भू-माफियाओं पर चला चाबुक, सहारनपुर प्रशासन ने जमीन से हटाया अवैध कब्जा

आपको बता दें कि इन कब्जों के चलते सरकारी रेवेन्यू का काफी नुकसान हो रहा था। इतना ही नहीं पिछले काफी समय से यहां पर भू माफियाओं ने कब्जा कर रखा था। तट बंद सुरक्षित रहे इसके लिए जब सर्वे करवाया गया तो पाया गया 243 हेक्टेयर भूमि यमुना नदी के नाम स्थित है।

Chitra Singh
Published on: 23 Feb 2021 1:36 PM GMT
भू-माफियाओं पर चला चाबुक, सहारनपुर प्रशासन ने जमीन से हटाया अवैध कब्जा
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सहारनपुर। उत्तर प्रदेश का सहारनपुर जनपद और हरियाणा राज्य की सीमा के बीच में यमुना नदी प्रवाहित होती है। नदी की सीमा पर तटबंध बाढ़ रोकने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जनपद के बेहट तहसील में भू माफियाओं पर तटबंध तोड़ने का आरोप ग्रामीणों ने लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है जिसमें सिंचाई विभाग को जांच भी सौंप दी गई है।

अवैध कब्जा

इसके बाद यमुना नदी के किनारे बने तट बंध को लेकर सहारनपुर प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना हो गया है। और बाढ़ को रोकने के लिए इन तटबंध को मजबूत बनाना भी शुरू कर दिया है। इसी के चलते तटबंध की सुरक्षा के मद्देनजर अब सहारनपुर जनपद की नकुड तहसील में अवैध कब्जों को हटाया जा रहा है। तहसील नकुड़ ग्राम ढीका कलां और ढीका टपरी में भू माफियाओं द्वारा यमुना नदी 243 हेक्टेयर भूमि पर किए गए। अवैध कब्जे को बलपूर्वक खाली कराया गया। इतना ही नहीं तटबंध वाले ग्राम बाढ़ की स्थिति स्थिति में बचे रहें और भूमाफिया इस पर दोबारा कब्जा ना कर सके इसके लिए वृक्षारोपण भी कराया जा रहा है।

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सरकारी रेवेन्यू को हुआ नुकसान

आपको बता दें कि इन कब्जों के चलते सरकारी रेवेन्यू का काफी नुकसान हो रहा था। इतना ही नहीं पिछले काफी समय से यहां पर भू माफियाओं ने कब्जा कर रखा था। तट बंद सुरक्षित रहे इसके लिए जब सर्वे करवाया गया तो पाया गया 243 हेक्टेयर भूमि यमुना नदी के नाम स्थित है। जिस के मुख्य भाग में कुछ भू माफियाओं द्वारा उसमें कब्जा कर रखा था, जिसके बाद उप जिलाधिकारी ने भूमि को केवल अवैध कब्जों से मुक्त ही नहीं कराया, बल्कि यहां पर वृक्षारोपण करने के भी आदेश जारी कर दिए। ताकि तटबंध और ज्यादा मजबूत हो सके। इतना ही नहीं कुछ ऐसे लोग भी सामने आए जिनके पास कोई और रोजगार नहीं था। उन्हें भी रोजगार उपलब्ध कराने की बात उप जिलाधिकारी द्वारा की गई।

saharanpur

भू माफियाओं को चेतावनी

उप जिला अधिकारी ने बताया कि ऐसे कई ग्रामीण भी हैं जिनकी भूमि यमुना नदी में समाहित हो गई है। ऐसी स्थिति में वह जिस भूमि पर खेती कर रहे हैं। उनको नहीं छेड़ा गया है। लेकिन साथ में भू माफियाओं को यह भी चेतावनी दे दी गई है कि यदि वह कौन है भूमि पर कब्जा करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पहले उन पर जुर्माना लगाया जाएगा उसके बाद एफ आई आर भी दर्ज की जा सकती है।

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कब्जा धारकों के खिलाफ कार्रवाई

बालाजी इंटरप्राइजेज के सचिन मार्कंडेय ने बताया कि क्षेत्रीय लोगों द्वारा हमें दे के सरकारी पट्टे के आसपास की भूमि को कुछ लोगों द्वारा कब्जा करने से दिक्कत आ रही थी। वह इस पर खेती कर भूमि पर कब्जा किये हुये थे। उनके द्वारा अधिकारी को इस संबंध में शिकायत कर सभी संबंधित कागजात भी उपलब्ध कराए गए। उसके बाद प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को समझाया और कब्जा धारकों के खिलाफ भी कार्रवाई भी की गयी। फिलहाल सहारनपुर प्रशासन यमुना नदी के तटबंध की सुरक्षा को लेकर कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहता ताकि गांवों को बाढ़ से बचाया भी जा सके।

रिपोर्ट- मीना जैन

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