वादन भी स्क्रीन पर निर्णायकों ने परखा।
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तबला किशोर वर्ग में रूपक ताल पेश करने वाले वाराणसी के पुष्कर भागवत पहले, तीन ताल पर प्रस्तुतियां देने वाले मऊ संभाग के प्रेमचन्द्र दूसरे व तीन ताल ही बजाने वाले प्रयागराज के शुभम पटवा तृतीय रहे। तबले में कानपुर के रजत सागर, बरेली के हर्षप्रीत सिंह, वाराणसी के भवेश विक्रम मालवीय, आगरा की अर्चा श्रीवास्तव, मुरादाबाद के अनिमेश शर्मा व अयोध्या के लक्ष्य टेकचंदानी इत्यादि की क्लिप्ंिग्स भी निर्णायकों के सामने से गुजरीं। तबला युवा वर्ग में तीन ताल में उठान, चलनचारी, बाज व टुकड़े आदि दिखाने वाले वाराणसी के देवनारायण मिश्र प्रथम, प्रयागराज के दीपक कुमार साव द्वितीय व मऊ के विजयशंकर मिश्रा तृतीय रहे।
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16 जून को तीनों वर्गों मे कथक नृत्य प्रतियोगिताएं चलेंगी
युवा वर्ग के प्रतिभागियों में बरेली की नन्दिनी रिशीवाल भी शामिल रहीं। पखावज की प्रतियोगिता में बहुत ही कम प्रतिभागी थे। बालवर्ग के प्रथम विजेता के अलावा पखावज किशोर वर्ग में एकमात्र प्रतिभागी अतर्रा बांदा की सिद्धान्ती मणि को भी निर्णायकों ने प्रथम स्थान के लिये चुना। प्रतियोगिताओं का निर्णायक मण्डल में तबला शिक्षक व संगीतज्ञ डा.सुधांश पाण्डेय, वरिष्ठ तबलावादक पं.रविनाथ मिश्र व वरिष्ठ तबलानवाज अरुण भट्ट शामिल थे। प्रतियोगिता संयोजक रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि कल अंतिम दिन 16 जून को तीनों वर्गों मे कथक नृत्य प्रतियोगिताएं चलेंगी।
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