×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

तबलीगी जमात पर कोर्ट के फैसले का अरशद मदनी ने किया स्वागत, कही ये बात

मौलाना ने कहा है कि न्यायालय का ये फैसले उन लोगों के मुंह पर जोरदार तमाचा जो देश की शांति को भंग करने और देश में शत्रुता फैलाने के प्रयास में लगे थे।

Newstrack
Published on: 23 Aug 2020 11:43 PM IST
तबलीगी जमात पर कोर्ट के फैसले का अरशद मदनी ने किया स्वागत, कही ये बात
X
Maulana Sayyad Arshad

सहारनपुर: बॉम्बे हाई कोर्ट के औरंगाबाद की डिवीजन बेंच के तबलीगी जमात के बारे में दिए गए फैसले का जमीअत उलमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने स्वागत करते हुए उसे ऐतिहासिक करार दिया है। साथ ही मौलाना ने कहा है कि न्यायालय के इस फैसले ने उन लोगों के मुंह पर जोरदार तमाचा मारा है जो देश की शांति को भंग करने और देश में शत्रुता फैलाने के प्रयास में लगे थे।

यह फैसला देश के भाईचारे को नष्ट करने का प्रयास कर रहे लोगों के मुंह पर तमाचा

हाई कोर्ट के फैसले पर बोदलते हुए मौलाना मदनी ने कहा कि तबलीगी जमात को लेकर जिस तरह से मीडिया के एक धड़े ने देश के सामाजिक ताने-बाने और भाईचारे को नष्ट करने का प्रयास किया था। यह फैसला उनके मुंह पर एक तमाचा है। और आशा है कि वह अदालत के इस फैसले से सीख लेंगे और गांधी के देश में शत्रुता की जगह प्यार और मोहब्बत को बढ़ाने का प्रयास करेंगे। मीडिया के नफरत फैलाने की कार्यशैली को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मुक़दमा लड़ रही जमीयत के अध्यक्ष मौलाना मदनी ने कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट के औरंगाबाद की डिवीजन बेंच के फैसले के बाद भी अगर मीडिया की विभाजन कारी नीतियों और भारत की एकता और सभ्यता को नष्ट करने के प्रयासों पर लगाम नहीं लगाया गया तो यह देश की एकता के लिए घातक होगा।

Maulana Sayyad Arshad Maulana Sayyad Arshad

मौलाना मदनी ने कहा कि मीडिया की विभाजन कारी नीतियों पर सरकार की खामोशी उसके समर्थन की पुष्टि कर रही है। ज्ञात रहे कि जमीयत उलेमा ए हिन्द की तरफ से अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने बीती सुनवाई को अदालत को बताया था कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन सिर्फ उन लोगों पर कार्रवाई कर सकती है जो उन के सदस्य हैं। लेकिन इस मामले में कई एक ऐसे संस्थान भी हैं जो इनके सदस्य नहीं हैं। इसलिए इन पर कार्यवाही कौन करेगा?

ये भी पढ़ें- इस जिले में कोरोना ने तोड़े सारे रिकार्ड: 24 घंटे में मिले इतने मरीज, मचा हड़कंप

सरकार इस मामले में उन न्यूज़ चैनल पर कार्रवाई करे। उन्होंने अदालत को बताया कि इस मामले में हुकूमत भी कुछ नहीं कर रही है। जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि यह हमारा तजुर्बा है कि जब तक हम हुकूमत को आदेश नहीं देते हुकूमत कुछ नहीं करती। चीफ जस्टिस ने यूनियन ऑफ इंडिया का पक्ष रख रहे तुषार मेहता से कहा कि वह उन पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह सच्चाई है।

अदालत ने विदेशियों को ज़िम्मेदार ठहराने पर मीडिया को घेरा

Bombay Highcourt Aurangabad Bench Bombay Highcourt Aurangabad Bench

अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा दिल्ली आने वाले विदेशियों के खिलाफ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बहुत बड़ा प्रोपेगेंडा किया गया। एक ऐसा माहौल बनाने का प्रयास हुआ जिसमें इस बात को बताया गया कि यह विदेशी कोविड-19 इंफेक्शन के जिम्मेदार हैं। अदालत ने यह भी कहा कि भारत में इंफेक्शन से संबंधित हालिया आंकड़ों से ज्ञात होता है कि उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए थी।

ये भी पढ़ें- सिद्धार्थ-संदीप पर हो थर्ड डिग्री का इस्तेमाल, सुशांत के चचेरे भाई ने की मांग

विदेशियों के खिलाफ की जाने वाली कार्यवाही की भरपाई के लिए पॉजिटिव स्टेप उठाए जाने की जरूरत है। 58 पन्नों पर आधारित फैसले में जस्टिस टीवी नलवाडे और जस्टिस एमजी सेवलिकर की डिवीजन बेंच ने कहा ऐसा मालूम होता है कि राज्य सरकार ने सियासी मजबूरी के तहत काम किया और पुलिस ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल नहीं किया।

रिपोर्ट- नीना जैन



\
Newstrack

Newstrack

Next Story