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मझवां विस सीट से सपा प्रत्याशी रहे रोहित शुक्लाः राजनीति में न आता तो पायलट होता
रोहित शुक्ला ने कहाकि जिले में राजनाथ सिंह और पकौड़ी लाल कोल और रमेश बिंद को ले लिया जाय तो कुल ग्यारह प्रतिनिधि है। आशीष पटेल एमएलसी हैं। इतने प्रतिनिधि होने के बाद शास्त्री सेतु पुल तक को नहीं बनाया गया। जनप्रतिनिधियों ने कोई विकास नहीं किया।
ब्रृजेंद्र दुबे
मीरजापुर। समाजवादी पार्टी के मझवां विधानसभा से प्रत्याशी रह चुके रोहित शुक्ला लल्लू बताते हैं, वह जीडी बिन्नानी कॉलेज से एमकॉम के छात्र रहे और वकालत की शिक्षा बीर बहादुर पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर से ग्रहण की। छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़ गए थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से मझवां से चुनाव लड़े थे। जिसमें कुल 44212 मत प्राप्त हुए। हालांकि जीत नहीं मिल पायी लेकिन जनता का प्यार मिला।
राजनीति में प्रवेश
रोहित शुक्ला ने बताया कि वह सामान्य वर्ग से है। उनके पिता कृष्ण कुमार शुक्ला संग्रह अमीन के पद पर तैनात थे। लेकिन दुर्भाग्य वश उनका देहांत सन 1990 में हो गया। जिसके बाद उनकी जगह पर मेरी माँ को क्लर्क की नौकरी मिल गयी। उसी के सहारे हम लोगो की शिक्षा दीक्षा हुई।
वह कहते हैं कि ना हमारे घर से कोई सांसद है, ना ही विधायक है। हम मिडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखते हैं। छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत के बाद अखिलेश यादव के नेतृत्व में कार्य करने लगा और पार्टी की विचारधारा को जनता के बीच पहुंचाने लगा।
राजनीति में नही आते तो पायलट होते
रोहित शुक्ला ने बताया कि जब मैं दसवीं का छात्र था तब मेरी तमन्ना जहाज उड़ाने की थी। लेकिन कुछ परिस्थितियां और माहौल ऐसा रहा कि हमने ग्यारहवीं से साइंस छोड़ कर कामर्स ले लिया। उसके बाद से हमारे राजनीति कैरियर की शुरुआत हुई। अगर हम राजनीति में नहीं आते तो बेशक पायलट बनते। आज हवाई जहाज उड़ा रहा होते।
महंगे चुनाव पर राय
रोहित शुक्ला ने बताया कि चुनाव महंगे होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। चुनाव महंगे इसलिए हो रहे हैं कि बड़े बड़े पैसे वाले राजनीति को अपनी जागीर समझ कर जनता को पैसे के बल पर बरगलाने का कार्य करते हैं।
हमारे आदर्श हमारे नेता अखिलेश यादव हमेशा कहते हैं कि हम समाजवादी लोगों ने काम किया है जिसके दम पर हम जनता के बीच मे फिर से जाएंगे। हम मध्यम वर्ग परिवार से हैं हमारे पास बहुत पैसा नहीं है हमारी पार्टी , चुनाव समिति ने जो पैसा निर्धारित किया था हम उतने पैसे में ही चुनाव लड़े थे।
चुनाव सुधार के लिए राय
रोहित शुक्ला ने कहाकि चुनाव में बिल्कुल सुधार की आवश्यकता है। धनबल और बाहुबल की राजनीति नहीं होनी चाहिए। जो व्यक्ति जनता के बीच मे जाता हो, जनता के बीच रहता हो, जनता की मदद करता हो, उसे चुनाव लड़ने की प्राथमिकता जरूर होनी चाहिए। धनबल और बाहुबल पर रोक लगनी चाहिए। पढ़े लिखे प्रत्याशियों को मौका मिलना चाहिए।
जीवन का सबसे खुशी का पल
रोहित शुक्ला ने बताया कि हम एक मध्यम परिवार से ताल्लुक रखते है। हमारे पास उतना धन नहीं था जितना आज विधायक के प्रतिनिधि चुनाव में खर्च करते हैं। मेरी माँ कचहरी में कार्य करती थी।
