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प्रदूषण में आई कमी, लोगों ने ली राहत की सांस, ये है बड़ी वजह

राजधानी लखनऊ में हवा में प्रदूषण से कुछ राहत मिली है। इस माह पहली बार बीते गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई 269 दर्ज किया गया। गुरुवार को धूप भी खिली तो लोगों को धुंध और दमघोंटू हवा से राहत भी मिली।

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Published on: 13 Nov 2020 3:43 AM GMT
प्रदूषण में आई कमी, लोगों ने ली राहत की सांस, ये है बड़ी वजह
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पुरवाई ने किया प्रदूषण कम, छटी धुंध-छाई धूप तो लोगों ने ली राहत की सांस

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में हवा में प्रदूषण से कुछ राहत मिली है। इस माह पहली बार बीते गुरुवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई 269 दर्ज किया गया। गुरुवार को धूप भी खिली तो लोगों को धुंध और दमघोंटू हवा से राहत भी मिली। मानव जनित इस समस्या का हल भी प्रकृति ने ही निकाला। पूर्वी हवा चलने से लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में प्रदूषण कम होने के कारण लोग राहत की सांस ले रहे है।

इन इलाकों में दिखी कमी

गुरुवार को प्रदूषण से राहत का क्रम शुक्रवार यानी आज भी जारी रहने की संभावना है। शुक्रवार को सुबह 7ः00 बजे राजधानी लखनऊ के गोमती नगर और इंदिर नगर जैसे रिहाइशी इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक काफी नीचे गिर कर 155 दर्ज हुआ। जबकि अलीगंज में 257 रहा। शहर के व्यवसायिक इलाके हजरतगंज व लालबाग में भी प्रदूषण में कमी देखने को मिली। इन व्यवसायिक इलाकों में एक्यूआई 310 दर्ज किया गया। प्रदूषण की यह गिरावट राजधानी के औद्योगिक क्षेत्र तालकटोरा में भी देखने को मिली। यहां एक्यूआई 381 दर्ज किया गया।

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यूपी के अन्य जिलों में शुक्रवार सुबह 07ः00 बजे दर्ज किए गए वायु गुणवत्ता सूचकांक आगरा में 284, बागपत में 299, बुलंदशहर में 273, गाजियाबाद में 368, ग्रेटर नोएडा में 378, हापुड़ में 198, कानपुर में 284, मेरठ में 274, मुजफ्फरनगर में 252, नोएडा में 348 तथा वाराणसी में 195 दर्ज किया गया।

पूरे यूपी में देखने को मिला असर

इसके पहले प्रकृति के सहयोग और प्रदूषण बोर्ड समेत अन्य सरकारी संस्थाओं के चेतने और की गई कार्यवाहियों के का नतीजा रहा कि गुरुवार को राजधानी लखनऊ में वायु गुणवत्ता सूचकांक नीचे गिर कर 269 दर्ज किया गया और हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा भी कम हुई। इसका असर पूरे यूपी में देखने को मिला। यूपी के सबसे ज्यादा खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक वाले जिलों में शामिल आगरा में एक्यूआई 309, बागपत में 300, बुलंदशहर में 292, गाजियाबाद में 328, ग्रेटर नोएडा में 327, हापुड़ में 227, कानपुर में 300, मेरठ में 256, मुजफ्फरनगर में 240, नोएडा में 305 तथा वाराणसी में 157 रहा। इस दौरान प्रदूषण को लेकर सख्त हुए यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमें लगातार निरीक्षण व छापेमारी कर रही है।

आर्थिक दंड लगाये जाने की बात

गुरुवार को प्रदूषण बोर्ड की टीम ने डालीगंज पुल के पास सीवर लाइन डाल रहे जल निगम द्वारा जिन स्थानों पर खुदाई की जा रही है, वहां धूल रोकने के लिए कोई प्रबंध न किए जाने और खुदाई स्थल पर पीटीजेट कैमरा न लगे होने पर जल निगम को नोटिस जारी किया है। इसके अलावा गोमती नगर स्थित मां अंबे इंफ्रा हाइटेक और माल रोड़ स्थित सदभाव इंजीनियरिंग लिमिटेड को नोटिस जारी कर कहा गया कि आर्थिक दंड लगाये जाने की बात कही गई है।

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बता दें कि बीती 17 अक्टूबर को राजधानी लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 249 था तथा 19 अक्टूबर को यह 300 पर पहुंच गया और नवंबर माह में तो एक्यूआई 350 को भी पार कर गया। हालांकि शुरू में प्रदूषण बढ़ने का मामला केवल औद्योगिक क्षेत्र तक ही सीमित था लेकिन फिर धीरे-धीरे इसने राजधानी के लालबाग और हजरतगंज जैसे व्यवसायिक क्षेत्रों के साथ ही गोमती नगर और अलीगंज जैसे आवासीय क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में ले लिया। हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा भी लगातार बढ़ती जा रही थी, जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायत शुरू हो गई थी।

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