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Saharanpur News: किसानों ने फसल उत्पादन गोष्ठी में रखी मन की बात, अधिकारियों ने दी आय बढ़ाने समेत अन्य सुझाव
Saharanpur News: सहारनपुर और मेरठ मंडल के किसानों ने आज अपनी समस्या को मंडलीय खरीफ अभियान फसल उत्पादन गोष्ठी मे कृषि उत्पादन आयुक्त उत्तर प्रदेश शासन के समक्ष बड़े ही खुले मन से रखते हुए उसके निराकरण की बात कही।
Saharanpur News: सहारनपुर और मेरठ मंडल के किसानों ने आज अपनी समस्या को मंडलीय खरीफ अभियान फसल उत्पादन गोष्ठी मे कृषि उत्पादन आयुक्त उत्तर प्रदेश शासन के समक्ष बड़े ही खुले मन से रखते हुए उसके निराकरण की बात कही। किसानों ने गोष्ठी में खनन पॉपुलर आवारा एवं जंगली पशुओं से होने वाली समस्याओं तथा बिजली विभाग द्वारा किसानों की को सहयोग ना किए जाने जैसी कई समस्याओं पर प्रकाश डाला तो वही वर्तमान में युवा कृषि से दूर भाग रहा है उसका मोहभंग हो रहा है इस विकराल समस्या पर भी उनका ध्यान आकृष्ट किया। सहारनपुर मंडल और मेरठ मंडल के सभी जिलों के किसान तथा कई जनपदों के जिलाधिकारी और कृषि विभाग संबंधित सभी अधिकारी गांधी पार्क स्थित जनमंच प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया।
दूर-दूर से आए किसानों ने गोष्ठी में अपनी समस्याएं रखी
आयोजित गोष्ठी में दूर-दूर से आए किसानों ने अपनी समस्याएं रखी तो वही मेरठ मंडल की मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे तथा सहारनपुर मंडल के मंडल आयुक्त हृसिकेश भास्कर यशोद, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण आरके तोमर प्रधान वैज्ञानिक एपीडा, वैज्ञानिक डॉ विकास मलिक डॉक्टर पी सी फसल प्रगतिशील कृषक पदम श्री सेठ पाल तथा अन्य कृषि अधिकारियों ने उन बिंदुओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया जिससे किसानों की आय और नई तकनीकी कृषिअनुकरण कर उन्नति के मार्ग पर चला जा सकता है।
उन्होंने कृषकों की आय बढ़ाने, फसल की उत्पादकता बढ़ाने, मशीनरी का उपयोग, बासमती धान की उन्नत प्रजातियां, निर्यात और मांगों के साथ-साथ पेस्टिसाइड के तकनीकी बिंदुओं की भी जानकारी दी। उन्होंने नई आधुनिक कृषि की नई नई तकनीकों की ओर ध्यान आकृष्ट किया साथ ही यहां लगे स्टॉल की महत्व को भी बताया। जहां मोटे अनाज को स्वस्थ रहने का राज बताया गया था तो वही प्राकृतिक जैविक खेती के रूप में भी विस्तृत जानकारी विभिन्न उत्पादों द्वारा दी गई।
आवारा और जंगली पशु समस्या से निराकरण के लिए फेसिंग की मांग
मेरठ से आए किसान सौभान सिंह का कहना था कि बिजली विभाग किसानों को मात्र 10 घंटे बिजली देता है, जिससे फसल उत्पादन प्रभावित हो रहा है। आवारा और जंगली पशु समस्या से निराकरण के लिए फेसिंग की मांग की। तथा कृषि की नई तकनीक को डेमो द्वारा किसानों को सिखाने की बात कही। आज उनकी सबसे बड़ी समस्या है कि उनके बच्चे लंबित भुगतान हाथ में पैसा ना होने के चलते कृषि ना कर नौकरी करना बेहतर समझ रहे हैं।
मुजफ्फरनगर से आए किसान अरविंद मलिक ने मिट्टी के खनन, ईंटों के भट्टे, पॉपुलर की ऊंचाई और आवारा पशुओं से कृषि को नुकसान जैसी कई समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि उनके 5 बच्चे हैं लेकिन कोई भी हाथ नहीं बटाता मैं नौकरी करना ज्यादा बेहतर समझते हैं बजाय इसके खेती करना।