हमारे नेता अखिलेश यादव ने जिस दिन हमें चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया। वह पल हमारे जीवन का सबसे खुशी का पल था। हमारी हैसियत से बढ़ कर हमारे नेता अखिलेश यादव ने हमे टिकट दिया। हम कभी सोचे नही थे। वह पल हमारे लिए ऐतिहासिक पल था। जिसे हम जिंदगी भर नही भूल सकते।
जीवन का सबसे दुख का पल
रोहित शुक्ला ने बताया कि जीवन का सबसे दुख का पल एक बार आया था। जब हम दिन रात मेहनत किये चुनाव जीतने के लिए। लेकिन हम अपने घरवालो का दिल नहीं जीत पाए। जबकि हम मझवां विधानसभा के हर घर, हर गाँव, बच्चो, बड़े, माताएं, बहने सबसे मिन्नते किये थे सबसे मिल कर आये थे। लेकिन जब हम चुनाव हार गए थे। वह समय हमारे जीवन का सबसे दुख का पल था।
राजनीति के बाद अपना समय
इस सवाल का जवाब रोहित शुक्ला ने बड़े बेबाकी से जवाब देते हुए कहाकि जीवन जीने के लिए चौबीस घंटे मिलते है। जिसमे केवल आठ घंटे अपने परिवार के पास समय बिताते हैं। बाकी का समय और जीवन पार्टी के लिए समर्पित कर दिया हूँ। चाहे मैं जिले पर हूँ या फिर लखनऊ में हूँ हम दिन रात पार्टी के लिए कार्य करते रहते है।
हमारे क्षेत्र की 44212 लोगो ने अपना मत दिया है। हम चौबीस घंटे जनता के संपर्क में रहते है। उनकी मदद करते है। उन्होंने कहा जब तक जीवित रहेंगे अखिलेश यादव जिन्दाबाद करते रहेंगे। जब जीवित नही रहेंगे तभी राजनीति और पार्टी से सन्यास लेंगे।
राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र
उन्होंने कहाकि बेशक समाजवादी पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र कायम है। हमारे पार्टी का छोटा से छोटा कार्यकर्ता अपने शीर्ष नेतृत्व से अपनी बात को रखता है। चाहे वह पत्र का माध्यम हो , चाहे वह फोन का माध्यम हो, चाहे वह ईमेल का माध्यम हो, हर तरीके से कार्यकर्ताओ की बात सुनी जाती है। अन्य पार्टियों की बात नही बता सकता लेकिन समाजवादी पार्टी का एक छोटा सा कार्यकर्ता शीर्ष नेतृत्व से अपनी बात अपना सुझाव रख सकता है। जिसकी वजह से हमारे पार्टी में एकता है।
वर्तमान विधायक
रोहित शुक्ला ने वर्तमान विधायक पर निशाना साधते हुए कहाकि सुचिस्मिता मौर्या विधायक जरूर बन गयी हैं। लेकिन वह ना ही क्षेत्र में रहती हैं। ना ही जनता के बीच रहती हैं। ना ही समाज मे रहती हैं। हमारे विधानसभा में कुल तीन ब्लाक हैं। जिसमे सिटी ब्लाक, मझवां ब्लाक, पहाड़ी ब्लाक शामिल है।
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विधायक के बारे में सरकारी मुलाजिमों से पूछ लीजिए। चाहे थाने के इंस्पेक्टर हो, बीडीओ हो, एसडीएम हो, विधायक के तौर पर वह दिखती नही है। जनता उनको खोज रही है। विधायक का जनता इंतजार कर रही है। आगामी विधानसभा चुनाव में वोट मांगने आती हैं तो उनको जनता निश्चित तौर पर जवाब देगी।
कितने नंबर देंगे
रोहित शुक्ला लल्लु ने कहा वर्तमान विधायक को मै शून्य नम्बर दूंगा। इसलिए दूंगा चूंकि मैं क्षेत्र में स्वयं आता जाता रहता हूँ। लेकिन कभी हमने उन्हें जनता की समस्याओं का निवारण करते नहीं देखा है। जनता के बीच मे दिखाई नही देती है। जनता खुद अपने विधायक को खोज रही है। लेकिन वह जनता से मिल नहीं रही हैं। इसलिए उन्हें दस नम्बर में से शून्य नम्बर दूंगा।
आपकी जनता से क्या अपेक्षाएं हैं
रोहित शुक्ला ने बताया कि सबसे पहले जनता जनार्दन हमारा परिवार है। जो हमारे लिए देवतुल्य है। हमारा परिवार है। जनता जनार्दन से हमारी एक ही अपेक्षा है। जो पिछले चुनाव में बहक गए थे। वह इस बार बहकेंगे नहीं।
क्षेत्र के विकास पर क्या कहेंगे
जमतुआ बंधी का निर्माण, विंधामफाल, लोवर खजूरी, अपर खजूरी, सुंदरीकरण का कार्य, पर्यटन के क्षेत्र में मझवां विधानसभा को बढ़ावा देना। झिंगुरा हवाईपट्टी जो वर्षो से बन्द पड़ा है। उसको चालू कराना।
मझवां विधानसभा में उन्नीस कैनाल पम्प बन्द पड़ा है। उसको तत्काल चालू कराना जिससे हमारे किसान भाइयों को सिचाई की समस्या से निजात मिल सके। बेलवन नदी का पुल शुरू करना।
मझवां विधानसभा में चौबीस घंटे बिजली दिलाना। हर गाँव में सड़क देना। हर गाँव को नेशनल हाइवे से जोड़ना। शिक्षा के क्षेत्र में विंध्य विश्व विद्यालय की स्थापना कराना।
मैं मझवां विधानसभा का विधायक नहीं बनना चाहता। मैं मझवां का बेटा बनना चाहता हूं। किसी का भाई बनना चाहता हूं। किसी का साथी बनना चाहता हूं। क्षेत्र में विधायका ने कोई कार्य नही किया है। एक सिंगल सड़क का पेंटिंग का कार्य तक नहीं करा पायी हैं। साढ़े तीन वर्ष का समय बीत चुका है।
क्षेत्र की जनता बता दे कि कोई नयी सड़क बनी है। हम पांच हजार रुपये का पुरस्कार देंगे। विधायक अपना समय काट रही हैं।
विधायक निधि का उपयोग
रोहित शुक्ला ने कहाकि विधायक निधि जनता के बीच कहीं नही दिखी। अगर विधायक सुचिस्मिता मौर्य ने कार्य कराए होते तो विधायक निधि का बोर्ड लगा होता। जहां तक हमे लगता है। विधायक निधि को बेचा गया है। उसका सही सदुपयोग नहीं किया गया है।
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जनता जब विधायक से मिलने जाती है तो उनसे मिलना मुश्किल हो जाता है। कुछ उनके नुमाइंदे हैं। वही विधायक के मार्गदर्शक हैं। वही विधायक निधि भी चलाते हैं।
क्या नौकरशाही के चलते कुछ कार्य रुके हैं
रोहित शुक्ला ने कहाकि नौकरशाही के चलते मझवां विधानसभा का विकाश नहीं हो पाया है। जो जनता की समस्याएं हैं उनका समाजवादी पार्टी के शासनकाल में सभी योजनाओं का पैसा दिला दिया था। लेकिन सरकार बदलने के बाद नौकरशाही की कमजोरी की वजह से हमारे विधानसभा का विकास रुक गया।
जिले में रेडियोलॉजिस्ट की समस्या पर
रेडियोलॉजिस्ट की समस्या के बारे में पूछने पर रोहित शुक्ला ने तपाक से जवाब देते हुए कहाकि हम स्वयं जिलाधिकारी को इस समस्या के बारे में पत्रक देकर अवगत कराएं है। जब हमारी समाजवादी की सरकार बनेंगी उस समय हम अच्छे से अच्छे मूलभूत सुविधाओं से मंडलीय अस्पताल को लैस करेंगे। किसी को सोनभद्र और वाराणसी नही जाना पड़ेगा।
क्या कुल आठ जनप्रतिनिधियों ने मिलकर जिले का क्या विकास किया
रोहित शुक्ला ने कहाकि जिले में राजनाथ सिंह और पकौड़ी लाल कोल और रमेश बिंद को ले लिया जाय तो कुल ग्यारह प्रतिनिधि है। आशीष पटेल एमएलसी हैं। इतने प्रतिनिधि होने के बाद शास्त्री सेतु पुल तक को नहीं बनाया गया। हमने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से शिकायत की तब उन्होंने विधानसभा के प्रश्नकाल में प्रश्न उठाया। इसके बाद विधानसभा ने छह करोड़ रुपये आवंटित हुआ। जनप्रतिनिधियों ने कोई विकास नहीं किया।